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Muawiya Zafar Ghazali Mustafai
Belief “ मुसलमानों अब उठो उठने का वक्त हैं अब दुनिया को मालूम होना ही चाहिए कि हमारा आंसुओं की कीमत क्या हैं ” #ग़ज़ाली! —@फ़कीर मुआविया ज़फ़र ग़ज़ाली “रज़वि नूरी क़ादरी अमरोहिवी”
—@फ़कीर मुआविया ज़फ़र ग़ज़ाली “रज़वि नूरी क़ादरी अमरोहिवी”
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“ नाम तॆरा मॆरी जुबान पर खुद ही आ जाता हैं , जब कॊई मुझसॆ पूछता हैं पहली ख्वाइश मॆरी ” #ग़ज़ाली!!. —@फ़कीर मुआविया ज़फ़र ग़ज़ाली “रज़वि नूरी क़ादरी अमरोहिवी”
—@फ़कीर मुआविया ज़फ़र ग़ज़ाली “रज़वि नूरी क़ादरी अमरोहिवी”
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“ शीशे में डूब कर पीते रहे उस जाम को, कोशिशे तो बहुत की मगर भुला ना पाए उस एक नाम को ” #ग़ज़ाली —@फ़कीर मुआविया ज़फ़र ग़ज़ाली “रज़वि नूरी क़ादरी अमरोहिवी”
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“ जब मुसीबतें ना ख़तम होती हो और ना हीं हल होने का नाम ले तो अस्तगफार ओ दुरूद शरीफ़ को थाम लो अल्लाह हर चीज़ से नवाज़ता जाएगा ” #ग़ज़ाली~ #Gül@@m é Àlì F@kéér Mú@vìy@ z@f@r g@z@lì
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मोदी जी को रात में सोते वक़्त एक मच्छर ने काट लिया और गुस्से में रात भर मोदी जी मच्छर के पीछे चप्पल लेकर भागते रहे !. लेकिन मोदी जी मच्छर मार नहीं पाए ऐसे करते करते सुबह हो गयी मोदी जी बोले चलो इसे मार तो नहीं पाया लेकिन इस बात की खुशी है कि रात भर मैंने इसे भी सोने नहीं दिया !....😅😅 शुक्रिया😅 #ग़ज़ाली #Gül@@m é Àlì F@kéér Mú@vìy@ z@f@r g@z@lì
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Hope “देख नेमत ए इश्क़ की किसी को खबर ना हो दिल में हज़ार दर्द है पर आँखे तर ना हो, मुद्दत में शाम ए वस्ल हुई है मुझे नसीब कई बरस तक या इलाही यहा सहर ना हो” #ग़ज़ाली!... 0
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“क्या ज़रूरी हैं कि हम हार के जीते ग़ज़ाली , इश्क़ का खेल हैं बराबर भी तो हो सकता ” ~ग़ज़ाली #Gül@@m é Àlì F@kéér Mú@vìy@ z@f@r g@z@lì
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करते है मेरी कमियों को बयां ऐसे लोग अपने किरदार में फ़रिश्ते हो जैसे! #ग़ज़ाली #Gül@@m é Àlì F@kéér Mú@vìy@ z@f@r g@z@lì
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मुंह बनाकर जिस बासी खाने को तुम रात फैक आए थे साहब, कई दिनों से भूखा बच्चा उसे बड़े चाव से खा गया! #ग़ज़ाली #Gül@@m é Àlì F@kéér Mú@vìy@ z@f@r g@z@lì
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“ग़ज़ाली ना उठ ना बिख्र किसी के इश्क़ में तू बस सजके सवर जा नबी के इश्क़ में तू, सुन्नत पर चल और सुन्नत पर हो खात्मा तेरा ऐसी एक ख़ुशबू बनकर महक जा कायनात में तू”! #अल ग़ज़ाली #Gül@@m é Àlì F@kéér Mú@vìy@ z@f@r g@z@lì
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