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Ekta Gour
Rashto ka to pata nahi Unn galiyo se ab koi rishta nahi khabo me koi mere hasta nahi Rishto ke aage sajda kia to sahi Uss rab per ye dil khurban sahi Eshq se koi gila shikhva nahi Mohbbat karne wala mila to sahi Per wo meri jindagi bana nahi #शिखवा #जिदगी #गीला #पयार #yqlove
Surabhi Jha
हर इक दर्द को दिल में दफ़न कर दिया करते हैं अब कहाँ किसी से कोई शिक़वा गीला करते हैं #शिक़वा #गीला #दिलकेकोनेमें #दर्द_और_खामोंशियाँ #yqbaba #yqdidi #yqsadfeelings
Meenakshi Sethi
गीला सूरज कभी देखा है गीला सा सूरज, कुछ-कुछ भीगा-भीगा सा सूरज, तेरी जुदाई के गम में है डूबा, मेरी आशनाई का बुझता सूरज, तूने भी तो टाँग दिया था, खूँटी पर प्यार का रिसता सूरज, अंधेरी सुबह में झाँक रहा है, फटी वफ़ा से दुखी मन सूरज, आजा आकर वापस ले जा, अपनी यादों का सिसकता सूरज, दहलीज़ पर मैंने छोड़ दिया है, तेरा-मेरा अधजला सा सूरज । Meenakshi Sethi, wings of poetry #गीला सूरज #wingsofpoetry #yqhindi #yqhindipoetry
Ajay kumar
जब मौसम बदले तो कोई गिला नहीं करता है जब इंसान बदले तो हर कोई शिकवा करता है ©Ajay kumar #गीला
Mohamad Vishal ali
पूछता हूं खुद से किसे करू उम्मीद ।।2 जब में खुद की सोच पर खरा उतर ना पाया गैरों से क्या गिला करू में जब में अपनों को ही समझ ना पाया ©Mohamad Vishal ali #दर्द #गीला #प्रयाग
Thakur Vikas Singh
ना रोते हैं ना गीला करते हैं, ना रोते हैं ना गीला करते हैं। तेरे जाने के बाद तेरी यादों से मिला करते हैं। कुछ इस कदर इंतेज़ार है हमे अपनी मौत का, कि अपने हाथो से अपना कफन सिला करते हैं। #waiting
रजनीश "स्वच्छंद"
दर्द बहा फिर पानी बनकर।। जमकर रोया, आंख भिगोया, दर्द बहा फिर पानी बनकर। नमक घुला आंसू में मेरे, प्यार रहा नादानी बनकर। क्या थी दस्तक, कौन था आया, किससे करूँ मैं अपनी बातें। आकर अब तो दीप बुझा जा, रास न आयीं अपनी रातें। रोते रहे बस नाम ले तेरा, और कहां कोई नाम सुना था। दुनिया दुश्मन आज बनी है, और कहां कोई नाम चुना था। ले जा अपना गीला दुपट्टा, यादें जी भर के हैं नहाईं। गीला बदन है, गीली यादें, रातें जी भर के है समाईं। वो जुगनू जो टिम टिम करता, आज ज़मीं निस्तेज पड़ा है। जीवन के कई रंग हैं देखे, ये ज़ालिम रंगरेज़ बड़ा है। तुमको रंगता मुझको रंगता, आज रंगा है कहानी बनकर। जमकर रोया, आंख भिगोया, दर्द बहा फिर पानी बनकर। वो बारिश की बूंदे फिर से, आग लगाने अंगना आयीं। ख़्वाब सजे बारात सजी थी, आज चढ़ाने कंगना लायीं। दिल मेरा शहनाई हुआ है, दर्द में भी ये बजता है। दीवारों पे भी लग गईं लड़ियाँ, आंखों में मोती सजता है। आज विदा कर दो तुम मुझको, आये बाराती गए बाराती। यादें दुल्हन बनकर निकलीं हैं, टीका लगाती बिंदि सजाती। सेज सजाया है फूलों से, आतुर हैं सांसें सोने को। तुम जो गयी है ग़म भी नहीं, है कौन बचा अब रोने को। इश्क कराहें ले कहता है, क्या पाया तू जवानी बनकर। जमकर रोया, आंख भिगोया, दर्द बहा फिर पानी बनकर। ©रजनीश "स्वछंद" दर्द बहा फिर पानी बनकर।। जमकर रोया, आंख भिगोया, दर्द बहा फिर पानी बनकर। नमक घुला आंसू में मेरे, प्यार रहा नादानी बनकर। क्या थी दस्तक, कौन था आया,
Patel_ki_Kalam
आधा तुम सूखा!! आधा मैं गीला।। चलते - चलते राह में हम दोनों, बरसात के पानी में तुम और हम, पकड़े हाथ जीवन भर साथ निभाने वाले, भगते गये तुम्हारे दरवाजे की चौखट की और, आधा तुम सूखा!! आधा मैं गीला।। तुम्हारे हाथो से सहलाना मेरे गीले बाल, तुम्हारे घर की चौखट में खड़ा तुम और मैं, संग तुम्हारे गुजारी वो उम्र के खास वो पल, आज भी पायलो की खंनखनाहट का इंतजार, आधा तुम सूखा!! आधा मैं गीला।। अभी भी तुम्हारे होंठो की मुस्कुराहट, बालों का हवा में यूं उड़ना तुम्हारे, सुबह हो या शाम शरारतों भरे काम, चार दिवारी में कैद पड़ी पानी की तरह, आधा तुम सूखा!! आधा मैं गीला।। आधा तुम सूखा!! आधा मैं गीला।। #poet #poetry #mausam #tum #main #lovepoet #ahasas #अहसास #तुम_और_मैं #terimerikahani
Skc
एक अकेली छतरी में जब आधे-आधे भीग रहे थे। आधा गीला, आधा सूखा तो मैं ले आई थी। गीला मन मेरा बिस्तर के पास पड़ा हैं। वो भिजवा दो..मेरा वो समान लौटा दो.... मन
Skc
एक अकेली छतरी में जब आधे-आधे भीग रहे थे। आधा गीला, आधा सूखा तो मैं ले आई थी। गीला मन मेरा बिस्तर के पास पड़ा हैं। वो भिजवा दो..मेरा वो समान लौटा दो.... मन