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Mukesh Poonia
मस्तक उनका भी झुकेगा अहंकार उनका भी टूटेगा तू बस शांत रहकर बढ़ता चल मंजिल की ओर आज तू तो जमाने के आगे झुका है कल तेरे आगे पूरा आसमान झुकेगा . ©Mukesh Poonia #snowpark #मस्तक उनका भी झुकेगा #अहंकार उनका भी टूटेगा तू बस #शांत रहकर बढ़ता चल #मंजिल की ओर आज तू तो #जमाने के आगे झुका है कल तेरे आगे पूरा #आसमान झुकेगा
Rohidas maharaj Sanap
श्री .रोहिदास महाराज सानप ( बेजगांव ) ©Rohidas maharaj Sanap #मस्तक हे पायावरी #abhang Maharaj sanap
Poonam Ritu Sen
नारंगी कपड़ों में लिपटी हुई रामायण एक फिरंगी महिला के हाथ मे उसे पढ़ता देखकर, किसी सुबह गर्व हुआ मुझे अपनी संस्कृति और सभ्यता पर, दूजी ओर, वही फिरंगी महिला हुई छींटाकशी का शिकार सुन कर, उसी रात शर्म और क्रोध पदाघात कर गए मेरे मस्तक पर.. नारंगी कपड़ों में लिपटी हुई रामायण एक फिरंगी महिला के हाथ मे उसे पढ़ता देखकर, किसी सुबह गर्व हुआ मुझे अपनी संस्कृति और सभ्यता पर, दूजी ओर, वही फिरंगी महिला हुई छींटाकशी का शिकार सुन कर, उसी रात शर्म और क्रोध पदाघात कर गए मेरे मस्तक पर.. #YQbaba #YQdidi #orange #नारंगी #फिरंगी #महिला #रामायण #गर्व #सभ्यता #संस्कृति #छींटाकशी #शिकार #सुबह #रात #शर्म #क्रोध #पदाघात #मस्तक
Kavi VijAy KatiyA
आओ सब मिलकर स्वतंत्रता दिवस मनाये 💗🇮🇳💗 वीरो कि शहादत पर नत मस्तक शीश झुकाये ❤❤❤ इस धरती से, उस अम्बर तक राष्ट् ध्वज, विजय ध्वज फहराये 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 Jay Hind ©Kavi VijAy KatiyA आओ सब मिलकर #स्वतंत्रता दिवस मनाये 💗🇮🇳💗 वीरो कि #शहादत पर नत #मस्तक #शीश झुकाये ❤❤❤ इस धरती से, उस अम्बर तक राष्ट् #ध्वज, #विजय ध्वज
Anil Siwach
Jitendra Mishra
माँ मुझको नहीं है सोना, पापा कब तक आएंगे उन्होंने फ़ोन पे कहा था, वो टाफी बिस्कुट लाएंगे नई फ्राक मैं पहनूँगी , जब पापा घर पर आएंगे कंधे पे बैठ के शोर करुँगी, जब पापा घर पे आएंगे मैं पापा की उँगली पकड़ के,स्कूल दौड़ के जाऊंगी पापा ने जो गाना सिखाया, वो स्कूल में जोर से गाऊंगी मेरे पापा बड़े बहादुर , देश की सेवा करते हैं वो तो सच्चे फ़ौजी हैं , देश प्रेम पे मरते हैं बेटी की ये बातें सुनकर, माँ का कलेजा फट गया कैसे बताऊँ इसको,उसका पिता देशप्रेम की बलि चढ़ गया दुश्मन की एक गोली आकर , उनके सीने में धँस गई चूड़ियां सुहाग की टूट गईं, बेटी बिन बाप की हो गई उनके जिगर का टुकड़ा थी ये, बिट्टो बिट्टो कहते थे जब भी मिलने आते थे,तो आँसू अनवरत बहते थे सीने से लगाकर कहते थे, की इसकी शादी राजकुमार से होगी कोई कसर ना बाकी रहेगी, आखिर मैं हूँ देश का सच्चा फ़ौजी कहते थे की इसको मैं , हर क्षमता तक पढ़ाऊंगा ख़ून दे दूंगा सारा देश को, लेकिन इसको आगे बढ़ाऊंगा सो गए ये आज गहरी नींद में, हमको सदा जगाने को अबकी करवाचौथ पे कौन आएगा,मुझे पानी ग्लास पिलाने को हाय मस्तक सूना हो गया मेरा,लेकिन देश का मस्तक न झुकने दिया हमारी दुनियाँ काली हो गई , बुझ गया हर उम्मीद का दिया तिरंगे में लिपटे ये , चन्दन चिता पे लेटे हैं हर आँख रो रही बिना रुके,ये भारत माँ के बेटे है बेटी मेरी निहार रही , ये पापा यहाँ क्यों सो रहे लकड़ी चुभ जायेगी पीठ में , पापा से कहो घर चलें कैसे समझाऊं इस गुड़िया को, ये पुण्य चिता है पापा की ये बेचारी क्या जाने , ये तो जिगर की टुकड़ा है पापा की कैसे समझाऊं ये अंतिम क्षण हैं, आज माँग सूनी होगी अपने पिता की पुण्य चिता को, मुखाग्नि तुझे ही देनी होगी अपने पिता की पुण्य चिता को,मुखाग्नि तुझे ही देनी होगी।। #RDV19 #पिताकीचिता #मुखाग्नितुझेहीदेनीहोगी #RDV19 #rendezvous #hindisamiti #kavisanghosti #IITDelhi #Nozoto #culturalevent #October4 #wishingtobethere
Anil Siwach
Anil Siwach
Anil Siwach
Aarti Akshay Goswami
#OpenPoetry " भारत भूमि " हे भारत की पावन भूमि मुझे तुझसे प्रेम अपार , ऐसा लगता मानो प्रकृति ने किया हो सोलह श्रृंगार , मस्तक पर हिमगिरि शोभित मुकुट समान चमकता है , चरणों को रत्नाकर धोकर पायल समान दमकता है , खाड़ी और अरब सागर जैसे कंगन हाथों में खनकते हैं , गंगा जमुना रेवा क्षिप्रा जैसी नदियाँ केशों से लहकते हैं , काश्मीर की घाटी मस्तक पर बिंदिया जैसी लगती है , अपनी भारत माता सोने की चिड़िया जैसी लगती है ।। ©®आरती अक्षय गोस्वामी #OpenPoetry #भारत_भूमि #आरती_अक्षय_गोस्वामी