Find the Best आपस Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutबुजुर्गो के आपस के प्यार की कविता, मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना कविता, मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना lyrics, हिंदी शायरी आपस, आपस,
neelu
White अगर सब आपस में खेल खेलेंगे तो ...जीतेगा कौन ©neelu #sad_quotes #अगर सब #आपस में #खेल #खेलेंगे तो #जीतेगा कौन
Sarojani Srivastava
इस भागदौड़ भरी जिंदगी में, #अपना ख्याल रखा करो !!.... सुबह उठकर काम पर जाना अच्छा है, #पर जब शाम को घर आओ तो #आपस में बात किया करो और #रात में चैन से सोया करो!!... #जिंदगी है यह तो हर दिन गुजर ही जाएगी लेकिन #इस जिंदगी को, हर पल जीया करो!!.. इस भागदौड भरी जिंदगी में, #अपना ख्याल रखा करो!!... ©Sarojani Srivastava #Raat #khayal#life#sukoon
~Ravi
#मेरा शहर#जबलपुर#तेरा क्या कहना# मेरे शहर का का क्या कहना? अब मैं इसका क्या बखान करूँ? अब कैसे इसकी महानता का मैं, शब्दो में गुणगान करूँ, जहाँ माँ नर्मदा की सदा ही ,बहती अमृतजलधारा हैं, वो जबलपुर शहर मेरा ,मुझे दिल से बहुत प्यारा हैं। जहाँ की गलियों गलियों मे ,आपस में होता भाईचारा हैं। जहाँ ग्वारीघाट के पावन घाट पर रोज होता भंडारा हैं, वो पावन ,निर्मल ,सुंदर जबलपुर शहर हमारा हैं। जहाँ संगमरमरी वादियों से ,बहती नर्मदा की दूधधारा हैं, ऐसा पवित्र मनमोहक शहर जबलपुर हमारा हैं। जहाँ लोगों के दिलों में बसता आपस मे सम्मान हैं, ऐसा मेरा शहर जबलपुर,हम सबकी नजरों में महान हैं। जहाँ बोली सबकी अलग सही, पर दिलों से सबका नाता हैं, ऐसा संस्कारों की नगरी, संस्कारधानी शहर जबलपुर हमारा हैं। ~रवि #MeraShehar #मेरा शहर#जबलपुर#तेरा क्या कहना# मेरे शहर का का क्या कहना? अब मैं इसका क्या बखान करूँ? अब कैसे इसकी महानता का मैं, शब्दो में गुणगान करूँ, जहाँ माँ नर्मदा की सदा ही ,बहती अमृत जलधारा हैं, वो जबलपुर शहर मेरा ,मुझे दिल से बहुत प्यारा हैं। जहाँ की गलियों गलियों मे ,आपस में होता भाईचारा हैं। जहाँ ग्वारीघाट के पावन घाट पर रोज होता भंडारा हैं,
#MeraShehar #मेरा शहरजबलपुरतेरा क्या कहना# मेरे शहर का का क्या कहना? अब मैं इसका क्या बखान करूँ? अब कैसे इसकी महानता का मैं, शब्दो में गुणगान करूँ, जहाँ माँ नर्मदा की सदा ही ,बहती अमृत जलधारा हैं, वो जबलपुर शहर मेरा ,मुझे दिल से बहुत प्यारा हैं। जहाँ की गलियों गलियों मे ,आपस में होता भाईचारा हैं। जहाँ ग्वारीघाट के पावन घाट पर रोज होता भंडारा हैं,
read moreMohmad Tanveer
दुनिया में जो आपस में नफरत फैलाऐ हुए हैं बस इस रेस में जीतना चाहता हूं सब आपस में प्यार मोहब्बत से रहें हिंदू मुस्लिम जात पात सब खत्म करो सब एक हो जाओ दोस्तों एकता में ही भलाई है I Love My India
हिंदू मुस्लिम जात पात सब खत्म करो सब एक हो जाओ दोस्तों एकता में ही भलाई है I Love My India
read moreMohammad Arif (WordsOfArif)
इतना जुल्म पे जुल्म करना अब अच्छा नहीं लगता इंसान को इंसान से लड़ाना अब अच्छा नहीं लगता उसकी फितरत है लोगों को आपस में लड़ा रहा है हर बार हिन्दु मुस्लिम करना अब अच्छा नहीं लगता कभी तो मोहब्बत की बात तू भी कर लिया कर नफ़रत की बात हर बार करना अब अच्छा नहीं लगता ऐसे ही आपस में लोगों को कबतक लड़ाते रहोगे एकता अखंडता की बात करना अब अच्छा नहीं लगता तू हमें हमेशा गद्दार समझता है ये तेरी भूल है आरिफ धर्म का चश्मा उतार अब अच्छा नहीं लगता इतना जुल्म पे जुल्म करना अब अच्छा नहीं लगता इंसान को इंसान से लड़ाना अब अच्छा नहीं लगता उसकी फितरत है लोगों को आपस में लड़ा रहा है हर बार हिन्दु मुस्लिम करना अब अच्छा नहीं लगता कभी तो मोहब्बत की बात तू भी कर लिया कर नफ़रत की बात हर बार करना अब अच्छा नहीं लगता
इतना जुल्म पे जुल्म करना अब अच्छा नहीं लगता इंसान को इंसान से लड़ाना अब अच्छा नहीं लगता उसकी फितरत है लोगों को आपस में लड़ा रहा है हर बार हिन्दु मुस्लिम करना अब अच्छा नहीं लगता कभी तो मोहब्बत की बात तू भी कर लिया कर नफ़रत की बात हर बार करना अब अच्छा नहीं लगता
read moreVanshika...........
एक चाह है, हो सपनो से सुंदर घर हमारा, चारों ओर खुशहाली ही खुशहाली, आपस में हो येसा प्यार हमारा, रहे गम से दूर हम,ममता की छाव हो सर पर, पापा की डाट और प्यार हो, भाई बहिन का झगडना,आपस में हो तालमेल, हो हो सपनो से भी सुनदर घर हमारा। सपनो का घर।
सपनो का घर।
read moresaumya
तेरी मेरी कहानी part 4 👇 read in caption शाम का टाइम था मै और अनन्या कैफे में थे हमदोनो ने कॉफ़ी ऑर्डर किया हम यूं ही बात करने लगे। एक बूढ़े अंकल कुछ सामान बेच रहे थे जैसे कलम पेंसिल और भी कुछ समान था मै उनको देख रही थी वो बहुत भूखे और थके हुए लग रहे थे मैने कहा अनन्या रुक अभी आती हूं अंकल ये पेन और पेंसिल कितने की है उन्होंने कहा 10 रू हर चीज
शाम का टाइम था मै और अनन्या कैफे में थे हमदोनो ने कॉफ़ी ऑर्डर किया हम यूं ही बात करने लगे। एक बूढ़े अंकल कुछ सामान बेच रहे थे जैसे कलम पेंसिल और भी कुछ समान था मै उनको देख रही थी वो बहुत भूखे और थके हुए लग रहे थे मैने कहा अनन्या रुक अभी आती हूं अंकल ये पेन और पेंसिल कितने की है उन्होंने कहा 10 रू हर चीज
read morekuch khyaal
वजूद उनके भी आज जिंदा है गवाह को साथ में लिए हुए अतीथ उनका भी बुरा बीता था समय को हाथ में लिए हुए क्या करना आपस में लड़कर जमाना हो गया उन्हें आपस में देखे हुए।।। #past #nojotoenglish #shayari #stories #sad dard
#Past #nojotoenglish #Shayari #Stories #SAD dard
read moreShahryaar
हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख,ईसाई धर्म बनाकर किसी ने आपस में प्यार नहीं पाया है। रहो मिल जुलकर आपस में प्यार से क्यूंकि धर्म का भेद तो हम–तुम जैसो ने बनाया है।। 🙏🙏 सिद्धार्थ शर्मा 🙏🙏 #NojotoQuote Dharm Bhed
Dharm Bhed
read moreAbhishek Kumar(ABHI)
मुल्क या मज़हब ऐ मेरे इस मुल्क के लोगो आपस में मिलकर रहिये हिन्दू-मुस्लिम भूल के खुद को हिन्दुस्तानी बस कहिये मंदिर हो या मस्जिद सब में एक खुदा ही बसता है फिर क्यूॅ राम-रहीम की खातिर हिन्दू-मुस्लिम लड़ता है मंदिर-मस्जिद में फॅस करके इंसानियत न खतम कीजिये हिन्दू-मुस्लिम भूल के खुद को हिन्दुस्तानी बस कहिये गौ हत्या पर लड़ मरते हो बाकी बात नही करते बे-जुबान पषुओं की चिंता संग में क्यूं नही तुम करते अपने मतलब की खातिर इनका बटवारा मत करिये हिन्दू-मुस्लिम भूल के खुद को हिन्दुस्तानी बस कहिये एक-दूजे के बेटी-बहन की इज्जत दोनो लूट रहे आने वाली नस्ल के रग में कौम का विश है घोल रहे अपने अहम के आग में अपने मासूमों को न जलाइये हिन्दू-मुस्लिम भूल के खुद को हिन्दुस्तानी बस कहिये कौन सा धर्म था उनका जिन्होने छाती पर गोलियॉ खाई थी देष की आजादी के खातिर अपनी बली चढ़ाई थी याद करके उनकी कुर्बानी देष पर थोड़ा रहम कीजिये हिन्दू-मुस्लिम भूल के खुद को हिन्दुस्तानी बस कहिये राजनीति में फॅस करके तुम आपस में क्युं लड़ते हो नेताओं के भड़काने से गलत काम क्युं करते हो बहुत सुन चुके नेताओं की खुद के दिल की अब सुनिये हिन्दू-मुस्लिम भूल के खुद को हिन्दुस्तानी बस कहिये मज़हब नही सिखाता है कि आपस मे तुम बैर करो सब कुछ अच्छा हो जायेगा बस थोड़ा सा धैर्य धरो जन्नत सा यह देष तुम्हारा दोजख इसे न बनाइये हिन्दू-मुस्लिम भूल के खुद को हिन्दुस्तानी बस कहिये ABHISHEK KUMAR GUPTA मुक्त वर्ग - १ / Open Category - 1, #NojotoQuote comnt k sath btaye kasa hi ye geet
comnt k sath btaye kasa hi ye geet
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