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Best बिकता Shayari, Status, Quotes, Stories

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neelu

#happy_diwali #बहता हुआ #पानी और #बिकता हुआ #पानी #कहानी तो #एक ही #सुनाता है पर हम #समझ नहीं पाते हैं

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White बहता हुआ पानी और बिकता हुआ पानी 
कहानी तो एक ही सुनाता है
 पर 
हम समझ नहीं पाते हैं

©neelu #happy_diwali #बहता हुआ #पानी और #बिकता हुआ #पानी #कहानी तो #एक ही #सुनाता है पर हम #समझ नहीं पाते हैं

nova_shaan

Vijay Vidrohi

#बिकता @देखा है

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chand shayar Saifi

#कहाँ_से_लाऊँ_कोई बताओ कहाँ #बिकता है....!

वो #नसीब जो तुझे  #उम्र_भर के लिए #मेरा कर दे ।।

🌙
...✍🏻 #DiL #Shayarilover

V.k.Viraz

(सब बिकता है)
इस ज़माने में क्या कुछ नही बिखता है
दर्द बिकता है ग़म बिकता है
 और तो और यहाँ तो जिस्म बिकता है।

भूख बिकती है भूखा पेट बिकता है
गरीब तो गरीब यहाँ तो अमीर 
सेठ बिकता है।

घर बिकता है मकान बिकता है 
और लोगों का अहसास बिकता है
क़ीमत अगर अच्छी हो तो ईमान बिकता है।

काम बिकता है यहाँ आराम बिकता है
ये नया शहर है यहाँ पर गुनाह भी
खुलेआम बिकता है।

तुम यूँ न हैरान हो मेरे दोस्त सुनकर 
ये संसार है यहाँ पर इंसान तो इंसान
ख़ुद भगवान बिकता है। #यहाँ #सब #बिकता #है

~Amit

तू क़ीमत तो बता....?????
चल तू यही बता दे ये बिकता कहा है....?????
वो नसीब जो हमेशा के लिए तुझे, मेरा कर दे.....!!!!! Bata na kaha se layu wo naseeb.....  Mujhe sirf tera hona hai.....sirf tera

#Amitkumar#Amitkumarnojoto 
#nojoto #nojotohindi #nojotowriter #love#lovequotes #sad #sadquotes#poetry#sadshayari #shayari#quotes #hindishayari #truelove#nojotoshayari#pyaar#ishq#2liner#one_sided_love #nasib #mohabbat #dard #yaddein #bazaar #बिकता #tera

Vishal chaudhary (Paglu)

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कहूँ कैसे कि मेरे शहर में अखबार बिकता है
डकैती लूट हत्या और बलात्कार बिकता है।

तेरे आदर्श तेरे मूल्य सारे बिक गए बापू
तेरा लोटा तेरा चश्मा तेरा घर-बार बिकता है।

बड़े अफसर का सौदा हाँ भले लाखों में होता हो
सिपाही दस में और सौ में तो थानेदार बिकता है।

वही मुंबई जहाँ टाटा अम्बानी जैसे बसते हैं
वहीं पर जिस्म कईओं का सरे बाज़ार बिकता है।

चुने जाते ही नेता सारे वादे भूल जाते हैं
यह वोटर किस छलावे में भला हर बार बिकता है।

ये कलियुग है ठगी की इन्तेहाँ होती नहीं कोई
सुना है नेट पर दिल्ली का क़ुतुब मीनार बिकता है।

करप्शन इस कदर हावी शहर के अस्पतालों में
दवा के वास्ते हर रोज़ ही बीमार बिकता है।

Vicky Patel

बिकती है ना ख़ुशी कहीं, ना कहीं गम बिकता है। लोग गलतफहमी में हैं, कि शायद कहीं मरहम बिकता है।

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बिकती है ना ख़ुशी कहीं, ना कहीं गम बिकता है। लोग गलतफहमी में हैं, कि शायद कहीं मरहम बिकता है।
DDL Vicky Patel बिकती है ना ख़ुशी कहीं, ना कहीं गम बिकता है। लोग गलतफहमी में हैं, कि शायद कहीं मरहम बिकता है।

Parul Sharma

कलयुग में आजकल सच भी बिकता है बिक कर यह झूठ में ढलता है। होता नीलाम अपराधियों के बाजार में मजबूरी करती मोल भाव तुलता ईमान के साथ में। बस तय करना है कौन कहाँ बिकता है । नेता,अफसर,पिस्टल धुमाते इंस्पेक्टर हैं इसके सौदागर; मजबूर,लाचार,बेबस व्यक्ति हैं इसके ग्राहक बस तय करना है सौदा कहाँ पटता है ।

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कलयुग में आजकल सच भी बिकता है
बिक कर यह झूठ में ढलता है।
               होता नीलाम अपराधियों के बाजार में 
               मजबूरी करती मोल भाव तुलता ईमान के साथ में।
               बस तय करना है कौन कहाँ बिकता है ।
नेता,अफसर,पिस्टल धुमाते इंस्पेक्टर हैं इसके सौदागर;
मजबूर,लाचार,बेबस व्यक्ति हैं इसके ग्राहक
 बस तय करना है सौदा कहाँ पटता है ।
                           छुटपुट दलाल,नेता माफिया कहलाते हैं 
                          सबको मारते हैं ,डराते हैं और धमकाते है 
                         बस देखना है कौन किससे डरता है।
औहदा शोहरत संपत्ति आकर्षित सबको करती
इसका फायदा उठाती कुछ हस्ती 
बस तय करना है कौन कहाँ गिरता है।
                          कुछ लोग धर्म सच्चाई की राह अपनाते हैं
                          और झूठ से डटकर लड़ जाते हैं 
                          कुछ हो जाते शहीद कुछ क्रांति लाते हैं।
                          बस इन्हीं महान आत्माओं से युग बदलता है।
कलयुग में ..........................ढलता है।
         पारुल शर्मा #NojotoQuote कलयुग में आजकल सच भी बिकता है
बिक कर यह झूठ में ढलता है।
               होता नीलाम अपराधियों के बाजार में 
               मजबूरी करती मोल भाव तुलता ईमान के साथ में।
               बस तय करना है कौन कहाँ बिकता है ।
नेता,अफसर,पिस्टल धुमाते इंस्पेक्टर हैं इसके सौदागर;
मजबूर,लाचार,बेबस व्यक्ति हैं इसके ग्राहक
 बस तय करना है सौदा कहाँ पटता है ।

Parul Sharma

झूठ एक कलयुग का सच कलयुग में आजकल सच भी बिकता है बिक कर यह झूठ में ढलता है। होता नीलाम अपराधियों के बाजार में मजबूरी करती मोल भाव तुलता ईमान के साथ में। बस तय करना है कौन कहाँ बिकता है । नेता,अफसर,पिस्टल धुमाते इंस्पेक्टर हैं इसके सौदागर; मजबूर,लाचार,बेबस व्यक्ति हैं इसके ग्राहक

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झूठ एक कलयुग का सच
कलयुग में आजकल सच भी बिकता है
बिक कर यह झूठ में ढलता है।
               होता नीलाम अपराधियों के बाजार में 
               मजबूरी करती मोल भाव तुलता ईमान के साथ में।
               बस तय करना है कौन कहाँ बिकता है ।
नेता,अफसर,पिस्टल धुमाते इंस्पेक्टर हैं इसके सौदागर;
मजबूर,लाचार,बेबस व्यक्ति हैं इसके ग्राहक
 बस तय करना है सौदा कहाँ पटता है ।
                           छुटपुट दलाल,नेता माफिया कहलाते हैं 
                          सबको मारते हैं ,डराते हैं और धमकाते है 
                         बस देखना है कौन किससे डरता है।
औहदा शोहरत संपत्ति आकर्षित सबको करती
इसका फायदा उठाती कुछ हस्ती 
बस तय करना है कौन कहाँ गिरता है।
                          कुछ लोग धर्म सच्चाई की राह अपनाते हैं
                          और झूठ से डटकर लड़ जाते हैं 
                          कुछ हो जाते शहीद कुछ क्रांति लाते हैं।
                          बस इन्हीं महान आत्माओं से युग बदलता है।
कलयुग में ..........................ढलता है।
          पारुल शर्मा  #NojotoQuote झूठ एक कलयुग का सच
कलयुग में आजकल सच भी बिकता है
बिक कर यह झूठ में ढलता है।
               होता नीलाम अपराधियों के बाजार में 
               मजबूरी करती मोल भाव तुलता ईमान के साथ में।
               बस तय करना है कौन कहाँ बिकता है ।
नेता,अफसर,पिस्टल धुमाते इंस्पेक्टर हैं इसके सौदागर;
मजबूर,लाचार,बेबस व्यक्ति हैं इसके ग्राहक
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