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Yogesh Mishra
जरा देखो वो नज़र नही आ रहा है कहि गुमनाम तो नही हो गया लगता कहि छुप सा गया है वो वो जो सच था न वो लगता है वो दफन हो गया है । #hidden #nojotohindi
Bhupendra Soni
उड़ने लगी है हवाओं में खुशबू माँ की भक्ति की हर कहि, स्वर माँ के नाम का मधुर कानो में गुंज रहा है अब हर कहि, ये फिजायें भी अब झूम रही है संगीत की मधुर तानो से, बरस रहा है ये सावन भी मानो माँ के चरणों को छू रहा है, अब दरबार में माँ के भक्तों के दुःखो का मेला लग रहा है, सँवर रही है क़िस्मत भी अब माँ के दर्शन और नाम से ही, माँ आ रही है खुशियों से भक्तों की झोली भरने अब हर कहि। जय माता दी। #जयमातादी #भक्तिसागर #माँतेरेचरणोंमें
#जयमातादी #भक्तिसागर #माँतेरेचरणोंमें
read moreSyed Anayat Ahmed
चलो , चलो कहि चलते है जहाँ सिर्फ मैं ओर तुम हो , ये सोर शराबे से कहि दूर हांथो में हाँथ थाम कर , सूरज को ढल जाने दो , ओर हमे तेरे इश्क़ में खो जाने दो , चलो कहि दूर चलते है || #love #friendship #teen
Drx. Mahesh Ruhil
रास्ता बड़ा अजीब ह ये कहि दूर कहि करीब ह ये हर मोड पर कठिन ह ये नहीं ह आसान किसी के लिए जो माने उसका भी विवेक ह ये #रास्ता ,B@-++
#रास्ता ,B@-++
read moreDrx. Mahesh Ruhil
आना तो सही कभी नज़ारे सारे दिख जायँगे कहि प्यार तो कहि तकरार फूल हर गली में खिले मिल जायँगे मौसम हर जगह रंगीन मिलेगा दिलकशी के प्याले भी यही दिख जाएँगे पर कभी आना तो मेरी गली सही. B@+++
B@+++
read moreVikrant Rajliwal
एक समय की बात हैं। कुछ मसखरे एक टटू ठेले में सूट बूट पहन कर कहि कार्यक्रम पेश करने को जा रहे थे। नही नही शायद कहि से आ रहे थे। तभी एक मसखरा जिसने शायद कुछ मदिरा पी हुई थी दूसरे मसखरे के पैर पर पैर रखते हुए उसे कोंचते हुए, हँसते मुस्कुराते हुए एक कुटिल मुस्कान बिखेरता हुआ आगे को खिसक जाता है। [ 889 more words ] http://vikrantrajliwal.com 🙃 व्यंग्य किस्सा "मसखरे" मेरे द्वारा लिखित एक हास्य व्यंग्य किस्सा है। जिसको आज अपने स्वयं के स्वरों के साथ प्रथम बार अपने YouTube चैनल के माध्यम द्वारा जीवंत
एक समय की बात हैं। कुछ मसखरे एक टटू ठेले में सूट बूट पहन कर कहि कार्यक्रम पेश करने को जा रहे थे। नही नही शायद कहि से आ रहे थे। तभी एक मसखरा जिसने शायद कुछ मदिरा पी हुई थी दूसरे मसखरे के पैर पर पैर रखते हुए उसे कोंचते हुए, हँसते मुस्कुराते हुए एक कुटिल मुस्कान बिखेरता हुआ आगे को खिसक जाता है। [ 889 more words ] http://vikrantrajliwal.com 🙃 व्यंग्य किस्सा "मसखरे" मेरे द्वारा लिखित एक हास्य व्यंग्य किस्सा है। जिसको आज अपने स्वयं के स्वरों के साथ प्रथम बार अपने YouTube चैनल के माध्यम द्वारा जीवंत
read moreYogesh Mishra
बारिश कहि कहि छाव सी रह जाती है कहि राज दफन हो जाते है कहि नियमो का दुरुपयोग बदल जाते है लोग जब सचाई उनको आती ये दोष दु कानून को या इनके रखवालो को बदल जातो है दुनिया ।।।।।।।।। इन समाज के रखवालो ने कैसे खेल खेल है खेले #nojoto#nojotohindi#समाजके रखवाले #
nojoto#nojotohindi#समाजके रखवाले #
read moreek. tarfaishq
मै तुझसे मिलते मिलते रह गया डर है कहि हमारा प्यार पुराना न हो जाय, तू रेत सी फिसलती गयी मुट्ठी से मेरे डर है कि मेरा दिल कहि उजड़े घरौंदो का घराना न हो जाय हितेश यादव एक डर है--------////
एक डर है--------////
read moreNeha Mishra
कोई कचरे की ढेर से उठा लो मुझे बहुत तकलीफ में हूँ, शायद कुछ चुभ रहा है मेरे नाजुक से बदन को देखो ना शायद मुझे कोई नोच के खा जाना चाहता है कोई तो दया करो मेरे आँशु पर शायद कोई मेरी चीख दबा जाना चाहता है सुनो मेरे माँ,बापू का पता ही कर लो शायद गिर गई होगी हाथो से छूट ढूढते-2 शायद अब वो कहि मुझसे ना जाए रूठ हा-2 शायद मैं माँ को ज्यादा तंग कर रही होगी सुनो ना कोई तो उठा लो मेरी माँ मेरी खातिर कहि मर रही होगी अब मैं थक रही हूँ तो मैं छोड़ दूँगी इस चमन को क्योंकि मुझसे सहा नहीं जाता अब जो चुभ रहा मेरे बदन को #NojotoQuote