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Kartik Singh
White जब #मोहब्बत #बे-पनाह हो जाये ना तोह फिर #पनाह कही नही मिलती ©Kartik Singh #sad_quotes
Shashi Bhushan Mishra
White बे-रहमी से तोड़ा उसने, कलियों को ना छोड़ा उसने, बागवान ठहरा बेचारा, हाथ-पांव तक जोड़ा उसने, दो दिन की रोटी भिजवाकर, पीटा खूब ढिंढोरा उसने, पत्थर का हो गया आदमी, दिल को नहीं झिंझोड़ा उसने, काट दिए कच्चे नींबु सा, काफी देर निचोड़ा उसने, अरमानों के ज़ख़्म कुरेदे, मन को रक्खा कोरा उसने, क़ामयाब मक़सद होने तक, दिल पर डाला डोरा उसने, ख़ुद से गलती किया ठीकरा, औरों के सर फोड़ा उसने, प्रेमी बन हटवाया 'गुंजन', दूर राह का रोड़ा उसने, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ• प्र• ©Shashi Bhushan Mishra #बे-रहमी से तोड़ा उसने#
Anuj Ray
अभी तो तुम जवान हो, बिना झिझक खुशियों की जुगाड़ करो। मेरा तो वक्त गुजर गया, मेरे लिए अपनी खुशियों में बिगाड़ मत करो। ©Anuj Ray #बे झिझक अपनी खुशियों की जुगाड़ करो
Shubham Bhardwaj
बेवजह जिंदगी को,बदनाम न कर। मिली है नसीब से,इसे गुमनाम न कर।। ©Shubham Bhardwaj #Aasmaan #बे #बेवजह #जिंदगी #को #बदनाम #नही #करके
Jack Sparrow
क्या कहु अपनी,बस युँ समझ बडा बुरा है हाल, जैसे मै उलझता चला हु,तेरे खयाल-दर-खयाल। मैने दी रुख्सत की,अब मेरे बसमें न रहा "Jack" तेरा दिवाना है,तेरा काबू है,देख अब तु सँभाल। Ct.JackOcean ©Jack Sparrow #बे-काबू
खामोशी और दस्तक
कितना #बे चैन हो जाता मन। उस शख्स के लिए। ना मिला कभी। ना बिछड़ा कभी। बस उसी का ख्याल। दिल को रौंदता रहता है आंखे सूखती नही। मन बेचैन होता। यू मानो वो मिल जाए। या जान निकल जाए। मगर कहा मुमकिन है किसी को पा लेना। जैसे धरती तरसती है आसमान के लिए। समुद्र की लहरे। किनारों के लिए। बस इसी उम्मीद में। दिल तड़पता है। कभी तो कोई जरिया होगा। वो मेरा दिल उसका होगा। ©खामोशी और दस्तक #Fire #fbpost
Chandrasen Singh
तुम नफ़रत भी नहीं कर पाओगी बे-इंतेहा इतना मैंने प्यार जो किया है बे-ख़बर बे-इंतेहा इतना #बे-ख़बर_बे-इंतेहा ©Chandrasen Singh #बे-ख़बर_बे-इंतेहा
Kaushal Kumar
हम ही हुए बेआबरू, हम ही गुनाहगार। बाकी तो बेक़सूर थे, हम हुए तार - तार।। जिससे किसी का था नहीं कोई भी सरोकार। सबने किया है जिक्र उसी का अनेक बार।। आये थे भरी भीड़ में बेहद शरीफ़ लोग। लेकर जुबाँ पे मरहम, दिल मे लिए दुरोग।। दिल मे दबी हुई ललक जो माँगती है भोग। लगता है जैसे बन चुकी है लाइलाज रोग।। कुदरत ने ज़रा क्या लिया छोटा सा इम्तिहान। हर शख्श दे रहा है बड़े गौर से बयान।। ख़ुद के किसी प्रभार का न ज्ञान है न भान। देते है बड़े शौक से दायित्व पर बयान।। एक बार ही नही ये हुआ है अनेक बार। हम ही हुए बेआबरू, हम ही गुनाहगार।। जाता नही है दिल का निरपराध यह विचार। हमने भी लिया ठान चलो कर लें आर -पार।। ............कौशल तिवारी . ©Kaushal Kumar #बे आबरू
Nehu Gambhir
#बेशक उठाओ मेरे #किरदार पे #ऊँगली, मगर #शर्त ये है की जो #उँगली उठाए वो भी #बे-दाग होना चाहिए..नेहू✍️ ©Nehu Gambhir #आ्त्मस्वभिमान