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Sunil Kumar Sharma
दुखों का पहाड, हमारे अपने आत्म विश्वास सकारात्मक सोच बढकर नहीं। ©Sunil Kumar Sharma #NojotoHindistory #दुखों.......................
Mukesh Poonia
प्रकाश पर्व आपके जीवन को रोशनी से भर दे आपके परिवार को सभी दुखों से दूर करे गुरु नानक जयंती व प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ©Mukesh Poonia #प्रकाश पर्व आपके जीवन को #रोशनी से भर दे आपके #परिवार को सभी #दुखों से दूर करे #गुरुनानक #जयंती व प्रकाश पर्व की #हार्दिक #शुभकामनाएं
Sarojani Srivastava
#क्रोध के# कुछ पलों में आप अपने #आप को #शांत रखें। ताकि आप #दुखों के #सौ दिन से #दूर रह सके!! ©Sarojani Srivastava #Exploration
Amit Singhal "Aseemit"
किसी पुरुष के दुखों का समंदर कितना गहरा है, यह तो पुरुष हर किसी को दिखा नहीं सकता है। एक स्त्री के रोने और आँसू बहाने पर कहां पहरा है, पुरुष उसे चुपचाप ग़म सहना सिखा नहीं सकता है। ©Amit Singhal "Aseemit" #किसी #पुरुष #के #दुखों
pareek boy
कोई #खुशियों की चाह में #रोया, कोई #दुखों की पनाह में रोया, अजीब #सिलसिला है ये #ज़िन्दगी का, कोई #भरोसे के लिए रोया, तो कोई #भरोसा करके रोया....✍💞@ ©pareek official #SAD
@thewriterVDS
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय हे भोल भंडारी, नाथ हमारे नर आधे और नारी, अर्धनारीश्वर प्यारे जगत पालन हारी, तुम्हारी जय हो जग को संकट से उबारो सब की नैया पार उतारो सब के दुखों को बुहरो सुख के ढेर को ढारो हे शंकर अविनाशी, तुम्हारी जय हो ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय। हे अवाघड़ दानी जिसके गले की शोभा रूद्राक्ष और नागों के राजा नागराज कानों में कुण्डल, कैलाश के वाशी जटा में तुमने गंगाधारी गला में तुम्हरे सांप निहारी हे त्रिशूल धारी, डमरू वादी कमंडल धारी, आनंदी सवारी आत्मचिंतन वारी, तुम्हे राख है प्यारी हे त्रिनेत्र भोले शंकर, तुम्हे भांग है अर्पण हे कैलाशपति, तुम्हारी जय हो ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय। तुम हो भोलेे, हे भोले हे भोले शंकर जग भोला तुम बनाओ कपट से दूर भगाओ सबको प्यार ही प्यार सिखाओ जग को न्यारा तुम बनाओ ऐसी शक्ति तुम बरसाओ हे जगतपति, हे त्रयदृष्टि पति जग में कृपा, तुम बरसाओ हे गौरीपति, त्रिशूलधारी, आदिपती जय हो, तुम्हारी जय हो ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय। #ॐ #नमः #शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय हे #भोल #भंडारी, #नाथ हमारे #नर आधे और #नारी, #अर्धनारीश्वर प्यारे #जगत #पालन हारी, तुम्हारी #जय हो #जग को #संकट से उबारो सब की #नैया पार उतारो सब के #दुखों को बुहरो #सुख के #ढेर को ढारो
Ek villain
यह संसार दुख में यह है त्रिवेदी दुख सर रेल धारियों को सदा पीड़ित करते हैं सत चित आनंद स्वरूप परमात्मा का अंश होने के कारण प्रत्येक जीवधारी इन दुखों से निर्मित चाहते हैं इसके लिए वे कभी लौकिक और कभी वैदिक उपायों का आश्रय लेते हैं परंतु इनसे दुखों की सर्वकालिक एवं स्थानीय निर्मिती नहीं होती सबसे प्राचीन संख्या दर्शन के अनुसार चिकित्सा आदि लौकिक तथा यज्ञ आदि वैदिक उपायों से दुख की निवृत्ति अवश्य हो जाएगी किंतु यह आवश्यक नहीं है कि ऐसे दुख फिर दस्तक नहीं देंगे इस दर्शन के अनुसार प्रवृत्ति और प्राकृतिक आत्मा इस सृष्टि के कारण है आत्म तत्व का अपना स्वरूप को विस्मृति करना ही दुख रे काहे तू है क्योंकि सुख दुख का अनुभव करना शरीर का धर्म है आत्मा किंतु अज्ञान बस प्राकृतिक की माया से संयुक्त आत्म सुख दुख का अनुभव करने लगता है यही दुख का कारण है व्यक्त प्राकृतिक और अव्यक्त आत्मा के वास्तविक स्वरूप के ज्ञान से दुखों की निवृत्ति स्वयं हो जाती है गीता में भी दुखों की हेतु और उनके निर्भर थी के उपाय बताए गए हैं पंचम अध्याय में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि इंद्रिय और विषयों के सहयोग से उत्पन्न होने वाले शारीरिक भूख भूख के कारण है यद्यपि यह सुख देने वाली प्रवृत्ति होती है यही काम करो दिशा आदि विकारों को जन्म देते हैं अटैक कर्म और कर्म फल में अशक्त दुख का कारण बनती है ©Ek villain #दुखों से निर्मिती मानव जीवन में #roseday
Diwan G
एक दिन ऐसा होगा कि एक दिन ऐसा होगा कि... जो कुछ मैंने खोया है, उसकी भरपाई उपरवाला कर देगा, खुशियों को तरसा हूँ, वो मेरी जिंदगी में खुशियाँ भर देगा। दुखों से मेरा पाला बहुत पड़ा है, वो मेरे दुखों को हर लेगा, अंधेर नहीं पर देरी है, वो मुझको ठीक समय पर दे देगा।। दिवान G #एकदिन #nojotohindi
Kaangra Saab
Alcohol ये शराब नहीं है जनाब ये तो बस दुखों की साथी हैं जिसे बस हमसे सिर्फ हमसे निभानी आती हैं शबाब के नशे को भी फिका कर दें यें शबाब के नशे को भी फिका कर दें यें जब नशे इसकें अलफाजों में जुबानी आती हैं मीठा मीठा सरूर बाँधती हैं तब ये मीठा मीठा सरूर बाँधती हैं तब ये जब नशे इसके बाहर से रवानी आती हैं बस इक बात में कहता हूँ ये शराब नहीं है जनाब ये तो बस दुखों की साथी हैं Ranjha Yaar
sunil parashar
ना जाने क्यूँ लोग दुखों से डरते हैं, जिंदगी में दुखों का होना जरूरी है, क्योंकि दुखों मे ही अपनों की पहचान होती है, सुख में तो दुश्मन भी अपने हो जाते हैं।।