Find the Best गीतिका Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutगीतिका किसकी रचना है, गीतिका छंद के सरल उदाहरण, गीतिका छंद का सरल उदाहरण, गीतिका का अर्थ, गीतिका शर्मा गोपाल कांडा,
दिनेश कुशभुवनपुरी
गीतिका: सत्य के स्वीकार पर आधार छंद: गीतिका छंद मापनी: 2122 2122 2122 212 जिंदगी जो जी सका है सत्य के स्वीकार पर। जीत जाता है वही जिसको भरोसा प्यार पर॥ पंथ पर जो चल पड़ा है झेल कर कठिनाइयाँ। जिंदगी उसकी रुकेगी ना कभी मझधार पर॥ सामने संघर्ष के जो है लड़ा जी जान से। कौन रोकेगा उसे फिर और किस आधार पर॥ पाँव में छाले पड़ेंगे कंकड़ों की भीड़ में। बढ़ गया जो पीर सहकर छा गया संसार पर॥ दुश्मनों की भीड़ में साहस अकेले जो लड़े। कौन आए सामने फिर सिंह की ललकार पर॥ कामयाबी चाहिए तो तेज करिए कोशिशें। धैर्य से आगे बढ़ा पग बैठ मत उपकार पर॥ रास होंगे रंग होंगे और होंगी राहतें। पूर्ण होंगे स्वप्न सारे चाहतों के द्वार पर॥ Dinesh Pandey ©दिनेश कुशभुवनपुरी #गीतिका #गीतिका_छंद #सत्य_के_स्वीकार_पर #MainAurMaa एक अजनबी विवेक ठाकुर "शाद" Raj Guru NIKHAT الفاظ جو دل کو چھو لے gaTTubaba Alone Amit ANOOP PANDEY Puja Udeshi {[PREET]} Ritu Tyagi poonam atrey मनोज मानव Richa Mishra singer shailesh Tripathi अmit कोठारी "राही" Disha Subhash Chandra R K Mishra " सूर्य " RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' Nîkîtã Guptā Suhana parvin शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) ~pragya पथिक.. Babli Gurjar Mysterious Girl Kirti Pandey सुरमई साहित्य Anupriya MƳ ƊŘĚÃM ÌŞ MŶ ŁÎFÉ Anja
#गीतिका #गीतिका_छंद #सत्य_के_स्वीकार_पर #MainAurMaa एक अजनबी विवेक ठाकुर "शाद" Raj Guru NIKHAT الفاظ جو دل کو چھو لے gaTTubaba Alone Amit ANOOP PANDEY Puja Udeshi {[PREET]} Ritu Tyagi poonam atrey मनोज मानव Richa Mishra singer shailesh Tripathi अmit कोठारी "राही" Disha Subhash Chandra R K Mishra " सूर्य " RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' Nîkîtã Guptā Suhana parvin शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) ~pragya पथिक.. Babli Gurjar Mysterious Girl Kirti Pandey सुरमई साहित्य Anupriya MƳ ƊŘĚÃM ÌŞ MŶ ŁÎFÉ Anja
read moreदिनेश कुशभुवनपुरी
गीतिका: मोहमाया छोड़ दो अब मोहमाया, साथ किसके धन गया है। जब गया इंसान जग से, राख में मिल तन गया है॥ जिंदगी भर सिर्फ अपने, आपको तूने सजाया। वक्त आया जब कठिन तब, छोड़कर दामन गया है। साज अपने और सपने, देखता ही रह गया तू। बस इसी ही व्यस्तता में, सूख फिर सावन गया है॥ खूब तूने धन कमाया, पर नहीं लालच भगाया। काम कब आया किसी के, द्वार से निर्धन गया है॥ छल कपट करता रहा बस, चाह में कुछ कागजों के। बस इसी दुष्कर्म से तो, छोड़ घर सज्जन गया है॥ भीड़ में भी तू अकेला, फिर रहा था जिंदगी भर। राम को तूने भुलाया, वासना रत मन गया है॥ ईश को करके समर्पित, जो रहा निःस्वार्थ कर्मठ। दूसरों के काम आकर, बन वही चंदन गया है॥ Dinesh Pandey ©दिनेश कुशभुवनपुरी #गीतिका #मोहमाया #Aasmaan NIKHAT الفاظ جو دل کو چھو لے Asmita Singh Richa Mishra ~pragya Ritu Tyagi सुनील 'विचित्र' एक अजनबी .Indian Sing Language R K Mishra " सूर्य " Madhusudan Shrivastava PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान' Kirti Pandey Alone Amit अmit कोठारी "राही" Suhana parvin गुरु देव Rakesh Kumar Das {[PREET]} Disha Subhash Chandra पथिक.. gungun gusain Raj Guru सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र) Puja Udeshi विवेक ठाकुर "शाद" Priya Rajpurohit वरुण तिवारी Anshu writer Anupriya Manisha Keshav
#गीतिका #मोहमाया #Aasmaan NIKHAT الفاظ جو دل کو چھو لے Asmita Singh Richa Mishra ~pragya Ritu Tyagi सुनील 'विचित्र' एक अजनबी .Indian Sing Language R K Mishra " सूर्य " Madhusudan Shrivastava PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान' Kirti Pandey Alone Amit अmit कोठारी "राही" Suhana parvin गुरु देव Rakesh Kumar Das {[PREET]} Disha Subhash Chandra पथिक.. gungun gusain Raj Guru सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र) Puja Udeshi विवेक ठाकुर "शाद" Priya Rajpurohit वरुण तिवारी Anshu writer Anupriya Manisha Keshav
read moreदिनेश कुशभुवनपुरी
विधा- गीतिका आधार छंद- जयकरी/चौपई छंद समांत- आल, पदांत- अपदांत। मातु शारदे करें निहाल। चले लेखनी करे कमाल॥ सच्चाई की जब हो बात। झूठे हो जाते बेहाल॥ नेता जब जाते हैं जीत। हो जाते तब मालामाल॥ येन केन मिल जाये वोट। जाति धर्म की चलते चाल॥ वादा करते हैं भरपूर। खूब बजाते अपना गाल॥ रहकर घोटालों में लिप्त। करते भारत को कंगाल॥ करके तुष्टीकरण अनाप। जन में नेता करें बवाल॥ नेताओं के कारण आज। देश हुआ अपना बदहाल॥ मँहगाई अरु भ्रष्टाचार। काल हुआ इनसे विकराल॥ आया बहुत कठिन अब दौर। कैसी है ये मायाजाल॥ नेता का हो सही चुनाव। तभी हटेगा सब जंजाल॥ Dinesh Pandey ©दिनेश कुशभुवनपुरी #गीतिका #मातु_शारदे #नेता Anshu writer -"Richa_Shahu" Babli Gurjar Naveen Kumar Richa Mishra Ritu Tyagi Priya Rajpurohit Raj Guru Mysterious Girl kanta kumawat Subhash Chandra {[PREET]} PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान' Alone Amit एक अजनबी Suhana parvin Asmita Singh ANOOP PANDEY Kanu Priya विवेक ठाकुर "शाद" सुनील 'विचित्र' कवि आलोक मिश्र "दीपक" Manisha Keshav Disha Diksha Singh कला व्यास मनोज मानव Rakesh Kumar Das Anupriya ~pragya सुरमई साहित्य RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' करन सिंह परिहार शीतल चौध
#गीतिका #मातु_शारदे #नेता Anshu writer -"Richa_Shahu" Babli Gurjar Naveen Kumar Richa Mishra Ritu Tyagi Priya Rajpurohit Raj Guru Mysterious Girl kanta kumawat Subhash Chandra {[PREET]} PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान' Alone Amit एक अजनबी Suhana parvin Asmita Singh ANOOP PANDEY Kanu Priya विवेक ठाकुर "शाद" सुनील 'विचित्र' कवि आलोक मिश्र "दीपक" Manisha Keshav Disha Diksha Singh कला व्यास मनोज मानव Rakesh Kumar Das Anupriya ~pragya सुरमई साहित्य RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' करन सिंह परिहार शीतल चौध
read moreदिनेश कुशभुवनपुरी
#comedystory #गीतिका #मच्छर Ritu Tyagi मनोज मानव Anupriya RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' सुनील 'विचित्र'
read moreदिनेश कुशभुवनपुरी
गीतिका: निर्झरणी धारा कहे नदी से बहते जाना है। पड़ा राह में पत्थर एक दिवाना है॥ आँख मूँदकर सरिता बहती राहों से। चाह यही बस मंजिल अब तो पाना है॥ वन उपवन पर्वत कितने अवरोध मिले। मात्र समंदर उसका मगर ठिकाना है॥ कल-कल करती राग सुनाती यही कहे। सागर में मिलकर अस्तित्व मिटाना है॥ जहाँ जहाँ से गुजरी भू की उपजाऊ। यही पाठ मानवता को पढ़वाना है॥ नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे जिधर बही। वहीं मिला जीवन का ताना-बाना है॥ आओ मिलकर करें एक संकल्प सभी। निर्झरणी का झर-झर हमें बचाना है॥ ©दिनेश कुशभुवनपुरी #गीतिका #नदी #सरिता #निर्झरणी #सागर
दिनेश कुशभुवनपुरी
गीतिका: सावन आया सावन आया झूम-झूमकर, रिमझिम रिमझिम चली फुहार। हरियाली की चादर छायी, मनभावन सी चली बयार॥ बाग बगीचे हरे हो गये, दूर हुआ वसुधा से ताप। रंग विरंगे पुष्पों ने भी, किया चमन का हर श्रृंगार॥ कलरव करते सारे पक्षी, और मयूरा करता नृत्य। कोयल कूँक कूँक कर गाये, झंकृत हुआ सकल संसार॥ भोले शंकर को है प्यारा, मनभावन ये सावन मास। नीर क्षीर जो नित्य चढ़ाये, उनका करते हैं उद्धार॥ सावन आये नाग पंचमी, पूजे जाते विषधर नाग। दूध पिलाया जाता उनको, जो हैं प्रभु शंकर के हार॥ सावन में सखियाँ सब मिलकर, गाएं प्यारे कजरी गीत। झूला झूलें झूम झूमकर, लेकर मन मे खुशी अपार॥ कूढ़ी कुश्ती कला कबड्डी, मिट्टी में खेले सब लोग। सजता दंगल गाँव गाँव में, लगता है प्यारा त्यौहार॥ शुभ शुभ सुंदर सुरभित सावन, मस्त मस्त मोहक मधुमास। हरियाली से हुआ सुशोभित, सकल धरा पर बाँटे प्यार॥ ©दिनेश कुशभुवनपुरी #गीतिका #सावन #रिमझिम #भोले #शंकर
दिनेश कुशभुवनपुरी
गीतिका:– बूंद बादलों से बूँद गिरकर सागरों में जो समायी। मस्त लहरों में बदल कर जा तटों के अंग भायी॥ बूँद जो जाकर छुपी वारीश की गहराइयों में। सीपियों के साथ मिलकर मोतियों की लड़ बनायी॥ प्यास चातक की बड़ी थी आस पहली बूँद की थी। स्वाति की बूँदें गिरी जब प्यास तब उसने बुझायी॥ बर्फ़ का अंबार लगता बूँद बूँदों से मिलें जब। फिर पहाड़ों पर बिखर के, श्वेत चादर सी बिछायी॥ बूँद धरती पर पड़ी जो, ताल नदियां बाग चमके। फिर किसानों की फसल भी, झूमकर खुश लहलहायी॥ ©दिनेश कुशभुवनपुरी #गीतिका #बूंद #बादल #सागर
दिनेश कुशभुवनपुरी
मातृ शक्ति को समर्पित गीतिका– नारियां जीवन का आधार नारियाँ। प्राकृतिक श्रृंगार नारियाँ॥ वात्सल्य की देवी हैं ये। करती हैं उद्धार नारियाँ॥ हर घर में है शोभा इनसे। बाँटे सब में प्यार नारियाँ॥ माँ पत्नी बेटी अरु बहनें। करें कई किरदार नारियाँ॥ सकल विश्व में नव जीवन को। देती हैं आकार नारियाँ॥ ममता से परिपूरित हैं ये। ईश्वर की अवतार नारियाँ॥ काली का जो रूप धरें तो। बरसातीं अंगार नारियाँ॥ लक्ष्मी गौरी और शारदा। सरिताओं की धार नारियाँ॥ सुंदरता की मूरत हैं ये। कवियों की उद्गार नारियाँ॥ आये जब जब कठिन काल तब। करती बेड़ा पार नारियाँ॥ © दिनेश कुशभुवनपुरी® ©D K #गीतिका #नारियां