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Best सरहदों Shayari, Status, Quotes, Stories

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Saba Singh

हम #सरहदों के वास्ते लोहे की एक दीवार हैं
हम #दुश्मनों के वास्ते होशियार हैं तैयार हैं
अब जो भी हो शोला बनके पत्थर है पिघलाना
अब जो भी हो बादल बनके पर्वत पर है छाना

©Saba Singh #saba

Ganesh Din Pal

#सरहदों से कह दो....... #शायरी

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तुषार"आदित्य"

मैं सरहदों में बैठकर जो कर रहा हूँ। मैं ज़िंदा होके जीतेजी जो मर रहा हूँ। मैं हूँ वही ज़मी का सीना फाड़ता हूँ। मैं हूँ वही जो देश पूरा पालता हूँ। वो कहता है मैं गैर और बेईमान हूँ। पाकीस्तां या की कोई खालिस्तान हूँ। मैं देश का किसान हूँ,हाँ!मैं देश का किसान हूँ। #हिंदुस्तान #पाकिस्तान

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मैं सरहदों में बैठकर जो कर रहा हूँ।
मैं ज़िंदा होके जीतेजी जो मर रहा हूँ।
मैं हूँ वही ज़मी का सीना फाड़ता हूँ।
मैं हूँ वही जो देश पूरा पालता हूँ।

वो कहता है मैं गैर और बेईमान हूँ।
पाकीस्तां या की कोई खालिस्तान हूँ।
मैं देश का किसान हूँ,हाँ!मैं देश का किसान हूँ।

मैं हूँ वही जो दौड़ता,रगों में हिंदुस्तान की
मैं हूँ वही जो जोड़ता,किस्म हर ईमान की।

मैं तो वही हर,कौम जिसको मानती है बेसबब
मैं तो वही हर,ज़ात जिसको जानती है बेसबब।

मैं शून्य हूँ,मैं हूँ शतक मैं ही सकल ब्रह्मांड हूँ।
मैं देश का किसान हूँ,हाँ!देश का किसान हूँ। मैं सरहदों में बैठकर जो कर रहा हूँ।
मैं ज़िंदा होके जीतेजी जो मर रहा हूँ।
मैं हूँ वही ज़मी का सीना फाड़ता हूँ।
मैं हूँ वही जो देश पूरा पालता हूँ।

वो कहता है मैं गैर और बेईमान हूँ।
पाकीस्तां या की कोई खालिस्तान हूँ।
मैं देश का किसान हूँ,हाँ!मैं देश का किसान हूँ।

Sachin Ratnaparkhe

भारतीय सेना दिवस (15 जनवरी)

सरहदों पर उनकी मुस्तैदी से महफूज़ है हम,
वरना हमारा वजूद-ए-निशान तक नही होता। #भारतीय_सेना_दिवस
#मुस्तैदी #सरहदों #महफूज़ #वजूद_ए_निशान

Ak Amit Rajak

ये #फन आदमी का किसी #मुल्क का नहीं मैं सोचता हूँ सब लोग #फनकार ही होते #सरहदों पर गोलियों की तर्ज़ पर हम भी मुशायरे में #मशगूल सभी यार ही होते

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ये फन आदमी का किसी मुल्क का नहीं
मैं सोचता हूँ सब लोग फनकार ही होते

सरहदों पर गोलियों की तर्ज़ पर हम भी
मुशायरे में मशगूल सभी यार ही होते ये #फन आदमी का किसी #मुल्क का नहीं
मैं सोचता हूँ सब लोग #फनकार ही होते

#सरहदों पर गोलियों की तर्ज़ पर हम भी
मुशायरे में #मशगूल सभी यार ही होते

anamika

#बाँट तो दिए #ज़मीं को #सरहदों में खींचकर #लकीरें पर #सरहद पार से आती #हवा को तुम कैसे रोकोगे #nojotohindi

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बाँट तो दिए ज़मीं को सरहदों में खींचकर लकीरें
पर सरहद पार से आती हवा को तुम कैसे रोकोगे #बाँट तो दिए #ज़मीं को #सरहदों में खींचकर #लकीरें
पर #सरहद पार से आती #हवा को तुम कैसे रोकोगे
#nojotohindi

Hemant Singh

बैठ कर घर पर अभी, आराम फरमाते ही हो,
सरहदों की आंच से खून खौलाते भी हो, 

खुद सड़क पर तो उतर कर धूप तक झेली नहीं,
सरहदों पर क्या करें ये बात समझाते भी हो,

Cell के बटन को टीपने से, आंसू नहीं रुकते मियां,
सारी हिम्मत internet पर तुम दिखलाते ही हो,

कुछ नहीं होगा वो दो कौड़ी के कुछ संदेश से,
जानते हो तुम, मगर ये बात झुठलाते भी हो,

है बखूबी फर्ज़ का निर्वाह करती फौज ए हिन्द,
और इक तकलीफ पर तुम तिलमिलाते ही हो, 

जो मुहब्बे वतन हो तो इतना सब्र तो रक्खो मियां,
जाहिलो की मान कर, गर्दन क्यों कटवाते ही हो,

कागज़ी हर बात तेरी, अस्ल में बकवास है,
सिर्फ गुर्राते हो या पंजे  झलकाते भी हो,

एक जुट आवाज़ उट्ठे तेरी मेरी   इस तरह,
तकबीरों से अपनी सदा  दुश्मन को दहलाते ही हों

है मुबारक "सिंह" को हर जिम्मेदारी मुल्क की,
ये तुम्हारा है गुनाह कि रहो जिम्मेदारी सरकाते ही हो, #NojotoQuote #pulwama#courage#propaganda#hatemongering#duty#sence#realisation#pride#फर्ज़#जिम्मेदारी#जज़्बात#sensation

Sarika Mishra

एक शाम उन शहीदों के लिए जिनके कुछ है नाम और कुछ है गुमनाम 
हम यहाँ हिन्दू मुसलमान सिख ईसाई करते रहे , 
धर्म के नाम पर गली मोहल्ले बाँटते रहे, 
वो वहाँ सरहदों पर गोली बारूदों मे खुद को गुमाते रहे, ना जाने कितनी माओं के गोद उजड़ते रहे
हम यहाँ हिन्दू मुसलमान सिख ईसाई करते रहे ,
हम यहाँ रिश्तों की खाई बनाते रहे, भाई भाई को खून की दुहाई देते रहे
वो वहाँ सरहदों पर हम बेग़ैरों के लिये दफन होते रहे, 
ना जाने कितनों की मांग को सुनी करते  चले गये
हम यहाँ हिन्दू मुसलमान सिख ईसाई करते रहे ,
हमसे न सम्भाली गयी यहाँ माँ बेटियों की आबरू 
ना ये मेरी गुड़िया ना ये तेरी आसिफा यही कह कर दामन बचाते रहे
वो वहाँ सरहदों पर हमारी लाज बचाते रहे ना जाने कितनी राखियों को इंतजार कराते रहे
हम यहाँ हिन्दू मुसलमान सिख ईसाई करते रहे ,
यहाँ हम ये तेरा ये मेरा कर घरों को बांटने लगे 
जो नही था हमारा वो भी दोनों हाथों से बटोरने लगे 
वो वहां सरहदों पर इंच दर इंच जमीन हमारी करने मे लगे रहे , 
ना जाने कितनों घरों के दिये बुझते चले गए
हम यहाँ हिन्दू मुसलमान सिख ईसाई करते रहे ,
कब चीखेगी हमारी आत्मा कब रगो मे उबाल आयेगा
इंतजार हमें क्या कि हमारे घर भी मातम आयेगा
अरे इतने भी बेग़ैरत ना बने हम आओ कुछ अपना भी धर्म और फर्ज निभा ले 
गले लगकर समझा दो अब बे-वतनों को भी
 "हिंदी है हम हिन्द ही हमारी इबादत है इससे न बढ़कर यहाँ कोई गीता ना कुरान है" #स्वतंत्र #nojoto #nojotohindi #independence #TST #unity #2liner #kavishala #poetry #books


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