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Archana Gautam

#दार्शनिक विचार

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oneandonlyman

"ह्रदय  का टूटना
 एक अध्यात्मिक प्रक्रिया है।
इसे देखने के लिए,
 विज्ञान का कोई यंत्र नहीं 
प्रेम की दृष्टि चाहिए।

©kartika Singh #अध्यात्मिक #प्रेम #हिंदी #दार्शनिक
#Light

ख़ुश्क आँसू

एक मौत और एक ज़िन्दगी

मौत कभी ज़िन्दगी का खात्मा नही हो सकती
एक रेख है बड़ी दूर से चलती चली आती है
अनगिनत बिंदुओं को समेटे हुए
स्पर्श करते,सहलाते,
कुछ लेते कुछ देते हुए

एक बिंदु पर ही हठात् 
ख़त्म कैसे हो जायेगी कहानी
ज़िन्दगी तो रहेगी
तेरे मेरे दरमियान
कहानियां बन के
हंसी और नसीहत बन के
इक दूर का तारा बन के 

बिखर जाएंगे यूँ ही तेरे आसपास
नज़र आएंगे यादों में 
बंद पलको की कोर पर
थमे आसुओं में
मौत ज़िन्दगी का दामन पकड़ के चलती है 
साथ साथ ,उम्र भर
ज़िन्दगी जुदा मौत से क्यों हो जायेगी

©ख़ुश्क आँसू #ज़िन्दगी 
#मौत 
#दार्शनिक 
#philosophy of life

#EveningBlush

CalmKrishna

मेरी कविता पढ़ के कवि मत खोजना,
वहाँ एक बावला दार्शनिक मिलेगा। #कवि #दार्शनिक #कविता #बात

आर्यप्रकाश 'अलिज़ेह'

बहुत मुखौटे बदले हैं हमनें अपनी असलियत छिपाने को,,
अब तो हम ख़ुद भी भूल गये हैं असली चेहरा अपना।। #असलियत #चेहरा #ख़ुद #मुखौटे #विचार #दार्शनिक #शायरी #आर्यप्रकाश

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 10 – अनुगमन 'ठहरो!' जैसे किसी ने बलात्‌ पीछे से खींच लिया हो। सचमुच दो पग पीछे हट गया अपने आप। मुख फेरकर पीछे देखना चाहा उसने इस प्रकार पुकारने वाले को, जिसकी वाणी में उसके समान कृतनिश्चयी को भी पीछे खींच लेने की शक्ति थी। थोड़ी दूर शिखर की ओर उस टेढ़े-मेढ़े घुमावदार पथ से चढ़कर आते उसने एक पुरुष को देख लिया। मुण्डित मस्तक पर तनिक-तनिक उग गये पके बालों ने चूना पोत दिया था। यही दशा नासिका और उसके समीप के कपाल के कुछ भागों कों छोड़कर शेष मु

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12

।।श्री हरिः।।
10 – अनुगमन

'ठहरो!' जैसे किसी ने बलात्‌ पीछे से खींच लिया हो। सचमुच दो पग पीछे हट गया अपने आप। मुख फेरकर पीछे देखना चाहा उसने इस प्रकार पुकारने वाले को, जिसकी वाणी में उसके समान कृतनिश्चयी को भी पीछे खींच लेने की शक्ति थी।

थोड़ी दूर शिखर की ओर उस टेढ़े-मेढ़े घुमावदार पथ से चढ़कर आते उसने एक पुरुष को देख लिया। मुण्डित मस्तक पर तनिक-तनिक उग गये पके बालों ने चूना पोत दिया था। यही दशा नासिका और उसके समीप के कपाल के कुछ भागों कों छोड़कर शेष मु

Neha Mittal

एक बादशाह अपने कुत्ते के साथ नाव में यात्रा कर रहा था । उस नाव में अन्य यात्रियों के साथ एक दार्शनिक भी था ।  . कुत्ते ने कभी नौका में सफर नहीं किया था, इसलिए वह अपने को सहज महसूस नहीं कर पा रहा था ।  वह उछल-कूद कर रहा था और किसी को चैन से नहीं बैठने दे रहा था । . मल्लाह उसकी उछल-कूद से परेशान था कि ऐसी स्थिति में यात्रियों की हड़बड़ाहट से नाव डूब जाएगी ।  #Poetry

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एक बादशाह अपने कुत्ते के साथ नाव में यात्रा कर रहा था । उस नाव में अन्य यात्रियों के साथ एक दार्शनिक भी था । 
.
कुत्ते ने कभी नौका में सफर नहीं किया था, इसलिए वह अपने को सहज महसूस नहीं कर पा रहा था । 


वह उछल-कूद कर रहा था और किसी को चैन से नहीं बैठने दे रहा था ।
.
मल्लाह उसकी उछल-कूद से परेशान था कि ऐसी स्थिति में यात्रियों की हड़बड़ाहट से नाव डूब जाएगी । 


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