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Pankaj Singh Chawla
जो तुम्हारा दिल चाहे मुझे वो लिखों, अपनी चाहत, अपनी पहचान लिखों, अपनी आवाज़, अपनी रूह लिखों, लिखों तुम वही जिसमें, तुम मुझमें मैं तुझमें समाया दिखूं।। #खूदा #yqdidi #yqbaba #yopowrimo #YourQuoteAndMine Collaborating with Bansari Rathod
Mo Aalam Shaikh
उसने #महबूब ही तो बदला है.ताज्जूब कैसा दूआ कबूल ना हो तो....लोग #खूदा भी बदल लेते हैं ©Mo Aalam Shaikh
Shashikant Kendre
आम्ही जातो आपुल्या गावा । आमचा राम राम घ्यावा ॥१॥ तुमची आमची हे चि भेटी । येथुनियां जन्मतुटी ॥२॥ आतां असों द्यावी दया । तुमच्या लागतसें पायां ॥३॥ येतां निजधामीं कोणी । विठ्ठल विठ्ठल बोला वाणी ॥४॥ रामकृष्ण मुखी बोला । तुका जातो वैकुंठाला ॥५॥ संत तुकाराम.. #संत #तुकाराम #खूदा #एं #तुकारामा...!!
Ganesh Gorave
: मैंने तेरी मोहब्बत को खूदा का नाम दिया : : मैंने तेरी मोहब्बत को खूदा का नाम दिया : "और तुने भी मुझे सबकी तरहा आझमां कर बिच" सफर में ही छोड दिया.....!!!
Jagruti Kaila
#OpenPoetry जब भी माँ को देखा लगा की खूदा देखा.. मैने माँ को हर रूप में बेमिसाल ही देखा 🙏🏻 #माँ #खूदा #हिन्दी
NISHI
#OpenPoetry मासूमियत इनकी,खूदा की रहमत जैसी है,, चेहरे पे शीतलता है,,एक सूकून है,, नाम यूंही नही दिया खूदा का, इनको सबने,, इनके शरारतो मे भी कही शिव है,,कही श्री कृष्ण है,, ❤बचपन#nojoto #baby#cutiepie #swwet #innocent #pious
NISHI
जब दूआ दिल से निकलती है ,,खूदा भी उसे कबूल करते है और जब दर्द दिल से निकलता है,, तो जिसने ये दर्द दिया है,,खूदा उसे भी कहां माफ करते है,, #nojoto #titfortat #getlost
Raj Makwana
ऐ दर्द भरे दील से कयु बात निकल जाती है खूदा भी न रोक सके ऐसी आह आती है रूला दे ऐ खूदा को भी ऐसा दर्द लाती है सिर्फ प्यार मे ही दर्द भरी रात नजर आती है - musafir
Nav Bhullar
कमीया डूडोगे तो मिल ही जायेगी जनाब। खूदा के बंदे है, खूदा तो नहीं। Navneet Singh Sandeep Kumar silence of the sea
- sufi Shayrana
खूदा ने सच और झूठ के अलावा भी बहोत कुछ बनाया है वो इसलिए क्योकि इन्सान शब्दो के साथ आँख-मिचोली करने मे माहिर हो गया है। इन्सान ये भूल जाता है कि चाहे वो झूठ बोलकर सच छूपा ले पर खुदसे तो कभी सच छूपा नही सकता, इसलीये खूदा ने शब्दो की भूलभुलैया के परे कुछ और भी बनाया है "इन्सान का स्वभाव, हाव-भाव और उसकी आँखे".जो बिन कहे सब बयाँ कर देती है और छोड़ देती है तो बस वीरानीयत, जो उस इन्सान को निरन्तर अन्दर से खोखला करती रहती है।