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Abid
मोहब्बत है मुझे उनसे मगर हम कह नहीं सकते अगर इंकार होगा तो खुदाया सह नहीं सकते बहुत उम्मीद करता हू बिना सोचे बिना जाने बिना लहरों के पानी मे सफ़ीने बह नहीं सकते #श्वेता_अग्रवाल #yqsayyed #yqdidi #yqtales #yqquotes #thoughts #love #YourQuoteAndMine Collaborating with श्वेता अग्रवाल
Abid
तेज़ है मेरी कलम तेरी तलवार से, हैरत मे रेह जाओगी मेरी रफ्तार से तलवार के समक्ष,मीठी छुरी की नहीं औकात। #श्वेता_अग्रवाल #yqdidi #yqquotes #yqthoughts #speak #tongue #YourQuoteAndMine Collaborating with श्वेता अग्रवाल
Abid
Teri ulfato ka aaj mai bhi hisaab likh du, Dekha tha jo hosh me wo Ta'abire khvaab likh du. आप भी एक किताब लिखिए दर्द के साथ collab में। 😎 #कोमल_वाणी #अधूरी_ख़्वाहिश #yqbaba #bestyqhindiquotes #yqdidi #श्वेता_अग्रवाल #YourQuoteAndMine Collaborating with कोमल 'वाणी' Collaborating with श्वेता अग्रवाल
Nitin Kr Harit
चलो राहत है, कुछ ज़िंदा हुआ हूँ अब, अपने न सही, गैर पूछते तो हैं मेरा सबब।। #श्वेता_अग्रवाल #yqdidi #yqquotes #YourQuoteAndMine Collaborating with श्वेता अग्रवाल #nkharit
श्वेता अग्रवाल 'ग़ज़ल'
तोड़ - फोड़ करने का, है मुझको अधिकार उठाकर मारूंगा पत्थर, कौन करे पलटवार। चाहे जलाऊं रेल गाड़ी, या आग में झोंकू बस मेरी हिम्मत के आगे, झुक जाती है सरकार। परवाह देश सम्पत्ति की, मेरे ख्यालों में नहीं देश के लिये जान देना, इरादा ये नहीं स्वीकार लेकर डंडा हाथ में, उत्पात मचाता हर गली विद्रोही कहदो चाहे, हरदम लड़ने को तैयार। भविष्य की चिंता, हर पल कुछ ऐसे सताती है बिन मेहनत के मिल जाए, बंगला और कार। सरकारी नीतियों से भला,मेरा क्या भला होगा युवा हूँ मैं जोशीला, क्या करूँ बनकर समझदार भारत की आवाज़ बन, शर्मसार करता देश को अच्छी बातें समझ न आये,मैं पढ़ा लिखा गवार। ©श्वेता अग्रवाल 'ग़ज़ल' #श्वेता #श्वेता_अग्रवाल #ग़ज़ल #श्वेता_ग़ज़ल #nojoto #Agnipath #gazal
श्वेता अग्रवाल 'ग़ज़ल'
श्वेता अग्रवाल 'ग़ज़ल'
नववर्ष की बेला सुहानी, धरती माँ मुस्कायी है। हिंदुत्व ही पहचान जिसकी, आँखें वो हर्षायी है।। ©श्वेता अग्रवाल 'ग़ज़ल' #श्वेता_अग्रवाल #नववर्ष #writersofinstagram #navratri2021
श्वेता अग्रवाल 'ग़ज़ल'
पिंजरे में फँसे चुंहे की तरह, छटपटाती हैं ख्वाहिशें, जिम्मेदारी और मर्यादा की चार दीवारी में क़ैद होकर। पर ये चुंहे सिर्फ औरत का प्रतीक हो यह जरूरी नहीं, पुरुष को भी देखा है मैंने छटपटाते हुए। ©श्वेता अग्रवाल 'ग़ज़ल' #श्वेता_अग्रवाल #श्वेता_ग़ज़ल #Life #nojotohindi
श्वेता अग्रवाल
आँखों से बिछड़कर, लबों से टकरा गया। हर कतरा मोहब्बत का, दिल से दफा किया। -श्वेता अग्रवाल 'ग़ज़ल' #श्वेता #श्वेता_अग्रवाल #nojoto #Broken #LookingDeep
श्वेता अग्रवाल
हुई समंदर उसकी आँखें, मैं साहिल ढूँढता हूँ, अश्क के प्रतिबिंब में झाँक, कातिल ढूँढता हूँ। अल्फ़ाज़ यूँ अटक गये हैं, सूखे अधरों पर उसके, किसने चुराई लाली होठों की, संगदिल ढूँढता हूँ। उलझी हैं जुल्फें, और बिखरे हैं उसके जज़्बात, क्यों आसान नहीं सुलझाना, मुश्किल ढूँढता हूँ। नाज़ुक बदन पर , नाखून के निशां दागे दर्दनाक, लूटकर आबरू कौन भागा, वो बुज़दिल ढूँढता हूँ। ए 'ग़ज़ल' क्यों मौन है, सन्नाटे को चीर के चीख, छलनी किया जिसने ये दिल , वो बेदिल ढूँढता हूँ। श्वेता अग्रवाल 'ग़ज़ल' #Nojoto #श्वेता_अग्रवाल #Life_experience #girl