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Mo k sh K an
दर्द तुझको भी हुआ होगा मुझ को छोड़ कर ड़ोर उलझी ही सही उसको मगर तोड़ कर तेरी नब्जों में भी तो कोई हरारत रही होगी हाथ तेरे भी तो थोड़े लड़खड़ाए होंगे उठा तो होगा एक समंदर तेरे सीने में भी किवाड़ तेरे दिल के भी तो भड़ -भड़ाए होंगे कोई टीस तो उठी होगी ये राह मोड़ कर दर्द तुझको भी हुआ होगा मुझ को छोड़ कर पूछे तो होंगे रूह ने तेरी तुझ से कुछ सवाल महससू हुआ होगा तुझको कुछ तो कोई मलाल अटकी तो होगी साँस तेरी, कुछ तो छूटता होगा पैरों का हौसला भी तो कुछ तो टूटता होगा क्या बदल सकेगी तू ख़ुद को नए ज़िल्द को ओढ़ कर दर्द तुझको भी हुआ होगा मुझ को छोड़ कर कुरेद कर यादों ने कोई बात कही होगी दिन निकल गया मगर एक रात रही होगी हथेलियों पर तेरे थोड़ी तो नमी होगी कहीं किसी कोने में मेरी तो कमी होगी उफ़क़ कहाँ मिलता है बोलो पुल से पुल को जोड़ कर दर्द तुझको भी हुआ होगा मुझ को छोड़ कर ~ दर्द @ अब खमोशी को कहने दो ©Mo k sh K an #mikyupikyu #ab_khamoshi_ko_kehne_do #mkpikb #meethashona #Lovelost #Poet #poem #Paimane
Mo k sh K an
नहीं दो ग़ज़ जमीं मिली तो क्या आतिश में नज़्म कर देना फिर राख़ रहे या मिट्टी फ़र्क़ भी क्या पड़ता है जब साँसे नहीं रही तो क्यूँ फिर ज़िस्म का रोना रोएँ ~ 1 मेरे बाद @ अब खमोशी को कहने दो ©Mo k sh K an #अब_ख़ामोशी_को_कहने_दो #UnsaidPain #loveandlight #mikyupikyu #mkpikb #meethashona #p
Mo k sh K an
#GuruNanakJayanti नानक मेरे रूह रज़ा कर तू अबके नानकाने राबी की पानी में पिंजर मेरा दे बह जाने रूह पर मेरी मढ़ दे तू बंजारे पैर जिस्म मेरा जहाज़ बना तू आग पर जाए तैर राह तेरी जो बने ओढ़नी क्या ठौर ठिकाना थैर तू मीठा वर्क़ ज़ुबाँ पर फिर क्यों किस से बैर ऐसी कोई जुगत लगा छूटें सभी बहाने नानक मेरी रुह रज़ा कर तू अबके नानकाने ©आबshonaSpeaks #उदासियाँ🙌 #मोक्षकान #mikyupikyu #meethashona #gurunanakjayanti
Mo k sh K an
सुलगते तवे का ताप सह कर फूल जाना वो खेतों की हरियाली वो तितलियों का आना भूल जाना वो हंसिये से काटने का दर्द वो चक्की में पीसने का संताप वो कुचल मसल कर गूँथ जाने की यातना और चलके और बेलन के बीच की व्यथा किसी और की भूख के लिए कोई और कितना करता है साहब #mikyupikyu #meethashona #citysunset
Mo k sh K an
क्यों तेरी तलाश मुझे सोने नहीं देती ख़्वाबों से ज़बा करती है नींदें मुझे होने नहीं देती क्यों तेरी तलाश मुझे सोने नहीं देती सिरहाने मेरे फिरती हैं सलवट बंजारी ना जाने जुनून बनकर क्यों हिज़्र है तारी चादर भारी ख़लिश से कोने नहीं देती क्यों तेरी तलाश मुझे सोने नहीं देती तू हूक सी उठती है सीने में लहर बन कर आग सी जलती है साँसों में कहर बन कर अश्कों में साहिल ढूँढ लूँ रोने नहीं देती क्यों तेरी तलाश मुझे सोने नहीं देती #mikyupikyu #meethashona #feather
Mo k sh K an
उसे समंदर पसंद था और मुझे वो हम अक्सर लहरों से मिला करते थे #mikyupikyu #meethashona #Ocean
Mo k sh K an
पौढ़ी पौढ़ी चढ़ता सूरज छत के ऊपर चढ़ गया आँख खुली तो देखा मैंने दिन भी कितना बढ़ गया पंछी भी आकाश नापने चले घरौंदा छोड़ के ना जाने कब लौटेंगे अब राह वो अपनी मोड़ के जाने वाल जाने कितनी यादों भीतर मढ़ गया पौढ़ी पौढ़ी चढ़ता सूरज छत के ऊपर चढ़ गया पुरवाई का कहना भी क्या, तसीर ही उसकी नम है वैसे भी दरों दीवारों पर क्या सीलन दिखती कम है जो सूखा था उसके ऊपर नीलम ताजी मढ़ गया पौढ़ी पौढ़ी चढ़ता सूरज छत के ऊपर चढ़ गया जब मौसम बदलेगा फिर से सूख दीवारें जाएंगे रंग रोगन का उर्स लगेगा खुल कर के मुस्कएँगी कौन कहेगा वक़्त टीस के खूँट कहीं पर गढ़ गया पौढ़ी पौढ़ी चढ़ता सूरज छत के ऊपर चढ़ गया पौढ़ी पौढ़ी चढ़ता सूरज छत के ऊपर चढ़ गया आँख खुली तो देखा मैंने दिन भी कितना बढ़ गया #RoadToHeaven #mikyupikyu #meethashona
Mo k sh K an
सहर हथेली रंग लाई है सूरज की मुस्कान से पैरों में भी उर्स रवां है दिन की नई चढ़ान से कनक काज उफ़क के ऊपर,बटन भोर का तारा है बादल की टोली डोल रही है,आसमान जो सारा है पत्तों पर जो सूख गया है,आब अभी तक खारा है सूरज सर पर चढ़ जाएगा,सीरत उसकी पारा है सिंदबाद सा हामिल जो है,एक नए अभिनय से पैरों में भी उर्स रवां है दिन की नई चढ़ान से सागर पीकर चली है पुरवा,पावँ उमस से भारी है बारिश के घुंगरू की खनक जो,साँस में उसमें तारी है कत्थई ओढ़े बाट जोहती, तपस धारा का जारी है उसर के मौसम चले गए,अब सब्ज रंग की बारी है नया सवेरा, नए कहानी,एक नई पहचान से पैरों में भी उर्स रवां है दिन की नई चढ़ान से सहर हथेली रंग लाई है सूरज की मुस्कान से पैरों में भी उर्स रवां है दिन की नई चढ़ान से #twilight #mikyupikyu #meethashona
Mo k sh K an
सहर हथेली रंग लाई है सूरज की मुस्कान से पैरों में भी उर्स रवां है दिन की नई चढ़ान से कनक काज उफ़क के ऊपर,बटन भोर का तारा है बादल की टोली डोल रही है,आसमान जो सारा है पत्तों पर जो सूख गया है,आब अभी तक खारा है सूरज सर पर चढ़ जाएगा,सीरत उसकी पारा है सिंदबाद सा हामिल जो है,एक नए अभिनय से पैरों में भी उर्स रवां है दिन की नई चढ़ान से सागर पीकर चली है पुरवा,पावँ उमस से भारी है बारिश के घुंगरू की खनक जो,साँस में उसमें तारी है कत्थई ओढ़े बाट जोहती, तपस धारा का जारी है उसर के मौसम चले गए,अब सब्ज रंग की बारी है नया सवेरा, नए कहानी,एक नई पहचान से पैरों में भी उर्स रवां है दिन की नई चढ़ान से सहर हथेली रंग लाई है सूरज की मुस्कान से पैरों में भी उर्स रवां है दिन की नई चढ़ान से #twilight #mikyupikyu #meethashona
Mo k sh K an
सूरज ले कर आया है फिर से नया सवेरा आँखें खोल,देख जरा तू, दूर हुआ अंधेरा धूप सुनहरी बुला रही है बाँहें अपनी खोल कर कोयल भी है तुझे बुलाती पीहू पीहू बोल कर सौंधी सौंधी हवा चली है जैसे मिश्री घोल कर बाट जोहते गुल गुलशन संग हवा के डोल कर क्यों ना रौशनी बाँधे दर पर, तेरे, अपना डेरा सूरज ले कर आया है फिर से नया सवेरा क्यों बाँधनी दिल पर पुश्तें कल के काले ढंगों की बह जाने दे फिर तू नदिया अब बेबाक़ उमंगों की महसूस करे जो तू ज़ुम्बिश अपने साथ तरंगों की तेरी रूह को भी है ख़्वाहिश फिर से सारे रंगों की नूर को बस जाने दे अंदर गहरा और घनेरा सूरज ले कर आया है फिर से नया सवेरा सूरज ले कर आया है फिर से नया सवेरा आँखें खोल,देख जरा तू, दूर हुआ अंधेरा #sunrays #mikyupikyu #meethashona