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Best सना Shayari, Status, Quotes, Stories

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Satish Chandra

#सना #yqdidi YourQuote Didi #FreakySatty #yqbaba

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सना हुआ हूँ तेरे इश़्क के रंग में
और न चाहत का रंग चढ़ा
संवरने दे तेरी दिवानगी में मुझको
हो जाने दे जुनूनियत में फ़ना,

सना हुआ हूँ तेरी नज़ाकत की ख़ुमारी में
मुझे न तू अब और तड़पा
भर ले मुझे अपनी आगोश़ में 
करने दे हसीन सा आज वो गुनाह,

सना हुआ हूँ तेरे नयनों की मदहोशी में
आग न और तू सीने में लगा
कयामत की रात आने से पहले
हसरतों को मेरी अपनी हरकतों से सजा,

सना हुआ जो हूँ कुरबत में तेरी
कि अब तो तू मेरा भी इख़्तियार कर
रहगुज़र है तू मेरे दिल-ओ-जान की
अब तो तू भी अपनी मोहब्बत़ का इज़हार कर। #सना

#YQdidi  YourQuote Didi

#FreakySatty

#YQbaba

CalmKazi

साल में एक ही दिन है,
होली का ।
जब रंग से सना हुआ चेहरा,
माँ को खुश कर जाता है ।। #रंग #सनाहुआ #सना #CalmKaziWrites #YQBaba #YQDidi #हिंदी #नज़्म #Hindi #Holi #HappyHoli #BestWishes #CalmKaziKiHoli

Author kunal

Everyone invite for collage #yqbaba #yqdidi #yqquotes #नमक #जख़्म #सना #इन्सान #YourQuoteAndMine Collaborating with Khushi gupta

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मोम का बना हूं किसी से मिलूँ भी तो कैसे 
यहां हर कोई दहकते लावा से जो सना हुआ है। Everyone invite for collage
#yqbaba #yqdidi  #yqquotes #नमक #जख़्म #सना #इन्सान    #YourQuoteAndMine
Collaborating with Khushi gupta

शिवानन्द

ये #दिल का रिश्ता है जों कल था ,आज भी है और कल भी होगा। तुझ से दूर हो जाने पर भी....... ये मेरे रूह से कहा कम होगा। तेरे इश्क़ के "नीरज" का क्या करें "सना" ... हरदफा चाहतों से ज्यादा मिला है। शिकायत करना तेरा जायज़ है मगर क्या करें...मुझे भी 👇 अपने दर्द से भी ज्यादा अपनों के जिम्मेदारियों का हवाला मिला है। #नीरज 👉 मोती Er Niraj Shekhar Ghazipuria #yqbaba #इश्क़ #yqtales #नमस्ते_इंडिया #नदान_परिदा

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ये दिल का रिश्ता है जों कल था ,आज भी है और कल भी होगा।
तुझ से दूर हो जाने पर भी.......ये मेरे रूह से कहा कम होगा।

तेरे इश्क़ के "नीरज" का क्या करें "सना" ...
हरदफा चाहतों से ज्यादा मिला है।
शिकायत करना तेरा जायज़ है मगर क्या करें...मुझे भी
👇
अपने दर्द से भी ज्यादा अपनों के जिम्मेदारियों का हवाला मिला है।

🕊️🕊️ #नदान_परिदा 🕊️🕊️ ये #दिल का रिश्ता है जों कल था ,आज भी है और कल भी होगा।
तुझ से दूर हो जाने पर भी....... ये मेरे रूह से कहा कम होगा।

तेरे इश्क़ के "नीरज" का क्या करें "सना" ... हरदफा चाहतों से ज्यादा मिला है।
शिकायत करना तेरा जायज़ है मगर क्या करें...मुझे भी
👇
अपने दर्द से भी ज्यादा अपनों के जिम्मेदारियों का हवाला मिला है।
#नीरज 👉 मोती Er Niraj Shekhar Ghazipuria

Deepak "New Fly of Life"

#सना-ए-इश्क़ #शायरी

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यादें बनकर ही सही 
पर ख़्वाब में तो आए!!
खो गए थे 
कुछ पल के लिए!
न जाने तुम कहाँ
सना हो तुम मेरी
हँसी जिंदगी की!!
दूर से ही सही
पर सामने तो आए!!
बनकर जान मेरे शब्दों की
आज मेरी लेखनी पर छाए!!
यादें बनकर ही सही 
पर ख़्वाब में तो आए!!

©Deepak Bisht #सना-ए-इश्क़

AhMeD RaZa QurEsHi

मैं मशगूल हूं या फना में तेरी फिक्र तेरी सना मे
जो दिल धड़के यादे हो तेरी हिले लब तो तेरी सना में

तेरे इश्क़ से चलती धड़कन ओर सीने में सांसे समाए
तेरी याद हो बस मेरी धुन ओर सांसे भी गुम हो सना में

मेरा हर अमल तेरी सुन्नत किसी का मै दिल ना दुखाऊ
सभी से मिलूं मुस्कुराकर सुनाऊँ तेरी ही सना मै

उतारे जो एहबाब मुझको कबर में लहद में जमी में
हो हर सिम्त नातो की धुमे मैं झूम उठु तेरी सना में

जो महशर में सरकार आए रजा सा जहन मुझको भाए
सलाम लाखो मौला पे मेरे ओर खिदमत में पढ़ दूँ सना मै

#ΔհΜεD_ɌαZα_ΘυʀΞៜΗι #सना
#MiyA

Raz Nawadwi

#Shayari

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तुझको मैं अपना हाले मुहब्बत न लिख सका
लिख लिख के फाड़ता रहा, इक ख़त न लिख सका //१

शल हो गईं थी उँगलियाँ छूकर तेरा बदन 
मैं उसके बाद वस्ल की हालत न लिख सका //२

गाते हैं उसके फ़ैज़ की हम्दो सना वे लोग
जिनके नसीब में ख़ुदा इक छत न लिख सका //३

~राज़ नवादवी
शल- सुन्न; वस्ल- मिलन; 
फ़ैज़- कृपा; 
हम्द /सना- ईश्वर की स्तुति

Su Hail

The result were यु हावी हो गए हैं। 

"हमी पे हम"

के अब खुद को संभालुँ तो संभालुँ कैसे। 

में सोचु भी तो जान चली जाये मेरी। 

कोई बताये मुझे....

उसे दिल से निकालुं तो अब निकालुं कैसे।

बड़ा ढुंढा कही वो आग ना मिली। 

इन कमबख़्त यादों को...

अब जलाऊ तो जलाऊ कैसे। 

इन आँधियों में भी रोशन हैं। 

उम्मीदे चिराग कोई सना-सना...

जाने वफा इसे बुझायु तो अब बुझायु कैसे। #Love #Made #Such @ #Place #In #My #Body #Everything #Damaged #To #Me

Gokul Tapadiya

#DearZindagi

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#DearZindagi महादेवा .... शम्भू 
जय शंकर 

पापिया दे करे ओ  गोरा मेला जरे दी जी, मेला जरे दी... 
विच सम सना रेण्डा , भोलेनाथ जी ...... 
पापिया दे करे ओ  गोरा मेला जरे दी जी, मेला जरे दी... 
विच सम सना रेण्डा , भोलेनाथ जी ......
 काले ओ कुंडला वाला, मेरा भोले बाबा ... 
किधर कैलासा तेरा, डेरा हो जी 
सर पे ओ तेरे  गंगा, मैय्या बिराजे 
मुखट पे चंदा , मामा हो जी........  
 ॐ नमः शिवाय शम्भू ॐ नमः शिवाय
शम्भू  ॐ नमः शिवाय
भंग जो पीता ओ शिवजी तूने रे माँगा जी रे माँगा
बड़ा ही तपारी मेरा भोले अमली ..... 

भंग जो पीता ओ शिवजी तूने रे माँगा जी रे माँगा
 बड़ा ही तपारी मेरा भोले अमली .....   
 ओ मेरा भोला है भंडारी करता नंदी की सवारी 
ओ भोलेनाथ रे..... ओ शंकरनाथ रे  ...... 
ओ मेरा भोला है भंडारी करता नंदी की सवारी 
ओ भोलेनाथ रे...... ओ शंकरनाथ रे  ...... 
 ओ गोरा भांग रगड़ के बोली 
तेरे साथ हे भूतो की टोली 
ओ मेरे नाथ रे...... ओ शम्भुनाथ रे... 
 ओ भोलेबाबा जी , दर तेरे मैं आया जी 
झोली खली लाया जी खली झोली भरदो जी 
काळा आ सरपा वाला मेरा भोले बाबा..... 
शिखर कैलासा बीच रहदा हो जी 
  भोले भोले भोले भोले भोले भोले...........

रजनीश "स्वच्छंद"

ज़िन्दगी के खेल।। जब ज़िन्दगी खेलती है खेल बचपन के, फिर कुछ यूं चलें कारवां दर्द-ए-चमन के। छुपन-छुपाई और फिर एक धप्पा उसपर, अब हर धप्पे पे होते खाक परिंदे लगन के। #Poetry #kavita

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ज़िन्दगी के खेल।।

जब ज़िन्दगी खेलती है खेल बचपन के,
फिर कुछ यूं चलें कारवां दर्द-ए-चमन के।

छुपन-छुपाई और फिर एक धप्पा उसपर,
अब हर धप्पे पे होते खाक परिंदे लगन के।

हाय कबड्डी, मिट्टी सना, सांस रोके भागना,
अब मन कालिख सना श्वेत कपड़े बदन के।

राजा मंत्री चोर सिपाही, पर्चे में खुशी अपनी,
अब ज़िन्दगी हुई पर्चा और दिन उलझन के।

वो कंचे की गोलियां, जेब से आती खनक,
अब ढूंढते हैं सच छुप पीछे किसी दर्पण के।

हर दिन थी होली, ईद और दीवाली अपनी,
अब हुए ग़ुलाम दिन, मुहूरत और सगन के।

हो तितली उड़ते थे स्वछंद पाने को जहां सारा,
अब लगे मानो हुए टूटे सितारे उसी गगन के।

बो भी आते थे गुठलियां आम की बगीचे में,
अब चुभने लगे हैं कांटे दर्द बन उसी चमन के।

क्या मज़हब क्या दुनिया अपना पराया कौन,
अब फिरते हो मुरीद इस दुनिया के चलन के।

जो मांगे है मिलती भीख नहीं, कैसे मांगूं में,
कोई लौटा दे ऐ "स्वछंद" बीते दिन बचपन के।

©रजनीश "स्वछंद" ज़िन्दगी के खेल।।

जब ज़िन्दगी खेलती है खेल बचपन के,
फिर कुछ यूं चलें कारवां दर्द-ए-चमन के।

छुपन-छुपाई और फिर एक धप्पा उसपर,
अब हर धप्पे पे होते खाक परिंदे लगन के।
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