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Best Rajliwal Shayari, Status, Quotes, Stories

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Colours Of Politics

हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्सा मांगेंगे #Khushi #poeatry #Haryana #Hisar #viralvedio #Rajliwal

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THE VIKRANT RAJLIWAL SHOW

🤔The Great Philosophy Of Vikrant Rajliwal वास्तविक जीवन के अनुभवों का निचोड़! Gist of real life experiences! सब्सक्राइब कर के अभी अपने जीवन में एक स्क्रात्मक मोड़ उत्पन्न करे।

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THE VIKRANT RAJLIWAL SHOW

💥 एक निर्जीव होता या निष्क्रिय होता वृक्ष (घर, परिवार या कोई संस्था) जब एक दिव्य उजाले की दिव्य ऊर्जा से स्वयं की निष्प्राण होती शाखाओं की जीवन धारा में कोई भी जीवन प्राण रूपी ऊर्जा प्रदान करने हेतु कोई भी प्रयास ना करे तो ज्ञात रहे उसका अंत अब निच्छित है। विक्रांत राजलीवाल द्वारा लिखित। आज ही जुड़िए मेरी ब्लॉग साइट vikrantrajliwal.com से। #Narcotics #Anonymous #Programme #recovery #Life #Vikrant #Rajliwal #experience

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 एक निर्जीव होता या निष्क्रिय होता वृक्ष (घर, परिवार या कोई संस्था) जब एक दिव्य उजाले की दिव्य ऊर्जा से स्वयं की निष्प्राण होती शाखाओं की जीवन धारा में कोई भी जीवन प्राण रूपी ऊर्जा प्रदान करने हेतु कोई भी प्रयास ना करे तो ज्ञात रहे उसका अंत अब निच्छित है।

विक्रांत राजलीवाल द्वारा लिखित।

आज ही जुड़िए मेरी ब्लॉग साइट vikrantrajliwal.com से।
#Narcotics #Anonymous #Programme #Recovery #Life #Vikrant #Rajliwal #Experience

THE VIKRANT RAJLIWAL SHOW

💥 Author, Writer, Poet & Dramatist Vikrant Rajliwal (कवि, शायर, नज़्मकार, ग़ज़लकार, गीतकार, व्यंग्यकार, लेखक एव नाटककार-कहानीकार-सँवादकार) 1) प्रकाशित पुस्तक "एहसास"(published Book) : अत्यधिक संवेदनशील काव्य पुस्तक एहसास, जिसका केंद्र बिंदु हम सब के असंवेदनशील होते जा रहे सभ्य समाज पर अपनी काव्य और कविताओं के द्वारा एक प्रहार की कोशिश मात्र है। Sanyog (संयोग) प्रकाशन घर शहादरा द्वारा प्रकाशित एव ए वन मुद्रक द्वरा प्रिंटिड। प्रकाशन वर्ष जनवरी 2016. प्रकाशित मूल्य 250:00₹ मात्र।

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Author, Writer, Poet & Dramatist Vikrant Rajliwal 
(कवि, शायर, नज़्मकार, ग़ज़लकार, गीतकार, व्यंग्यकार, लेखक एव नाटककार-कहानीकार-सँवादकार) 

1) प्रकाशित पुस्तक "एहसास"(published Book) : अत्यधिक संवेदनशील काव्य पुस्तक एहसास, जिसका केंद्र बिंदु हम सब के असंवेदनशील होते जा रहे सभ्य समाज पर अपनी काव्य और कविताओं के द्वारा एक प्रहार की कोशिश मात्र है।

Sanyog (संयोग) प्रकाशन घर शहादरा द्वारा प्रकाशित एव ए वन मुद्रक द्वरा प्रिंटिड। प्रकाशन वर्ष जनवरी 2016. प्रकाशित मूल्य 250:00₹ मात्र।

THE VIKRANT RAJLIWAL SHOW

💥 Author, Writer, Poet & Dramatist Vikrant Rajliwal (कवि, शायर, नज़्मकार, ग़ज़लकार, गीतकार, व्यंग्यकार, लेखक एव नाटककार-कहानीकार-सँवादकार) 1) प्रकाशित पुस्तक "एहसास"(published Book) : अत्यधिक संवेदनशील काव्य पुस्तक एहसास, जिसका केंद्र बिंदु हम सब के असंवेदनशील होते जा रहे सभ्य समाज पर अपनी काव्य और कविताओं के द्वारा एक प्रहार की कोशिश मात्र है। Sanyog (संयोग) प्रकाशन घर शहादरा द्वारा प्रकाशित एव ए वन मुद्रक द्वरा प्रिंटिड। प्रकाशन वर्ष जनवरी 2016. प्रकाशित मूल्य 250:00₹ मात्र।

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Author, Writer, Poet & Dramatist Vikrant Rajliwal 
(कवि, शायर, नज़्मकार, ग़ज़लकार, गीतकार, व्यंग्यकार, लेखक एव नाटककार-कहानीकार-सँवादकार) 

1) प्रकाशित पुस्तक "एहसास"(published Book) : अत्यधिक संवेदनशील काव्य पुस्तक एहसास, जिसका केंद्र बिंदु हम सब के असंवेदनशील होते जा रहे सभ्य समाज पर अपनी काव्य और कविताओं के द्वारा एक प्रहार की कोशिश मात्र है।

Sanyog (संयोग) प्रकाशन घर शहादरा द्वारा प्रकाशित एव ए वन मुद्रक द्वरा प्रिंटिड। प्रकाशन वर्ष जनवरी 2016. प्रकाशित मूल्य 250:00₹ मात्र।

THE VIKRANT RAJLIWAL SHOW

💥 आज जमाना बदल गया है मित्रों, अब किसी भी लेखक कलाकार, कवि, एवं शायर को किसी भी घमंड से चूर अत्यचारी के समक्ष अपनी चप्पलें घिसते हुए अपने आत्मसम्मान को स्वयं अपने ही हाथो क़त्ल करते हुए किसी भी घमंड से चूर अत्यचारी के समक्ष अपनी कला को जीवित रखने हेतु झुकने की कतई भी आवश्यकता नही है। आज ईष्वर की कृप्या से इंटरनेट जिंदाबाद है और अनेकों ऑनलाइन मंच है जहाँ से आप अपनी कला का प्रदर्शन जारी रखते हुए एक आत्मसम्मान के साथ अपनी कला को जीवित रख सकते है। हो सकता है इसमें आपको कामयाब होने में एक अरसा भी

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 आज जमाना बदल गया है मित्रों, अब किसी भी लेखक कलाकार, कवि, एवं शायर को किसी भी घमंड से चूर अत्यचारी के समक्ष अपनी चप्पलें घिसते हुए अपने आत्मसम्मान को स्वयं अपने ही हाथो क़त्ल करते हुए किसी भी घमंड से चूर अत्यचारी के समक्ष अपनी कला को जीवित रखने हेतु झुकने की कतई भी आवश्यकता नही है।

आज ईष्वर की कृप्या से इंटरनेट जिंदाबाद है और अनेकों ऑनलाइन मंच है जहाँ से आप अपनी कला का प्रदर्शन जारी रखते हुए एक आत्मसम्मान के साथ अपनी कला को जीवित रख सकते है। 

हो सकता है इसमें आपको कामयाब होने में एक अरसा भी लग जाए, परन्तु मैं विक्रांत राजलीवाल आपको विशवास देता हूं कि उस एक अरसे के बाद भी आप एक बादशाह के सम्मान ही स्वयं के आत्मसम्मान की रक्षा करते हुए खुद को सम्मानित महसूस कर सकेंगे। मुझ को यकीन है आपको तो यकीन है ना!

विक्रांत राजलीवाल द्वारा लिखित।

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Translated

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 Today, the time has changed, friends, now any writer, artist, poet and poet is not required to bow down to keep his art alive by killing his own self-esteem in front of an arrogant person.

 Today, due to the kindness of God, the Internet is alive and there are many online forums from which you can continue to showcase your art and keep your art alive with a self respect.

 It may take you an time to succeed in this, but I mean that your friend Vikrant Rajliwal gives the assurance to all of you that even after that one time you will protect your self-respect like a king.  Will be able to feel honored.  I'm sure are you sure?

 Written by Vikrant Rajliwala

 Join my blog site vikrantrajliwal.com today.

#curruption #Literature #System #भृष्ट #साहित्यिक #व्यवस्था #इंटरनेट #internet #poetry #Shayari #Vikrant #Rajliwal #freedom #wisdom 💥
 आज जमाना बदल गया है मित्रों, अब किसी भी लेखक कलाकार, कवि, एवं शायर को किसी भी घमंड से चूर अत्यचारी के समक्ष अपनी चप्पलें घिसते हुए अपने आत्मसम्मान को स्वयं अपने ही हाथो क़त्ल करते हुए किसी भी घमंड से चूर अत्यचारी के समक्ष अपनी कला को जीवित रखने हेतु झुकने की कतई भी आवश्यकता नही है।

आज ईष्वर की कृप्या से इंटरनेट जिंदाबाद है और अनेकों ऑनलाइन मंच है जहाँ से आप अपनी कला का प्रदर्शन जारी रखते हुए एक आत्मसम्मान के साथ अपनी कला को जीवित रख सकते है। 

हो सकता है इसमें आपको कामयाब होने में एक अरसा भी

THE VIKRANT RAJLIWAL SHOW

💥 सत्य अनुभव। अपनी भावनाओं को खामोशी के साथ दबा के रखना या अपने एहसासों को व्यक्त करने में स्वंय को असमर्थ महसूस करना। आपका एक ऐसा क्रूर भाव व्यवहार है जो आपके इस जीवित जीवन मे एव किसी मृत जीवन मे कोई भी एक अंतर शेष नही छोड़ता। विक्रांत राजलीवाल। आज ही जुड़े मेरी साइट vikrantrajliwal.com द्वारा।

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2 Years of Nojoto 💥 सत्य अनुभव।

अपनी भावनाओं को खामोशी के साथ दबा के रखना या अपने एहसासों को व्यक्त करने में स्वंय को असमर्थ महसूस करना। आपका एक ऐसा क्रूर भाव व्यवहार है जो आपके इस जीवित जीवन मे एव किसी मृत जीवन मे कोई भी एक अंतर शेष नही छोड़ता।

विक्रांत राजलीवाल।

आज ही जुड़े मेरी साइट vikrantrajliwal.com द्वारा।

 इसके साथ यदि आप मेरे अनुभवो के द्वारा अपनी संस्था को लाभान्वित करने के इच्छुक है तो आप मुझ से निसंकोच सम्पर्क साध सकते है।

💥 Real Experience.

Holding your emotions with silence or feeling unable to express your feelings.  You have such a cruel behavior that does not leave any difference in your living life and in any dead life.

 Vikrant Rajliwal.

 Linked to my site vikrantrajliwal.com today.

  With this, if you are willing to benefit your organization through my experiences, then you can feel free to contact me.

#NarcoticsAnonymous #Suprituality #Programne #Recovery #Poetry #Shayari #Gazal #Nazam #Drama #Story #Articles #Thoughts #Vikrant #Rajliwal 💥 सत्य अनुभव।

अपनी भावनाओं को खामोशी के साथ दबा के रखना या अपने एहसासों को व्यक्त करने में स्वंय को असमर्थ महसूस करना। आपका एक ऐसा क्रूर भाव व्यवहार है जो आपके इस जीवित जीवन मे एव किसी मृत जीवन मे कोई भी एक अंतर शेष नही छोड़ता।

विक्रांत राजलीवाल।

आज ही जुड़े मेरी साइट vikrantrajliwal.com द्वारा।

THE VIKRANT RAJLIWAL SHOW

Vikrant Rajliwal VIKRANTRAJLIWAL.COM मासूम मोहब्ब्त। (एक दर्दभरी दास्ताँ) मेरे सक्रिय बालिग "दास्ताँ" के तहत मेरी आगामी और अब तक की लिखित हुई अंतिल दर्दभरी नज़म दास्ताँ।

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 Vikrant Rajliwal
VIKRANTRAJLIWAL.COM

   मासूम मोहब्ब्त।
(एक दर्दभरी दास्ताँ)

मेरे सक्रिय बालिग "दास्ताँ" के तहत मेरी आगामी और अब तक की लिखित हुई अंतिल दर्दभरी नज़म दास्ताँ।

THE VIKRANT RAJLIWAL SHOW

🇮🇳15 अगस्त "स्वतँत्रता दिवस" एवं "रक्षा बंधन" के पवित्र दिन सभी देश वासियों सहित सम्पूर्ण संसार को एक मानवतावादी संदेश। विक्रांत राजलीवाल। मेरे इस संदेश वीडियो का Youtube लिंक है। https://youtu.be/FMwfGtUXPCA

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 🇮🇳15 अगस्त "स्वतँत्रता दिवस" एवं "रक्षा बंधन" के पवित्र दिन सभी देश वासियों सहित सम्पूर्ण संसार को एक मानवतावादी संदेश।

विक्रांत राजलीवाल।

मेरे इस संदेश वीडियो का Youtube लिंक है।

https://youtu.be/FMwfGtUXPCA

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💥 Author, Writer, Poet & Dramatist Vikrant Rajliwal (कवि, शायर, नज़्मकार, ग़ज़लकार, गीतकार, व्यंग्यकार, लेखक एव नाटककार-कहानीकार-सँवादकार) 1) प्रकाशित पुस्तक (published Book) : अत्यधिक संवेदनशील काव्य पुस्तक एहसास, जिसका केंद्र बिंदु हम सब के असंवेदनशील होते जा रहे सभ्य समाज पर अपनी काव्य और कविताओं के द्वारा एक प्रहार की कोशिश मात्र है। Sanyog (संयोग) प्रकाशन घर शहादरा द्वारा प्रकाशित एव ए वन मुद्रक द्वरा प्रिंटिड। प्रकाशन वर्ष जनवरी 2016. प्रकाशित मूल्य 250:00₹ मात्र।

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Author, Writer, Poet & Dramatist Vikrant Rajliwal 
(कवि, शायर, नज़्मकार, ग़ज़लकार, गीतकार, व्यंग्यकार, लेखक एव नाटककार-कहानीकार-सँवादकार)

1) प्रकाशित पुस्तक (published Book) : अत्यधिक संवेदनशील काव्य पुस्तक एहसास, जिसका केंद्र बिंदु हम सब के असंवेदनशील होते जा रहे सभ्य समाज पर अपनी काव्य और कविताओं के द्वारा एक प्रहार की कोशिश मात्र है।

Sanyog (संयोग) प्रकाशन घर शहादरा द्वारा प्रकाशित एव ए वन मुद्रक द्वरा प्रिंटिड। प्रकाशन वर्ष जनवरी 2016. प्रकाशित मूल्य 250:00₹ मात्र।
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