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Ek villain

#प्रमाणिक लेखन से छूटेगा कोहरा #Moon #Society

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सरस्वती नदी को केंद्र में रखकर संपादित पुस्तक निरूपा सरस्वती के लोक कल्याण समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संचालक मोहन भागवत ने अपने वक्त में भारतीय इतिहास को उसकी सत्यता पर गर्व पूर्व में उठाए गए सवालों का कटाक्ष किया उन्होंने अंग्रेजों की मनसा को रिटर्न करते हुए कहा कि अंग्रेजों ने बताया कि भारत का ना तो कोई राणा गोरव है और ना ही धन गौरव वेद पुराण भंग के नशे में गए गीत भारतीय इतिहास को पोलका पीते हैं यह बताते हुए मोहन भागवत ने इस बात पर बल दिया कि भारतवर्ष की प्राचीनता और सनातन की सत्यता को स्थापित करना होगा इसके लिए विद्वानों और नई पीढ़ी को प्रमाण देना होगा कि इतिहास के पन्ने बदल दिए गए भाषा बदल दी गई है गुलामी के कालखंड में बदले हुए प्रमाण पर भाषा को ही प्राथमिकता दी है इसके लिए आवश्यक है कि स्थापित करने के लिए तैयार की जाए जो प्रमाणित करने वाले और उसके गौरव को स्थापित करने वालों को इस पर आगे बढ़ना ही होगा होनी चाहिए इसके बाद हत्या को महत्व देने से इतिहास को बदलता है शब्दों का चयन करता है तो उसकी अगर हम प्राचीन भारत को लिख रहे हैं होते हैं वार्ड के स्थान पर यदि जाति का प्रयोग कर देते हैं तो इससे अर्थ ही बदल जाता है प्राचीन भारतीय इतिहासकार लेखन में जब सेलिब्रेशन को केंद्र में रखकर लेखन किया गया तो इससे भारत के शब्दों के प्रयोग में पूरा प्रदेश से बदल दिया गया

©Ek villain #प्रमाणिक लेखन से छूटेगा कोहरा

#Moon

शून्य(ब्राह्मण)

जो चलते थे कभी साया बनकर आज बदले बदले से लगते हैं
क्या बदलना जरूरी है आखिर क्यों लोग ये बदलते है ?
क्या मोल रह जाता है जज्बातों का शहर में बोलो
कल मिले थे जो अज़ीज़ बनकर आज भूलने लगते हैं!

कहानी नहीं है ये कोई हकीकत का हिस्सा है
लिख रहा हूं मैं मगर किसी और का किस्सा है!
क्या मिलता है तोड़कर यकीं किसी अपने का
ये कौन सा रास्ता है जिस ओर सभी चलने लगते हैं!

मैं गांव में जब रहता था वहां का एक रिवाज़ था
बच्चे बड़ों के पीछे मिलों तलक संग चलते थे!
आज के चर्चे किसी से छिपे हुए तो हैं नहीं 
आज अपने ही अपनों को पहचानने से मुकरने लगते हैं!

रब ही संभाले ऐसे लोगों की कश्ती को यहां
जो बिना यकीं के सागर में कदम रखते हैं!
ज़रा फूंक कर है रखिए अपने पैरों को यारों..
सुना है यहां अपने ही अपनों से जलने लगते हैं! #ज़िंदगी_का_आइना #वास्तविक #प्रमाणिक #अभिव्यक्ति #शायरी


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