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Shivank Shyamal
मैं हंसी ख़ुशी गाता हूं.... मैं हंसी ख़ुशी गाता हूं।। बांसुरी से निकले मासूमियत में रमें गीत, स्वछंदो की मधुरिम बेला में प्रेम मीत, मैं प्रकृति का साथ हर पल निभाता हूं। मैं हंसी ख़ुशी गाता हूं। उड़ने को आतुर नवजीवित पक्षी प्रीत, कानों में उद्घोष करता सामवेदिक संगीत,
मैं हंसी ख़ुशी गाता हूं।। बांसुरी से निकले मासूमियत में रमें गीत, स्वछंदो की मधुरिम बेला में प्रेम मीत, मैं प्रकृति का साथ हर पल निभाता हूं। मैं हंसी ख़ुशी गाता हूं। उड़ने को आतुर नवजीवित पक्षी प्रीत, कानों में उद्घोष करता सामवेदिक संगीत,
read moreNirankar Trivedi
लिखता हू दिन में, रातों में गाता हूं | अपने दिल के शब्दों से, दिलों से रिश्ता बनाता हूं | महफिल में आकर मैं , सभी को मनाता हू | खुशी हो नफरत, दोनों को गाता हू | महफिल #
महफिल #
read moreVats Akshay
अगर मैं अतीत में जा पाता प्यार की चिड़िया को छोड़ कर आता हँसता गाता खिलखिलाता आकर सबको यही बताता की सब कुछ कर लें कुछ नहीं जाता पर प्यार ना करियो ओ मेरे भ्राता क्योंकि जो इसके चंगुल में जाता वापस कभी न लौट के आता मोह माया से है घिर जाता सुख ,शांति निकट नहीं आता अपनों से ये बैर करता दोस्ती में यह फूट दिलाता फिर भी कुछ न समझ में आता दलदल में ही फँसता जाता अंत में फिर वह कुछ नहीं पाता रोता गाता और चिल्लाता आकर सबको यही बताता कि सब कुछ कर ले कुछ नहीं जाता पर प्यार ना करियो ओ मेरे भ्राता 🙏 अगर अच्छा लगे तो लाइक और कॉमेंट जरूर करें 🙏 #brokenheart
अगर अच्छा लगे तो लाइक और कॉमेंट जरूर करें 🙏 #brokenheart
read morePoonam Parihar
मंदिर”में दाना चुगकर चिड़ियां “मस्जिद” में पानी पीती हैं मैंने सुना है “राधा” की चुनरी कोई “सलमा”बेगम सीती हैं एक “रफी” था महफिल महफिल “रघुपति राघव” गाता था एक “प्रेमचंद” बच्चों को “ईदगाह” सुनाता था कभी “कन्हैया”की महिमा गाता “रसखान” सुनाई देता है औरों को दिखते होंगे “हिन्दू” और “मुसलमान” मुझे तो हर शख्स के भीतर “इंसान” दिखाई देता है… क्योंकि… ना हिंदू बुरा है ना मुसलमान बुरा है जिसका किरदार बुरा है वो इन्सान बुरा है #NojotoQuote
Poet Maddy
तन्हाई का गीत, गाता है हर कोई..... अपनी दास्तान-ए-मोहब्बत, सुनाता है हर कोई...... पहले मोहब्बत करते हैं लोग, फ़िर जब ऊब जाते हैं तो छोड़ देते हैं लोग..... न जाने क्यों हमारा दिल तोड़ देते हैं लोग, जब हो जाते हैं दिल के टुकड़े-टुकड़े, फ़िर उस टूटे दिल को संभालने के लिए, अपने पास वापस बुलाता है हर कोई....... तन्हाई का गीत, गाता है हर कोई..... अपनी दास्तान-ए-मोहब्बत, सुनाता है हर कोई...... तन्हाई का गीत, गाता है हर कोई..... अपनी दास्तान-ए-मोहब्बत, सुनाता है हर कोई...... #Loneliness#Song#Story#Love#TireOf#Leave#Heart#Break#Back......
Er Meghvrat Arya
#World_Poetry_Day. यूँ तो में भी तन की सुरभि पर जाने क्या – क्या लिख सकता था, में भी गा सकता था गीत मेघ – मल्हारों के में भी लिख सकता था गीत ग़जल श्रृंगारों के। में भी महकते यौवन की अभिलाषा लिख सकता था, में भी सतरंगी सपनो को गा सकता था शब्दों में, में भी हाथों की मेहँदी और आँखों के काजल पर लिख सकता था। लेकिन मैंने माँ भारती का आँचल हर पल दुखो से भरा देखा है, कितनी ही आँखों का काजल भी मैंने, हर पल आंसू के संग घुलते देखा है। इसलिए, में अपने शब्दों की लावा को आग बनाकर गाता हूँ, इसलिए मैं कविता को अपना हथियार बनाकर गाता हूँ। @#M_Arya #NojotoQuote @#World Poetry Day
@#world Poetry Day
read moreRonak Pandya
गीत नही गाता हुँ | बेनकाब चेहरे हैं , दाग बड़े गहरे हैं\ टूटता तिलिस्म, आज सच से भय ख़ाता हूँ | गीत नही गाता हुँ | लगी कुछ ऐसी नज़र, बिखरा शीशे सा शहर, अपनो के मेले में मिट नही पता हूँ, गीत नही गाता हुँ | पीठ में छुरी सा चाँद, राहु गया रेखा फाँद, मुक्ता के क्षण में , बार बार बाँध जाता हूँ, गीत नही गाता हुँ | .......... गीत नया गाता हूँ| टूटे हुए तारों से , फूटे बसंती स्वर. पत्थर की छाती में उग आया ना अंकुर, झड़े सब पीले पात, कोयल की कुक रात, प्राची में अरुणिमा की रेत देख पता हूँ, गीत नया गाता हूँ| टूटे हुए सपने की सुने कौन सिसकी, अंतर को चिर व्यथा, पलाको पर ठिठकी, हार नही मानूगा, रार नही ठानुगा, काल के कपाल पर लिखता, मिटाता हूँ| गीत नया गाता हूँ| By: Respected Atal Bihari Vajpayee my favourite poet my inspiration Akashi Parmar Aaliya Parul Gujjar minu Karnik Leelawati Sharma
Akashi Parmar Aaliya Parul Gujjar minu Karnik Leelawati Sharma
read moreYash Patil (Aghyaar)
मे अपणेही गीत गाता हू, मे अपणेही गीत सुनाता हू अपणेही गितोमे खूदको हसाता हू, अपणेही गीतोमे खुदको ही रुलाता हू। मे अपणेही गीत गाता हू और अपणेही गीत सुनाता हू।........ मेरे ये गीत मेरे तान्हाई के साथी हे , जब कूचना अछा लगे तो मुझे ये लुभाती हे , अपने इन गितो की रचनाओमे खुद को भूल जाता हू...... मे अपणेही गीत गाता हू, अपणेही गीत सुनाता हू... ------------Patil Yash .A. written by young pharmacist 🤗🤗
written by young pharmacist 🤗🤗
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