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Jack Sparrow

#आँधी

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Shubham Bhardwaj

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Mukesh Poonia

#क्रोध ऐसी #आँधी है जो #विवेक को #नष्ट कर देती है। #विचार

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Shubham Bhardwaj

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Chavi Saxena

कुछ तो कैद है अंबर के सीने में जो उभरना चाहता है...
गौर फरमाओ इन आँधियों का शोर कुछ कहना चाहता है!
पहर दर पहर तमाम दर्द दफनाए हैं इसने ज़हन में,
फिर आज क्या हुआ ऐसा कि ये टूट के घुमड़ना चाहता है? #आँधी #सीने #ज़हन #जस्बात #yqquotes #yqbaba #yqhindi #yqpoetry

अविनाश पाल 'शून्य'

बचपन में आँधियों से जब डर जाता था
माँ छुपा लेती थी आँचल में
और फिर ख़ुद को महफूज पाता था। #शून्य #डर #आँधी #महफूज #माँ #माँ_का_आँचल  #अहसास #योरकोटबाबा

#D

#आँधी से गांधी तक #विचार

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जब तक मेहनत की आंधी में नहीं उड़ोगे ,
फिर गांधी कैसे उड़ाओगे।

©#D #आँधी से गांधी तक

_Lafz_e_Sarita

प्रेम का दीया जलाये बैठे हैं हम ,
एक आस लगाए बैठे हैं हम ,
देखो बुझने न पाए ,
चली है गलतफ़हमियों की आँधी ..
कहीं ये डगमगा न जाए ।S.S.
स्वरचित

©Sarita Saini #Nojoto #nojotohindi #Prem #दीया #ग़लतफहमी #आँधी 

#Lumi

Bazirao Ashish

आजकल युवा नेताओं की कमी नहीं है भारत में।
₹500 की सदरी(कोट), ₹250 का कुर्ता, ₹200 का पैजामा और ₹50 का अंगौछा कुल ₹1000 में युवा नेता तैयार। युवा नेता आँधी के आम की तरह अफ़राद हैं।

#आँधी के आम होना- सस्ता और अत्यधिक मात्रा में उपलब्ध।
☺️😀😜🤣

●आशीष●द्विवेदी●

©Bazirao Ashish

ALOK Sharma

फ़ैसला दरीचे झांकता रहा। कलम से #कलम लड़ गई, कागज़ राह तकता रहा। आपस में बात अड़ गई, मुद्दा बीच मे लटका रहा। न दलीलें हुईं न ही बयान, #हवा #आँख #आँधी #तमस #तारीख़ #alok5star #MomentOfTime

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कलम से कलम लड़ गई,
कागज़ राह तकता रहा। 
आपस  में बात अड़ गई,
मुद्दा बीच मे लटका रहा।

          न दलीलें हुईं न ही बयान, 
          असत शब्द  भटका रहा।
          तारीख़ पे तारीख़ चढ़ गई, 
          मामला बस, अटका रहा। 

आँख से आँख भिड़ गई,
मनस उँगली चटका रहा।
न दुआ हुई न ही सलाम,  
तमस खड़ा  मटका रहा। 

          न हवा चली और न आँधी, 
          चर धूल फांकता रहा।
          भौंह से भौंह अस चिढ़ गई, 
          सत खेद छानता रहा। 

माथे चटक लकीरें मढ गई, 
सांसे बख़त दर खींचता रहा। 
सुईं के आगे सुईं बढ़ गईं,
फ़ैसला दरीचे झांकता रहा।

©ALOK Sharma...✍️ फ़ैसला दरीचे झांकता रहा।

कलम से #कलम लड़ गई,
कागज़ राह तकता रहा। 
आपस  में बात अड़ गई,
मुद्दा बीच मे लटका रहा।

          न दलीलें हुईं न ही बयान,
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