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अनूप 'समर'
जिंदगी में कहीं मैं ज़िंदगी ढूंढता हूं! ढूंढने जब चलूं एक खुशी ढूंढता हूं! सूरतें आदमी सी मिली हर तरफ़! आदमी में भी मै आदमी ढूंढता हूं! भूलसे हम गये शक़्ल तक इन दिनों! मैं तो फिर से वहीं सादगी ढूंढता हूं! पाँव तक टोकने लग गये अब मुझे! दौड़ने की वज़ह लाज़िमी ढूंढता हूं! जो लबों पर चढ़े,फिर उतर न सके! अब तो ऐसी कहीं शायरी ढूंढता हूं! ढूँढ़ ही लूंगा मैं शराबों में दरिया कई! उस कदर की कोई तिश्नगी ढूंढता हूं! जो शिकायत करूँ सूखे दरिया से मैं! अपनी आँखों मे भी मैं नमी ढूंढता हूं! ©अनूप 'समर' #lafzdilse #theuniques #theincomparable #Anoopsamar #AnoopS #Lafzdilsebyanoops
अनूप 'समर'
कभी रंगीन तो कभी ज़ाफ़रानी लगती हैं! मेरी कहानी तो बस मेरी कहानी लगती हैं! कौन कहता हैं मोहब्बत चार दिन की है! अज़ी हम से पूछो सारी जवानी लगती हैं! मोहब्बत का सबब कौन समझा हैं यहाँ! लोगों को तो बस मीरा दीवानी लगती हैं! शक्ल कैसी भी हो जब दिल आ जाये तो! इश्क के अंधे को बस वो सुहानी लगती हैं! जिधर देखिये बस कौवे के चोंच में मोती! ये अज़ब खुदा की कारस्तानी लगती हैं! ©अनूप 'समर' #Anoopsamar #LafDilse #Theuniques #Theincomparable
अनूप 'समर'
शुक्र मनाओ की तुम्हारी इज्जत का गर ना ख्याल करते! तो हम यूं ही खामोश ना रहते शहर भर में बवाल करते! ©अनूप 'समर' #lafzdilse #Anoopsamar #theincomparable #theuniques #Lafzdilsebyanoops
अनूप 'समर'
रहम कर मुझको सताना छोड़ न! अब मेरे ख्वाबों में आना छोड़ न! दिल कभी भी टूट के जुड़ता नहीं! गर इश्क है तो आजमाना छोड़ न! आइने को इक ही नसीहत है मेरी! अब पत्थरों से दिल लगाना छोड़ न! खामखां तू जाल में फँस जायेगा! ऐ परिंदे अब आबोदाना छोड़ न! फँस गया ऐदिल तू उनके इश्क में! सौ बार कहा नज़रे मिलाना छोड़ न! रातभर आती 'समर' को हिचकियां! उनसे कहो अब गुनगुनाना छोड़ न! ©अनूप 'समर' #LafzDilse #Theincomparable #Theuniques #anoopsamar #Lafzdilsebyanoops #quoets #Lumi
अनूप 'समर'
जवाब देना हैं पर सवाल बाकी हैं अभी! दिल में भी तो ये मलाल बाकी हैं अभी! कागज़ की एक कश्ती बहाई थी हम ने! पर देखना हवा की चाल बाकी हैं अभी! शोर बहुत तेज हैं अब धड़कनो का मेरी! मेरे करीब हैं वो ये ख्याल बाकी हैं अभी! पिघल रहा हैं वक्त बस लम्हा लम्हा यूँही! खामोशियो के कुछ साल बाकी हैं अभी! #AnoopS #LafzDilSe #TheUniqueS #Theincomparable #leftalone
अनूप 'समर'
किसी दूसरे की कहानी किसी और पर चस्पां नहीं की जा सकती न तुम्हें कृष्ण होना है, न राम होना है, न बुद्ध होना है, न क्राइस्ट होना है, तुम तो तुम ही हो जाओ, बस उतना काफी है। तुम्हारा फूल खिले, तुम्हारी सुगंध उडे़, तुम्हारा दिया जले! जरूर तुम जब खिलोगे तो तुम्हारे भीतर भी वही महिमा होगी जो कृष्ण की है, और वही महिमा होगी जो बुद्ध की है, मगर कहानी वही नहीं होगी। रस वही होगा, रंग वही होगा। अनुभूति वही होगी, अभिव्यक्ति वही नहीं होगी। वाद्य वही होगा, लेकिन धुन तुम पर तुम्हारी बजेगी, गीत तुम पर तुम्हारा उठेगा। और धन्यवाद करो प्रभु का कि उसने तुम्हे झूठे बनने का कोई अवसर ही नहीं छोड़ा है। तुम बन ही नहीं सकते, लाख कोशिश करो। तुम सिर्फ वही बन सकते हो जो तुम हो, जो तुम वस्तुतः हो। जो तुम जन्म के साथ ही स्वभाव लेकर आए हो, उसकी ही अभिव्यक्ति होती है। नकल में मत पड़ना। नकल में बहुत लोग भटक गये हैं। #hearts #AnoopS #LafzDilSe #Theincomparable #TheUniqueS
अनूप 'समर'
ना घर में ना बाहर हूँ मैं, ना पास ना दूर हूँ मैं! बस भटक रहा हूँ दर बदर...हाँ मजदूर हूँ मैं! बस चंद रोटियो के लिये रोज़ बोझ ढोता हूँ! थक कर बस यही फुटपाथ पर ही सोता हूँ! टूटता नहीं हूँ अपने घर का एक गरुर हूँ मैं! बस भटक रहा हूँ दर बदर...हाँ मजदूर हूँ मैं! महलो से ले के सड़को तक काम करता हूँ! पटरियो और सड़को पर कट कर मरता हूँ! ऐसी बदतर जिन्दगी जीने को मज़बूर हूँ मैं! भटक रहा हूँ बस दर बदर..हाँ मजदूर हूँ मैं! मौत क्या हैं ज़िन्दगी से दिल सहम जाता है! मुझे तो खुद के होने पर अब रहम आता है! न निभा पाया खुद को वो पुराना दस्तूर हूँ मैं! भटक रहा हूँ बस दर बदर...हाँ मजदूर हूँ मैं! ✒Anoop S. #Art #Anoops #Theincomparable #TheUniqueS #LafzDilSe
अनूप 'समर'
ना घर में ना बाहर हूँ मैं ना पास ना दूर हूँ मैं! बस भटक रहा हूँ दर बदर...हाँ मजदूर हूँ मैं! बस चंद रोटियो के लिये रोज़ बोझ ढोता हूँ! थक कर बस यही फुटपाथ पर ही सोता हूँ! टूटता नहीं हूँ अपने घर का एक गरुर हूँ मैं! बस भटक रहा हूँ दर बदर...हाँ मजदूर हूँ मैं! महलो से ले के सड़को तक काम करता हूँ! पटरियो और सड़को पर कट कर मरता हूँ! ऐसी बदतर जिन्दगी जीने को मज़बूर हूँ मैं! भटक रहा हूँ बस दर बदर..हाँ मजदूर हूँ मैं! मौत क्या हैं ज़िन्दगी से दिल सहम जाता है! मुझे तो खुद के होने पर अब रहम आता है! न निभा पाया खुद को वो पुराना दस्तूर हूँ मैं! भटक रहा हूँ बस दर बदर...हाँ मजदूर हूँ मैं! ✒Anoop S. #Art #AnoopS #Theincomparable #TheUniqueS #LafzDilSe