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Learn From Kartikey
हमारा समाज #Trending #Reels society #oursociety #learnfromkartikey #instareel #trendingreels
read moreAnkit Srivastava
हमारा समाज इतना धीरे-धीरे चल रहा है कि इनके नज़रों में लड़के-लड़कियाँ भागते हुए दिखतें हैं। #Ankit_Srivastava_Thoughts. #YQ_ANKIT_SRIVASTAVA #समाज_की_कड़वी_सच्चाई #myfeelingsinmywords #oursociety #yqhindi #yqdidi #yqbaba
Kajal The Poetry Writer
रूह की मोहब्बत की तलाश में बेशक गलतियां लाख हो जाए,,,, न मिले चाहत मुकम्मल तो जिंदगानी खाक हो जाए।।। तबाह करने की कोशिश करती हैं दुनिया,,, किसी भी मासूम दिल वाले शख्स को,,, जब वो दुनिया की ठोकर खा खा कर बेबाक हो जाए।। गम खुद कहां लिखा करता हैं,कोई अपनी ही किस्मत में,, ये सब तो नियति का खेल हैं,,, बुरे वक्त में जमाना अलग होता हैं, जैसे पत्ते से अलग शाख हो जाए।। जमाने में उठा हर विरोध फिजूल हैं, जो न टूटे आसानी से बनाए गए वो उसूल हैं,,,, जीते जी कभी न अपनाये जमाना किसी के किए बदलाव को,,, मानते हैं उसे ही मसीहा, जब उसकी देह राख हो जाए।। ©KAJAL The poetry writer रूह की मोहब्बत की तलाश में बेशक गलतियां लाख हो जाए,,,, न मिले चाहत मुकम्मल तो जिंदगानी खाक हो जाए।।। तबाह करने की कोशिश करती हैं दुनिया,,, किसी भी मासूम दिल वाले शख्स को,,, जब वो दुनिया की ठोकर खा खा कर बेबाक हो जाए।। गम खुद कहां लिखा करता हैं,कोई अपनी ही किस्मत में,, ये सब तो नियति का खेल हैं,,, बुरे वक्त में जमाना अलग होता हैं, जैसे पत्ते से अलग शाख हो जाए।।
रूह की मोहब्बत की तलाश में बेशक गलतियां लाख हो जाए,,,, न मिले चाहत मुकम्मल तो जिंदगानी खाक हो जाए।।। तबाह करने की कोशिश करती हैं दुनिया,,, किसी भी मासूम दिल वाले शख्स को,,, जब वो दुनिया की ठोकर खा खा कर बेबाक हो जाए।। गम खुद कहां लिखा करता हैं,कोई अपनी ही किस्मत में,, ये सब तो नियति का खेल हैं,,, बुरे वक्त में जमाना अलग होता हैं, जैसे पत्ते से अलग शाख हो जाए।।
read moreVandana Sharma
क्या हिदायतें है जनाब इस समाज की भी रिश्तों में बंधकर चलो तो हौसला देने चले आते है, और ग़र रिश्तों से हटकर चलो तो कम्बख्त सबसे पहले लाछन यहीं लगाते है..। ◆ वन्दना शर्मा ◆ #thinkingaboutlife #oursociety
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