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'मनु' poetry -ek-khayaal

Shiwalika_SSS

सम्पूर्ण सिंह कालरा यानी गुलज़ार का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, 18 अगस्त 1936 को हुआ था।  अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत गीतकार के रूप में की इस के अतिरिक्त वे एक शायर, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी प्रमुख रचनाएँ ऊर्दू में हैं, किंतु हिंदी और अंग्रेज़ी में भी लिखते रहे हैं। गुलज़ार को वर्ष 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चु

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अद्भुत अनोखा फ़नकार है,
अतुल्य हुनर की भरमार है,
उस सा ना कोई कलाकार है,
नाम उसका गुलज़ार है..।

शब्दों का जो भंडार है,
विचारों की सीमा अपार है,
अभिन्न उसकी रचनाओं के सुर,
गुनगुनाता सारा संसार है..।

सदियों में एक जो जन्म लेता है,
ऐसा वो गीतकार हैं,
नाम उनका गुलज़ार है...।। सम्पूर्ण सिंह कालरा यानी गुलज़ार 
का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, 18 अगस्त 1936 को हुआ था। 

अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत गीतकार के रूप में की इस के अतिरिक्त वे एक शायर, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। 
उनकी प्रमुख रचनाएँ ऊर्दू में हैं, किंतु हिंदी और अंग्रेज़ी में भी लिखते रहे हैं।

गुलज़ार को वर्ष 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चु

Shiwalika_SSS

सम्पूर्ण सिंह कालरा यानी गुलज़ार का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, 18 अगस्त 1936 को हुआ था।  अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत गीतकार के रूप में की इस के अतिरिक्त वे एक शायर, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी प्रमुख रचनाएँ ऊर्दू में हैं, किंतु हिंदी और अंग्रेज़ी में भी लिखते रहे हैं। गुलज़ार को वर्ष 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चु

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अद्भुत अनोखा फ़नकार है,
अतुल्य हुनर की भरमार है,
उस सा ना कोई कलाकार है,
नाम उसका गुलज़ार है..।

शब्दों का जो भंडार है,
विचारों की सीमा अपार है,
अभिन्न उसकी रचनाओं के सुर,
गुनगुनाता सारा संसार है..।

सदियों में एक जो जन्म लेता है,
ऐसा वो गीतकार हैं,
नाम उनका गुलज़ार है...।। सम्पूर्ण सिंह कालरा यानी गुलज़ार 
का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, 18 अगस्त 1936 को हुआ था। 

अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत गीतकार के रूप में की इस के अतिरिक्त वे एक शायर, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। 
उनकी प्रमुख रचनाएँ ऊर्दू में हैं, किंतु हिंदी और अंग्रेज़ी में भी लिखते रहे हैं।

गुलज़ार को वर्ष 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चु

Shiwalika_SSS

सम्पूर्ण सिंह कालरा यानी गुलज़ार का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, 18 अगस्त 1936 को हुआ था।  अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत गीतकार के रूप में की इस के अतिरिक्त वे एक शायर, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी प्रमुख रचनाएँ ऊर्दू में हैं, किंतु हिंदी और अंग्रेज़ी में भी लिखते रहे हैं। गुलज़ार को वर्ष 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चु

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अद्भुत अनोखा फ़नकार है,
अतुल्य हुनर की भरमार है,
उस सा ना कोई कलाकार है,
नाम उसका गुलज़ार है....।। सम्पूर्ण सिंह कालरा यानी गुलज़ार 
का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, 18 अगस्त 1936 को हुआ था। 

अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत गीतकार के रूप में की इस के अतिरिक्त वे एक शायर, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। 
उनकी प्रमुख रचनाएँ ऊर्दू में हैं, किंतु हिंदी और अंग्रेज़ी में भी लिखते रहे हैं।

गुलज़ार को वर्ष 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चु

Anita Saini

मारूफ़ शायर-गीतकार, अफ़साना निगार व फ़िल्मकार गुलज़ार साहब का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 18 अगस्त 1934 को पाकिस्तान पंजाब के दीना प्रान्त में हुआ। उनका पूरा नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है। मगर सारी दुनिया में गुलज़ार के नाम से जाने जाते हैं। उनके लिखे गीत इंसान के सूक्ष्म मनोभावों को एक अद्भुत भाषा में व्यक्त करते हैं। उनके डायलॉग्स और उनका निर्देशन सब भारतीय फ़िल्म इतिहास में अपनी मिसाल ख़ुद है। उनकी शायरी का स्वाद बिल्कुल मुख़्तलिफ़ है। कौन नहीं होगा जो उनके लेखन से प्रभावित न हो। #गुलज़ारसाहब #Collab Your

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बचपन में माँ का साया सर से छिन जाना
देश विभाजन के कारण विस्थापित हो जाना

आसान कहाँ होता है अपनी जड़ों से कट जाना
कच्ची उम्र में ज़िंदगी के सारे सबक मिल जाना।

नसीब नहीं होता गुलों को माली का मिल जाना
वक़्त के थपेड़े खा कर भी गुलों का खिल जाना

मुमकिन है मिस्त्री का यकायक भाग खुल जाना
निरी तन्हाइयों की उपज रही कविता लिखा जाना

लम्हों के शायर ने सीखा अशआरों में मिल जाना
आसान नहीं था सम्पूर्ण सिंह से गुलज़ार हो जाना मारूफ़ शायर-गीतकार, अफ़साना निगार व फ़िल्मकार गुलज़ार साहब का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 18 अगस्त 1934 को पाकिस्तान पंजाब के दीना प्रान्त में हुआ। उनका पूरा नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है। मगर सारी दुनिया में गुलज़ार के नाम से जाने जाते हैं। 
उनके लिखे गीत इंसान के सूक्ष्म मनोभावों को एक अद्भुत भाषा में व्यक्त करते हैं। उनके डायलॉग्स और उनका निर्देशन सब भारतीय फ़िल्म इतिहास में अपनी मिसाल ख़ुद है। उनकी शायरी का स्वाद बिल्कुल मुख़्तलिफ़ है। कौन नहीं होगा जो उनके लेखन से प्रभावित न हो।
#गुलज़ारसाहब #collab  #Your

sonia Katyal

मारूफ़ शायर-गीतकार, अफ़साना निगार व फ़िल्मकार गुलज़ार साहब का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 18 अगस्त 1934 को पाकिस्तान पंजाब के दीना प्रान्त में हुआ। उनका पूरा नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है। मगर सारी दुनिया में गुलज़ार के नाम से जाने जाते हैं। उनके लिखे गीत इंसान के सूक्ष्म मनोभावों को एक अद्भुत भाषा में व्यक्त करते हैं। उनके डायलॉग्स और उनका निर्देशन सब भारतीय फ़िल्म इतिहास में अपनी मिसाल ख़ुद है। उनकी शायरी का स्वाद बिल्कुल मुख़्तलिफ़ है। कौन नहीं होगा जो उनके लेखन से प्रभावित न हो। #गुलज़ारसाहब #Collab Your

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जो हर दर्द को बता देता, मारूफ़ शायर-गीतकार, अफ़साना निगार व फ़िल्मकार गुलज़ार साहब का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 18 अगस्त 1934 को पाकिस्तान पंजाब के दीना प्रान्त में हुआ। उनका पूरा नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है। मगर सारी दुनिया में गुलज़ार के नाम से जाने जाते हैं। 
उनके लिखे गीत इंसान के सूक्ष्म मनोभावों को एक अद्भुत भाषा में व्यक्त करते हैं। उनके डायलॉग्स और उनका निर्देशन सब भारतीय फ़िल्म इतिहास में अपनी मिसाल ख़ुद है। उनकी शायरी का स्वाद बिल्कुल मुख़्तलिफ़ है। कौन नहीं होगा जो उनके लेखन से प्रभावित न हो।
#गुलज़ारसाहब #collab  #Your

arrey.oh.chachu

मारूफ़ शायर-गीतकार, अफ़साना निगार व फ़िल्मकार गुलज़ार साहब का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 18 अगस्त 1934 को पाकिस्तान पंजाब के दीना प्रान्त में हुआ। उनका पूरा नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है। मगर सारी दुनिया में गुलज़ार के नाम से जाने जाते हैं। उनके लिखे गीत इंसान के सूक्ष्म मनोभावों को एक अद्भुत भाषा में व्यक्त करते हैं। उनके डायलॉग्स और उनका निर्देशन सब भारतीय फ़िल्म इतिहास में अपनी मिसाल ख़ुद है। उनकी शायरी का स्वाद बिल्कुल मुख़्तलिफ़ है। कौन नहीं होगा जो उनके लेखन से प्रभावित न हो। #गुलज़ारसाहब #Collab Your

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Gulzaar saahab aapkee likhaayee ne 
Har cheez ko zinda kiya hai
Lekin yeh naacheez insaan ab tak Mara pada hai मारूफ़ शायर-गीतकार, अफ़साना निगार व फ़िल्मकार गुलज़ार साहब का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 18 अगस्त 1934 को पाकिस्तान पंजाब के दीना प्रान्त में हुआ। उनका पूरा नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है। मगर सारी दुनिया में गुलज़ार के नाम से जाने जाते हैं। 
उनके लिखे गीत इंसान के सूक्ष्म मनोभावों को एक अद्भुत भाषा में व्यक्त करते हैं। उनके डायलॉग्स और उनका निर्देशन सब भारतीय फ़िल्म इतिहास में अपनी मिसाल ख़ुद है। उनकी शायरी का स्वाद बिल्कुल मुख़्तलिफ़ है। कौन नहीं होगा जो उनके लेखन से प्रभावित न हो।
#गुलज़ारसाहब #collab  #Your

Munmun Dhali

सम्पूर्ण सिंह कालरा यानी गुलज़ार का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, 18 अगस्त 1936 को हुआ था।  अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत गीतकार के रूप में की इस के अतिरिक्त वे एक शायर, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी प्रमुख रचनाएँ ऊर्दू में हैं, किंतु हिंदी और अंग्रेज़ी में भी लिखते रहे हैं। गुलज़ार को वर्ष 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चु

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Gulon se gulzar hai...unka haar shabd...
Moti sarikhe har lafz...mala mein piroyi. Hui hai...kabhi bhi kahin bhi chamak uthti hai....Andhere mei...ujale mein..
Hum yunhi gunguna lete hai....sabdo ko sangeet bana kaar...
 सम्पूर्ण सिंह कालरा यानी गुलज़ार 
का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, 18 अगस्त 1936 को हुआ था। 

अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत गीतकार के रूप में की इस के अतिरिक्त वे एक शायर, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। 
उनकी प्रमुख रचनाएँ ऊर्दू में हैं, किंतु हिंदी और अंग्रेज़ी में भी लिखते रहे हैं।

गुलज़ार को वर्ष 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चु

Aamir Qais AnZar

It’s the birthday of one of India’s most celebrated poets, #Gulzar saheb. Collab and write him a birthday wish that talks about how his songs, stories, films, trivenis and imagination impacted your life. Collaborating with YourQuote Baba #ज़िन्दगीगुलज़ारहै #गुलज़ारसाहब #Gulzarsahab #Poet #Gulzariyat #EnlightenAQUA #zindagigulzarhai

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Gulzariyat
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Jazbaato Ko baaton mein 
milaya kuchh aise.. 
चन्द alfaazo mein Afsana 
ब्यान kar diya ho jaise. It’s the birthday of one of India’s most celebrated poets, #Gulzar saheb. Collab and write him a birthday wish that talks about how his songs, stories, films, trivenis and imagination impacted your life.  
Collaborating with YourQuote Baba #ज़िन्दगीगुलज़ारहै #गुलज़ारसाहब #GulzarSahab #Poet #Gulzariyat #EnlightenAQUA #zindagiGulzarHai

Kranti Thakur

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