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Best निज Shayari, Status, Quotes, Stories

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Jorwal

#Night #निज MODERATOR NJT05 Praveen Storyteller Anshu writer Santosh Narwar Aligarh Er.ABHISHEK SHUKLA

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संजीव चाहर

Nojoto अपने अनुभवों को निज अनुभव कहकर *संजू* कब तक भ्रम मैं पालूंगा...?
क्यूंकि निज अनुभवों को लिखने के लिए किसी न किसी भाषा का *संजू* सहारा तो जरूर लूंगा...??
मैंने सोचा *संजू* कोई नया गीत मैं गा लूंगा, गुनगुना लूंगा...?
पर उसके लिए भी तो परचलित शब्दों को ही चुनूंगा...??
ईक मौन ही है *संजू* जो मेरा निजी हो सकता है।
बाकी तो कण-कण इस ब्रह्मांड में सब जीव-जगत के लिए समान रुप से व्याप्त है।।🙏🧘🏻‍♂️

©संजू
  #निज #अनुभव 
#WForWriters

manav raj(मानव)

*माँ *

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आओ करे  मातृ वन्दना  निज मे शक्ति संचार करे।
खुद को जाने खुद को साधे अन्तस  का सृंगार करे।
हम हे  मनुज हम ईश  अनुज खुद को जाने अभिमान करे
छल  छिद्र कपट को त्याग,मन के शोधन का ध्यान धरे।।
आओ करे मातृ  वन्दना निज में  शक्ति संचार करे
। *माँ *

Rohit Saini

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साथ तेरा मिले मुझको दिल चाहता है, 
पर जाने किन मजबूरी से पीछे रहता है ।

खुवाइशे मेरी कई दबी है वक़्क़्त में,
तेरी न रहे अधूरी कोई सोच के पीछे रहता हूँ ।

हाथो में हाथ तेरा लेकर रिमझिम सावन चाहता हूँ,
पर जाने किन मजबूरी से समर में घाव सहता हूँ ।

भीग न जाये चक्षु तेरे वक़्क़्त मेरे की आड़ में,
निज-निज नित-नित देख कदम ना आगे बढ़ाता हूँ ।

 हाँ मै भी संग तेरे चलना चाहता हूँ,
पर जाने किन मजबूरी से पीछे रहता हूँ 


                                        $रोहित सैनी$

Rohit Saini

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साथ तेरा मिले मुझको दिल चाहता है,
पर जाने किन मजबूरी से पीछे रहता है ।

खुवाइशे मेरी कई दबी है वक़्क़्त में,
तेरी न रह जाये अधूरी कोई सोच के पीछे हटता हूँ ।

हाथो में हाथ तेरा लेकर रिमझिम सावन चाहता हूँ,
पर जाने किन मजबूरी से समर में घाव सहता हूँ ।

भीग न जाये चक्षु तेरे वक़्क़्त मेरे की आड़ में,
निज-निज नित-नित देख के कदम पीछे हटाता हूँ ।
                                                    
                                                  हाँ मै भी संग तेरे चलना चाहता हूँ,
                                            पर जाने किन मजबूरी से पीछे रहता हूँ ।

$रोहित सैनी......$

Pranav Singh Baghel

फंदा #kisan_diwas #kshudha #fanda #farmer #nojotohindi #Hindi #nojotopoem #HindiPoem कोई अन्नदाता कहता है, कोई कहे शान हैं, देश का पेट भरते हैं, भूमिपुत्र किसान हैं। सबकी भूख मिटाते हैं, अदना हो या आली हो, देश भूखा ना सोए भले उदर अपना खाली हो।

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#kisan_diwas

क्यों क्षुधाहर्ता की क्षुधा हरता नहीं कोई,
धमनी में धरा की धारणा धरता नहीं कोई।
कृषकों के प्रति संवेदना तो व्यक्त करते हैं,
आकर किन्तु खेतों में स्वयं तरता नहीं कोई।।

FULL POEM IN CAPTION #NojotoQuote फंदा
#kisan_diwas #kshudha #fanda #farmer #nojotohindi #hindi #nojotopoem #hindipoem

कोई अन्नदाता कहता है, कोई कहे शान हैं,
देश का पेट भरते हैं, भूमिपुत्र किसान हैं।

सबकी भूख मिटाते हैं, अदना हो या आली हो,
देश भूखा ना सोए भले उदर अपना खाली हो।

Ajay Amitabh Suman

ये कविता एक माँ के प्रति श्रद्धांजलि है । इस कविता में एक माँ के आत्मा की यात्रा स्वर्गलोक से ईह्लोक पे गर्भ धारण , बच्ची , तरुणी , युवती , माँ , सास , दादी के रूप में क्रमिक विकास और फिर देहांत और देहोपरांत तक दिखाई गई है। अंत में कवि माँ की महिमा का गुणगान करते हुए इस कविता को समाप्त करता है। माँ आओ एक किस्सा बतलाऊँ,एक माता की कथा सुनाऊँ, कैसे करुणा क्षीरसागर से, ईह लोक में आती है? धरती पे माँ कहलाती है।

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 ये कविता एक माँ के प्रति श्रद्धांजलि है ।  इस कविता में एक माँ के आत्मा की यात्रा स्वर्गलोक से ईह्लोक पे गर्भ धारण , बच्ची , तरुणी , युवती , माँ , सास , दादी के रूप में क्रमिक विकास और फिर देहांत और देहोपरांत तक दिखाई गई है। अंत में कवि माँ की महिमा का गुणगान करते हुए इस कविता को समाप्त करता है।     

माँ

आओ एक किस्सा बतलाऊँ,एक माता की कथा सुनाऊँ,
कैसे करुणा क्षीरसागर से, ईह लोक में आती है?
धरती पे माँ कहलाती है।

Abhishek Singh

#Hindi #Poetry #बड़ाभिखारी कृपया मेरी ये कविता एक बार अवश्य पढ़ें। "बड़ा भिखारी" इक आस भरी दो नज़रों से, वो दर दर हाँथ फैलाता था, कहीं पे कुछ पा जाता था,

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#Nojoto #Hindi #Poetry #बड़ाभिखारी 
कृपया मेरी ये कविता एक बार अवश्य पढ़ें।

"बड़ा भिखारी" 

इक आस भरी दो नज़रों से,
वो दर दर हाँथ फैलाता था,
कहीं पे कुछ पा जाता था,

अgni

अश्रु तेरे नयनों में,
निज पलकें मेरी विचलित रहे,
निज स्वयं मैं विचलित रह,
निज तू भी तो विचलित रहे,
काहे ये अश्रु नयनों के हम दोनों को विचलित करे। #विचलित

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