Find the Best ख़लिश Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about
Uttam Dixit
कहीं गहरे दफ़न दिल में, ये अफ़सोस रहने दो, मैं खामोश हूँ मुझको, अब खामोश रहने दो..!! खंजर से भी गहरा, ज़ख़म हर्फों का है लगता, ज़ुबानों में यहाँ शामिल, अभी ये जोश रहने दो..!! फ़क़त मतलब की ख़ातिर ही, रिश्ते हैं जमाने में, नशा-ए-खुदगर्ज़ी में सबको, यूँ ही मदहोश रहने दो..!! कभी दिल की ख़लिश मेरी, यहाँ समझा नहीं कोई, मेरी ज़द में यही बाक़ी, ग़म-ए-आग़ोश रहने दो..!! जाम-ए-ज़हर-ए-फ़ितरत अब, पिलाते रोज़ हैं साक़ी, है मयस्सर ये नशा मुझको, इन्हें तो होश रहने दो..!! उजड़ते हैं चमन हर रोज़, चुपचाप ज़माना देखे है, हाँ इनकी रगों में है पानी, इन्हें बे-ज़ोश रहने दो..!! जब भी कलम उठाता हूँ, "मतवाला" कर देती है, मुझे मेरी ही नज़्मों में, तुम ख़ानाबदोश रहने दो..!! *हर्फ़ = शब्द *फ़क़त = सिर्फ़ *नशा-ए-खुदगर्जी = मतलबपरस्ती का नशा *ख़लिश = चिंता *जाम-ए-ज़हर-ए-फ़ितरत = ज़हरीले स्वभाव के ज़हर का प्याला *साक़ी = शराब पिलाने वाला *मयस्सर = प्राप्त,हासिल *रग= नस,धमनी
Seema Sharma
एक खलिश जाती नहीं इश्क़ है मुझे उनसे ये भी क्यों बताती नहीं उनके दूर जाते ही दर्द की तरह उभर आती है हरबार ये पास होते है वो तब तो ये इसकदर सताती नहीं। इक ख़लिश जाती नहीं, क्यूँ ख़ुशी रास आती नहीं। #ख़लिश #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
Pushkar Sahu
एक खलिश जाती नही पता नही क्यूँ तेरी याद आती नही इक ख़लिश जाती नहीं, क्यूँ ख़ुशी रास आती नहीं। #ख़लिश #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
Aditi mannulalji Agrawal
कई दिनों से बरसी नहीं अब आँखों से सिफारिश होगी अपने ही आँसू पीने लगी है न जाने कब ये बारिश होगी अब मन न जाने क्यों आहत नहीं होता पत्थर दिल है .... अब तुझे देखने की इसे ख्वाहिश न होगी अब हमारे सब्र का बाँध टूटने लगा है संभल पाने की गुंजाइश न होगी इम्तिहान तो बहुत लिए ज़िन्दगी ने पर इस बार आज़माइश होगी इसमें भी कुछ किस्मत का लिखा होगा ज़रूर हाथों की इन लकीरों की कोई साज़िश होगी। जब कभी बारिश होगी दिल में एक ख़लिश होगी तन तो भीगा होगा मन में आतिश होगी तेरी यादें होंगी तेरी ख्वाहिश होगी
Gautam_Anand
यूँ मुस्कुरा रही थी वो मैं उसकी लबों में ख़लिश ढूंढ रहा था उसे जो देखती थी पहले मैं उन आँखों में कशिश ढूंढ रहा था जाने क्यूँ अब भी रहा करता है दिल मुन्तज़िर उसका मैं तो इस दिल में हो उससे कोई रंजिश ढूंढ रहा था एक अरसा हुए बहुत सर्द रहा करती हैं साँसें मेरी मैं अपने आसपास उसके साँसों की तपिश ढूंढ रहा था बहुत ए'तिमाद से बैठे थे वो मेरे रक़ीब के साथ मैं उसके जिस्म में हो कोई तो लर्ज़िश ढूंढ रहा था बहुत ही खूबसूरत थी वो बोलती हुई आँखें उसकी उसकी पलकों से जो उतरे मैं आज वो बारिश ढूंढ रहा था #ख़लिश@LOVEGRAPHY
sanjana Bhardwaj
कि कमबख्त किस बेवफ़ा से दिल लगा बैठे.. इक ख़लिश जाती नहीं, क्यूँ ख़ुशी रास आती नहीं। #ख़लिश #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
ᗅℕᗅℕℽᗅ Տⅈℕℊℍ
क्यों उनकी बेवफाई मैं भुला पाती नहीं, क्या उनको मेरी याद सताती नहीं? इक ख़लिश जाती नहीं, क्यूँ ख़ुशी रास आती नहीं। #ख़लिश #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
Uttam Dixit
कहीं गहरे दफ़न दिल में, ये अफ़सोस रहने दो, मैं खामोश हूँ मुझको, अब खामोश रहने दो..!! खंजर से भी गहरा, ज़ख़म हर्फों का है लगता, ज़ुबानों में यहाँ शामिल, अभी ये जोश रहने दो..!! फ़क़त मतलब की ख़ातिर ही, रिश्ते हैं जमाने में, नशा-ए-खुदगर्ज़ी में सबको, यूँ ही मदहोश रहने दो..!! कभी दिल की ख़लिश मेरी, यहाँ समझा नहीं कोई, मेरी ज़द में यही बाक़ी, ग़म-ए-आग़ोश रहने दो..!! जाम-ए-ज़हर-ए-फ़ितरत अब, पिलाते रोज़ हैं साक़ी, है मयस्सर ये नशा मुझको, इन्हें तो होश रहने दो..!! उजड़ते हैं चमन हर रोज़, चुपचाप ज़माना देखे है, हाँ इनकी रगों में है पानी, इन्हें बे-ज़ोश रहने दो..!! जब भी कलम उठाता हूँ, "मतवाला" कर देती है, मुझे मेरी ही नज़्मों में, तुम ख़ानाबदोश रहने दो..!! *हर्फ़ = शब्द *फ़क़त = सिर्फ़ *नशा-ए-खुदगर्जी = मतलबपरस्ती का नशा *ख़लिश = चिंता *जाम-ए-ज़हर-ए-फ़ितरत = ज़हरीले स्वभाव के ज़हर का प्याला *साक़ी = शराब पिलाने वाला *मयस्सर = प्राप्त,हासिल *रग= नस,धमनी
Sita Prasad
बिखेर दी सारी मोतियां, हार पूरी अब सजती नहीं। लुटाने को सारा जीवन है मगर, पल भर की रंजिश जाती नहीं। जब भर दिया दामन अनुग्रह से, किसी की खलिश सही जाती नहीं।। इक ख़लिश जाती नहीं, क्यूँ ख़ुशी रास आती नहीं। #ख़लिश #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
उससे मन की कहने की चाहत अब भी सोती नहीं क्या चाहा और क्या हो गया दिल से असमंजस की छाया लाख प्रयास मिटती नहीं..! 🌹 इक ख़लिश जाती नहीं, क्यूँ ख़ुशी रास आती नहीं। #ख़लिश #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi