Find the Best कन्या Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutसुमंगला कन्या योजना के बारे में, कन्या भ्रूण हत्या की शायरी, कन्याओं की कहानी, उतरती की कन्या दुखे, कन्याओं को क्या देना चाहिए,
Mukesh kolasariya
White कोमल कन्या छोटे छोटे हाथ हैं जिसके घर घर पूजी जाती हैं वक़्त पे बेटी, बहु, माँ, और बहन कहलाती हैं जो फूल सा कोमल तन और मन उसका जानते है सभी इसको वक़्त के माहौल को देखकर , खुद को और उसके विचारों को बदलो हर वक़्त नहीं साथ रहेगा कोई समझा उसे हर बार दो भले बुरे का भेद बताओ, रानी लक्ष्मी सा आत्मबल उसमे तैयार करो ©Mukesh kolasariya #कन्या # to be strong
#कन्या # to be strong
read moreShreya Mishra
एक भ्रूण की पुकार ना जग देखा ना प्यार, बस देखा तो वो तेरे संग बिताए नौ महीने का अहसास.. जो तूने बाहर महसूस किया, मैंने भी वो तेरे अन्दर छिप कर दिल से स्वीकार किया.. आज एक उत्तर मांगू तुझसे मां, इस पुरुषप्रधान समाज में तू कब तक दर्द पीकर मुझे यूं अपने लहू में बहाएगी.. कब तक अपनी नन्ही जान को यूं सताएगी.. कुछ बोल ना मां?? कब तक तू यूं चुप आंसू बहाएगी, कब मुझे इस दुनिया की झलक दिखाएगी.. कब तक डर में सहमी तू मुझे अंधकार में दबाएगी, कब तू दुर्गा - काली बन अपनी नन्ही जान को इस संसार की झलक दिखाएगी, ना जाने कब तू मुझे अपने सीने से लगाएगी..... कब तू इस समाज में मुझे बोझ नहीं , नन्ही परी नाम दिलाएगी?? ^श्रेया मिश्रा_ #कन्या भ्रूण हत्या#एक भ्रूण की पुकार
#कन्या भ्रूण हत्याएक भ्रूण की पुकार
read moreDivyanshu Pathak
( Repost #पंछी ) व्यक्ति स्वार्थी भी हो गया और भोगी भी। न बच्चों का दर्द, न मां-बाप का। न ही संबंध बच पा रहा बाप-बेटी का। न सरकार को शर्म, न समाज को। शिक्षा ने सब को मानवता से शून्य कर दिया है। शरीर तो पशु देह है। जैविक संतानें पैदा हो रही हैं। जिस योनि से जीव आता है, वैसे ही इस देह में भी जीता है। इंसान कौन बनाए इसे? 🍫🙏💓#पंछी #पाठक #कन्या #सामाजिक🙏💓🤓🍧🍫🍫 #संस्कार #शिक्षा🙏💓🍫🍂🐦 किसी समय गरीब घरों में बेटियां खर्च की दृष्टि से अभिशाप मानी जाती थीं। विशेषकर गांवों में। आज ठीक उल्टा हो रहा है। गांव से अधिक शहरी लोगों को, निर्धन से ज्यादा अमीरों को ‘पुत्र रत्न’ चाहिए। आज शहरी और समृद्ध व्यक्ति समर्थ भी है। मनचाही संतान पैदा कर लेता है। तकनीक उसकी पहुंच में है। ‘बेटी बचाओ’ का नारा कम से कम गरीबों में तो, जिनके लिए यह अभियान चलाया गया था, फेल हो गया। अधिकांश सरकारी अभियान विरुद्ध दिशा में सफल अधिक होते हैं। परिवार नि
🍫🙏💓#पंछी #पाठक #कन्या सामाजिक🙏💓🤓🍧🍫🍫 #संस्कार शिक्षा🙏💓🍫🍂🐦 किसी समय गरीब घरों में बेटियां खर्च की दृष्टि से अभिशाप मानी जाती थीं। विशेषकर गांवों में। आज ठीक उल्टा हो रहा है। गांव से अधिक शहरी लोगों को, निर्धन से ज्यादा अमीरों को ‘पुत्र रत्न’ चाहिए। आज शहरी और समृद्ध व्यक्ति समर्थ भी है। मनचाही संतान पैदा कर लेता है। तकनीक उसकी पहुंच में है। ‘बेटी बचाओ’ का नारा कम से कम गरीबों में तो, जिनके लिए यह अभियान चलाया गया था, फेल हो गया। अधिकांश सरकारी अभियान विरुद्ध दिशा में सफल अधिक होते हैं। परिवार नि
read moreDivyanshu Pathak
(Repost)---#पंछी 🙏🔯🕉🔯 नवरात्रा पूजा के नौ दिन देश शक्ति की आराधना करता है। उसके आगे अपना सर्वस्व समर्पित कर समृद्धि और खुशहाली मांगता है। महिला को यह दर्जा शरीर के कारण नहीं, बल्कि स्त्रैण गुणों के कारण, नई पीढिय़ों को संस्कारित करने और समाज से असुरों का नाश करने की शक्ति के लिए दिया जाता है। घर-घर में कन्या पूजन किया जाता है। अभ्युदय के लिए उनसे आशीर्वाद लिया जाता है। 🕉🔯🕉🙏☕💠🙏🔯🕉🔯🌹 और उसके बाद…? नौ दिन बाद जैसे सब भुला दिया जाता है। फिर वही सिलसिला शुरू हो जाता है। रेप और गैंगरेप! पीडिताओं के प्रति पुलिस का अट्टाहास! अब तो थानों में भी होने लगे गैंगरेप प्रतिदिन मीडिया सजा-धजाकर इन खबरों को परोस रहा है।
🕉🔯🕉🙏☕💠🙏🔯🕉🔯🌹 और उसके बाद…? नौ दिन बाद जैसे सब भुला दिया जाता है। फिर वही सिलसिला शुरू हो जाता है। रेप और गैंगरेप! पीडिताओं के प्रति पुलिस का अट्टाहास! अब तो थानों में भी होने लगे गैंगरेप प्रतिदिन मीडिया सजा-धजाकर इन खबरों को परोस रहा है।
read moreDr. Bhagwan Sahay Meena
कन्याभ्रूण हत्या मां तेरी मैं घनी लाड़ली, ना गर्भ से करों विदाई। बाबुल मेरी गलती बतला, सब समझें मुझे पराई। जहां आंगन तेरे खेलती, ले फूल सी अंगड़ाई। पापा देख देख मुस्काती, मैं सहती नहीं जुदाई। मैं अंगुली पकड़े चलती मां, जग तेरी करें बढ़ाई। तात मात से दुनिया कहती, बेटी ही घर महकाई। मां तेरी मैं घनी लाड़ली, ना गर्भ से करों विदाई। बाबुल मेरी गलती बतला, सब समझें मुझे पराई। देख जगत की यह करतूतें, आंखें मेरी भर आई। गर्भ से जब किए निष्पादन, बोटी - बोटी घबराई। मखमल सी मेरी काया को, यूं खंड खंड कटवाई। चीखें मेरी निकली होगी, मां गर्भाशय मरवाई। मां तेरी मैं घनी लाड़ली, ना गर्भ से करों विदाई। बाबुल मेरी गलती बतला, सब समझें मुझे पराई। कैसे होगा मंगल गायन, कहां बजेगी शहनाई। पाप किया बेटे के खातिर, बेटी जिसने कटवाई। जब बहू ढूंढते जगत फिरें,तब याद गर्भ की आई। दुनिया बेटे की चाहत में, मां बेटी को मरवाई। डॉ. भगवान सहाय मीना बाड़ा पदमपुरा जयपुर राजस्थान। ©Dr. Bhagwan Sahay Rajasthani #कन्या भ्रूणहत्या #उसके हाथ खून से सने थे
LOL
समाज का असली चेहरा दिखाएगी वेदना से फिर वन्दना बन जाएगी हवस फेंक देती है जिसे सड़कों में निगलकर वो कन्या इस नवरात्र भी पूजी जाएगी!! ©KaushalAlmora #नवरात्र #रोजकाडोजwithkaushalalmora #कन्या #समाज_की_हकीकत #बेटीबचाओ #हवस #नवरात्रि #navratri
Rishika Srivastava "Rishnit"
नवरात्रों में जिसे देवी बनाकर पूजते हो.. फिर क्यूँ उसे सरेआम लूटते हो.... ये कैसी विडंबना है आज के युग की,, ऊपर से साफ़ और मन में मैल लिए घूमते हो..! कलयुग के दुशासन बन द्रोपदी को छलते हो.. बेशर्म निगाहों से उनके रूह को कुचलते हो.. स्त्री नहीं, पुरुष नहीं, किन्नर नहीं... इंसान के वेश में हैवान बन घूमते हो..! अरे! कन्या तो इस सृष्टि की जननी है.. माँ के आँचल में पली-बढ़ी खिलती कली है.. शक्ति रूप का जागृत दर्शन है उनकी निगाहों में,, स्वर में हो घुली मिश्री आंगन की फुलझड़ी है.. जब मान नहीं दे सकते उनको तो क्यों आडंवन करते हो.... क्यूँ?? देवी का रूप बनाकर नवरात्रों में उन्हें पूजते हो....! ©rishika khushi #कन्या #देवी #NojotoEnglish #न Anshu writer Shiv Narayan Saxena
अपनी कलम से
मां -बापू ने थी खबर फैलाई, अब बिटिया की करनी थी विदायी। रामू चाचा नजर में कोई लड़का हो तो बताना, चाची आप भी अपने यहां पता लगाना। टेलीफोन का दौर न था, था चिट्ठियों का जमाना, लोगों को लोगों से बनती थी खूब, रिश्तेदारों का हमेशा लगा रहता था आना -जाना। बुआ आप भी अपना नजर घुमाना, फूफा आप कोई नेक सा परिवार ढूंढ कर लाना। अब अपनी परी सयानी हो चली है, शादी भी तो करनी है, नजर में रखना, अपनी बिटिया को सुख हीं सुख मिले, कोई अच्छा सा जमीनदार ढूंढना। अब था क्या..... जैसे -जैसे दिन बीत रहें थे, बाप के चेहरे पर चिंता की लकीरें और ज्यादा उभरने लगी। सबकुछ सहजता से संजोग कर रखने वाली मां, अब परेशान दिखने लगी। घर में एक -एक समान संजोग कर मां, अपनी परी की बिदाई के लिए रखने लगी। दहेज भी तो था देना, बाप अपना छोड़ औरों के यहां भी मेहनत करने लगा, बिटिया की व्याह रचाने में खर्च है इतना, सोच कर डरने लगा। लड़के वाले दहेज में क्या मांगेंगे, बाराती को क्या सब खिलाएंगे, घर सजेगा कैसे, क्या अपनी बिटिया की विदाई सही से कर पाएंगे। परी को था वादा किया, ये सब कैसे होगा? कैसे हम निभा पाएंगे? खेतों से आमदनी है हीं कितनी, कितना हम जमा कर पाएंगे? मेहमान आयेंगे इतने सारे, उनकी विदाई कैसे कर पाएंगे? सोच में डूबा बाप, खुद को समझाते हुए बोल उठा - जो होगा सब अच्छा होगा, जन्म दिया जब ऊपरवाले ने, अगर करम मेरा सच्चा होगा, सब पूरा करेगा वही, फिर मैं क्यूं सोचू कैसा होगा, जो होगा सब अच्छा होगा। धूमधाम से तो करूंगा हीं अपनी बिटिया की शादी, कोई कमी न होगी, जब आयेंगे बाराती। सजावट भी आलीशान हीं होगी, स्वागत जो मेहमान की होगी, देखेंगे सब, देखते हीं जाएंगे, कोई कमी नहीं, बिटिया की अरमान की होगी। हौसला रख, तू बाप है। गर सहम गया फिर ये पाप है। वो बेटी नहीं, तेरा चिराग है, एक बार देख मुड़कर घर के तरफ, वो न अंधियारा है, न हीं अभिशाप है।। फिर क्या.... ©dashing raaz भाग -8 मां -बापू ने थी खबर फैलाई, अब बिटिया की करनी थी विदायी। रामू चाचा नजर में कोई लड़का हो तो बताना, चाची आप भी अपने यहां पता लगाना। टेलीफोन का दौर न था, था चिट्ठियों का जमाना, लोगों को लोगों से बनती थी खूब, रिश्तेदारों का हमेशा लगा रहता था आना -जाना। बुआ आप भी अपना नजर घुमाना, फूफा आप कोई नेक सा परिवार ढूंढ कर लाना। अब अपनी परी सयानी हो चली है, शादी भी तो करनी है, नजर में रखना,
भाग -8 मां -बापू ने थी खबर फैलाई, अब बिटिया की करनी थी विदायी। रामू चाचा नजर में कोई लड़का हो तो बताना, चाची आप भी अपने यहां पता लगाना। टेलीफोन का दौर न था, था चिट्ठियों का जमाना, लोगों को लोगों से बनती थी खूब, रिश्तेदारों का हमेशा लगा रहता था आना -जाना। बुआ आप भी अपना नजर घुमाना, फूफा आप कोई नेक सा परिवार ढूंढ कर लाना। अब अपनी परी सयानी हो चली है, शादी भी तो करनी है, नजर में रखना,
read more