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Rabindra Kumar Ram

" आखिर कब तक ये एतबार किया जाये, मुहब्बत को‌ मुहब्बत की तरह प्यार‌ किया जाये, ये रजोंगम ये दुश्वारियां कब तक सम्हाल के रखा जाये, बात जितनी अहम हैं उसे किस हद तक आजादी दी जाये, आखिर कब तक खुद को यू मसरूफ़ रखा जाये, बात जितनी‌ सगीन हैं उसे खुद से बेजार रखा जाये. " --- रबिन्द्र राम

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" आखिर कब तक ये एतबार किया जाये, 
मुहब्बत को‌ मुहब्बत की तरह प्यार‌ किया जाये, 
ये रजोंगम ये दुश्वारियां कब तक सम्हाल के रखा जाये, 
बात जितनी अहम हैं उसे किस हद तक आजादी दी जाये, 
आखिर कब तक खुद को यू मसरूफ़ रखा जाये, 
बात जितनी‌ सगीन हैं उसे खुद से बेजार रखा जाये. "

                      --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " आखिर कब तक ये एतबार किया जाये, 
मुहब्बत को‌ मुहब्बत की तरह प्यार‌ किया जाये, 
ये रजोंगम ये दुश्वारियां कब तक सम्हाल के रखा जाये, 
बात जितनी अहम हैं उसे किस हद तक आजादी दी जाये, 
आखिर कब तक खुद को यू मसरूफ़ रखा जाये, 
बात जितनी‌ सगीन हैं उसे खुद से बेजार रखा जाये. "

                      --- रबिन्द्र राम

Ratan Kumar

#बेजार जिंदगी

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Rabindra Kumar Ram

Pic: pexels.com " हम रहे वेकरार की तमन्ना तेरी कर के बैठे हैं , बेशक तु ना मिल कभी सही इतना तो इतमिनान हम भी कर के बैठे हैं , ये हुजूम की बात है तो चल कहीं कुछ बात अकेले में करते हैं , तेरे मेरे जार-बेजार को कुछ यूं रफा - दफा करते हैं . " --- रबिन्द्र राम

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" हम रहे वेकरार की तमन्ना तेरी कर के बैठे हैं , 
बेशक तु ना मिल कभी सही इतना  तो इतमिनान हम भी कर के बैठे हैं , 
ये हुजूम की बात है तो चल कहीं कुछ बात अकेले में करते हैं , 
तेरे मेरे जार-बेजार को कुछ यूं रफा - दफा  करते  हैं . " 

                      --- रबिन्द्र राम Pic: pexels.com

" हम रहे वेकरार की तमन्ना तेरी कर के बैठे हैं , 
बेशक तु ना मिल कभी सही इतना  तो इतमिनान हम भी कर के बैठे हैं , 
ये हुजूम की बात है तो चल कहीं कुछ बात अकेले में करते हैं , 
तेरे मेरे जार-बेजार को कुछ यूं रफा - दफा  करते  हैं . " 

                      --- रबिन्द्र राम

Rabindra Kumar Ram

" अब थोड़ी दूरियां मैं भी बनायेंगे , जो नजदिकियां वो ख्याल दिल से बेजार करेंगे , रास आयेगी तुझे मेरी खामोशि भी अब , तन्हाई को दिल से इस कदर गले लगायेंगे ." --- रबिन्द्र राम #दूरियां

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" अब थोड़ी दूरियां मैं भी बनायेंगे ,
जो नजदिकियां वो ख्याल दिल से बेजार करेंगे ,
रास आयेगी तुझे मेरी खामोशि भी अब ,
तन्हाई को दिल से इस कदर गले लगायेंगे ." 

                              --- रबिन्द्र राम " अब थोड़ी दूरियां मैं भी बनायेंगे ,
जो नजदिकियां वो ख्याल दिल से बेजार करेंगे ,
रास आयेगी तुझे मेरी खामोशि भी अब ,
तन्हाई को दिल से इस कदर गले लगायेंगे ." 

                              --- रबिन्द्र राम 

#दूरियां

Rabindra Kumar Ram

" वाकिफ हो तो जरा तुम भी कुछ कहो ना , हाले‌ दिल वयान मैं कब तक तुझसे बेजार रखूं , फासलों का सफ़र तुमसे ही तय करना है , अब भला मैं तुम्हें छोड़कर किसका ख्याल रखूं . " --- रबिन्द्र राम #वाकिफ #दिल #वयान #बेजार

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" वाकिफ हो तो जरा तुम भी कुछ कहो ना ,
हाले‌ दिल वयान मैं कब तक तुझसे बेजार रखूं ,
फासलों का सफ़र तुमसे ही तय करना है ,
अब भला मैं तुम्हें छोड़कर किसका ख्याल रखूं . " 

                           --- रबिन्द्र राम " वाकिफ हो तो जरा तुम भी कुछ कहो ना ,
हाले‌ दिल वयान मैं कब तक तुझसे बेजार रखूं ,
फासलों का सफ़र तुमसे ही तय करना है ,
अब भला मैं तुम्हें छोड़कर किसका ख्याल रखूं . " 

                           --- रबिन्द्र राम 
#वाकिफ
#दिल #वयान #बेजार

Rabindra Kumar Ram

" कहीं वो आसमां मिल नहीं रहा , जहां मेरा चांद रोशन हो जाये , इन्तजार का ये लम्हा बेजार सा हैं , काश कही आते - जाते दिदार हो ." --- रबिन्द्र राम #आसमां #चांद #रोशन

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" कहीं वो आसमां मिल नहीं रहा ,
जहां मेरा चांद रोशन हो जाये ,
इन्तजार का ये लम्हा बेजार सा हैं ,
काश कही आते - जाते दिदार हो ." 

                        --- रबिन्द्र राम " कहीं वो आसमां मिल नहीं रहा ,
जहां मेरा चांद रोशन हो जाये ,
इन्तजार का ये लम्हा बेजार सा हैं ,
काश कही आते - जाते दिदार हो ." 

                        --- रबिन्द्र राम 

#आसमां #चांद #रोशन

Rabindra Kumar Ram

" चल तु आज इन्कार कर दे , हैं जो चाहते जार-जार कर दे , जो मयस्सर में मिला है प्यार , इस हसरतें को बेजार कर दे ." --- रबिन्द्र राम #इन्कार #जार-जार #मयस्सर #प्यार #हसरतें #बेजार

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" चल तु आज इन्कार कर दे ,
हैं जो चाहते जार-जार कर दे ,
जो मयस्सर में मिला है प्यार ,
इस हसरतें को बेजार कर दे ." 

                     --- रबिन्द्र राम " चल तु आज इन्कार कर दे ,
हैं जो चाहते जार-जार कर दे ,
जो मयस्सर में मिला है प्यार ,
इस हसरतें को बेजार कर दे ." 

                          --- रबिन्द्र राम 

#इन्कार #जार-जार #मयस्सर #प्यार #हसरतें #बेजार

Rabindra Kumar Ram

" दे रहो ख्वाहिशों को कोई तलब , बेमतलब की बात कही बाकी ना जाये , इतना आसान भी नहीं खुद को तुझसे जार बेजार करें , कोई कश मुकम्मल ना होने पाये कहीं तेरे बगैर... . " --- रबिन्द्र राम #ख्वाहिशों #तलब #जार #बेजार #कश #मुकम्मल #तेरेबगैर

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"    दे रहो ख्वाहिशों को कोई तलब ,
बेमतलब की बात कही बाकी ना जाये ,
इतना आसान भी नहीं खुद को तुझसे जार बेजार करें ,
कोई कश मुकम्मल ना होने पाये कहीं तेरे बगैर... . " 

                            --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram "    दे रहो ख्वाहिशों को कोई तलब ,
बेमतलब की बात कही बाकी ना जाये ,
इतना आसान भी नहीं खुद को तुझसे जार बेजार करें ,
कोई कश मुकम्मल ना होने पाये कहीं तेरे बगैर... . " 

                            --- रबिन्द्र राम 

 #ख्वाहिशों #तलब #जार #बेजार #कश #मुकम्मल #तेरेबगैर

Rabindra Kumar Ram

" सिफारिशे इश्क की इसकदर की , हर लफ्ज़ में उस से मुहब्बत की हैं , वो है अनजान बेखबर तो रहे गा़फिल , उस से इश्केमुहब्बत कुछ जार बेजार में की हैं . " --- रबिन्द्र राम #सिफारिशे #इश्क #मुहब्बत #अनजान #बेखबर #गा़फिल #जार #बेजार

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" सिफारिशे इश्क की इसकदर की , 
हर लफ्ज़ में उस से मुहब्बत की हैं ,
वो है अनजान बेखबर तो रहे गा़फिल , 
उस से इश्केमुहब्बत कुछ जार बेजार में की हैं . " 

                        --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " सिफारिशे इश्क की इसकदर की , 
हर लफ्ज़ में उस से मुहब्बत की हैं ,
वो है अनजान बेखबर तो रहे गा़फिल , 
उस से इश्केमुहब्बत कुछ जार बेजार में की हैं . " 

                        --- रबिन्द्र राम 

  #सिफारिशे #इश्क #मुहब्बत #अनजान #बेखबर #गा़फिल #जार #बेजार

Abundance

#apart

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अपने लेखन को मध्यम आंच में भुंजे सुनहरा होने तक
फिर विचारों का भोजन परोसे....
बड़े शब्दों से विचारों की सजावट ठीक है
मगर पढ़ कर दर्शकों को कोई स्वाद ना मिले
फिर यही हार है.....
#बेजार (अप्रसन्न )महफ़िल लेखक की हार है.....

©Mallika #apart
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