Find the Best खिला Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutहै या चाँद खिला, खिलानी है, खिलाफत की जानकारी, खिलाएंगे तारा की, खिलाड़ियों की संख्या,
Shubham Bhardwaj
ऐ जिंदगी कभी दास्तान ए मोहब्बत से मिला दे। यह शौक अभी बाकी है,एक गुल दिल में खिला दे।। मिलकर फिर बिछुड़ने न देना राहे मोहब्बत में । जिंदगी की महफिल में फूल मोहब्बत का सजा दे।। ©Shubham Bhardwaj #ऐ #जिंदगी#ए #गुल #का #खिला #दे
maihar rankaj chaurasia
बचपन और माँ माँ मुझ पर आज भी इल्जाम लगा देती है! अपने हिस्से की रोटी मुझे खिला देती है। #रंकज #मां #इल्जाम #हिस्से #रोटी #खिला #BachpanAurMaa
@Devidkurre
किसकी है जनवरी, किसका अगस्त है? कौन यहां सुखी है, कौन यहां मस्त है? सेठ है, शोषक है, नामी गला-काटू है गालियां भी सुनता है, भारी थूक-चाटू है चोर है, डाकू है, झूठा-मक्कार है कातिल है, छलिया है, लुच्चा-लबार है जैसे भी टिकट मिला, जहां भी टिकट मिला शासन के घोड़े पर वह भी सवार है उसी की जनवरी छब्बीस उसीका पन्द्रह अगस्त है बाकी सब दुखी है, बाकी सब पस्त है कौन है खिला-खिला, बुझा-बुझा कौन है कौन है बुलंद आज, कौन आज मस्त है खिला-खिला सेठ है, श्रमिक है बुझा-बुझा मालिक बुलंद है, कुली-मजूर पस्त है सेठ यहां सुखी है, सेठ यहां मस्त है उसकी है जनवरी, उसी का अगस्त है पटना है, दिल्ली है, वहीं सब जुगाड़ है मेला है, ठेला है, भारी भीड़-भाड़ है फ्रिज है, सोफा है, बिजली का झाड़ है फैशन की ओट है, सबकुछ उघाड़ है पब्लिक की पीठ पर बजट का पहाड़ है गिन लो जी, गिन लो, गिन लो जी, गिन लो मास्टर की छाती में कै ठो हाड़ है! गिन लो जी, गिन लो, गिन लो जी, गिन लो मज़दूर की छाती में कै ठो हाड़ है! गिन लो जी, गिन लो, गिन लो जी, गिन लो घरनी की छाती में कै ठो हाड़ है! गिन लो जी, गिन लो, गिन लो जी, गिन लो बच्चे की छाती में कै ठो हाड़ है! देख लो जी, देख लो, देख लो जी, देख लो पब्लिक की पीठ पर बजट का पहाड़ है! मेला है, ठेला है, भारी भीड़-भाड़ है पटना है, दिल्ली है, वहीं सब जुगाड़ है फ्रिज है, सोफा है, बिजली का झाड़ है फैशन की ओट है, सबकुछ उघाड़ है महल आबाद है, झोपड़ी उजाड़ है गऱीबों की बस्ती में उखाड़ है, पछाड़ है धत् तेरी, धत् तेरी, कुच्छों नहीं! कुच्छों नहीं ताड़ का तिल है, तिल का ताड़ है ताड़ के पत्ते हैं, पत्तों के पंखे हैं पंखों की ओट है, पंखों की आड़ है कुच्छों नहीं, कुच्छों नहीं ताड़ का तिल है, तिल का ताड़ है पब्लिक की पीठ पर बजट का पहाड़ है! किसकी है जनवरी, किसका अगस्त है! कौन यहां सुखी है, कौन यहां मस्त है! सेठ ही सुखी है, सेठ ही मस्त है मंत्री ही सुखी है, मंत्री ही मस्त है उसी की है जनवरी, उसी का अगस्त है। #बाबा_नागार्जुन वाणी मेरी नही लेकिन विचार इनके जैसे ही है किसकी है जनवरी, किसका अगस्त है? कौन यहां सुखी है, कौन यहां मस्त है? सेठ है, शोषक है, नामी गला-काटू है गालियां भी सुनता है, भारी थूक-चाटू है चोर है, डाकू है, झूठा-मक्कार है कातिल है, छलिया है, लुच्चा-लबार है जैसे भी टिकट मिला, जहां भी टिकट मिला
वाणी मेरी नही लेकिन विचार इनके जैसे ही है किसकी है जनवरी, किसका अगस्त है? कौन यहां सुखी है, कौन यहां मस्त है? सेठ है, शोषक है, नामी गला-काटू है गालियां भी सुनता है, भारी थूक-चाटू है चोर है, डाकू है, झूठा-मक्कार है कातिल है, छलिया है, लुच्चा-लबार है जैसे भी टिकट मिला, जहां भी टिकट मिला
read morekhushboo subraj tiwari
"वो बारिश का मौसम वो हम दोनों का संग," कुछ खिला वो, कुछ खिला मेरा रंग, ज़ब से भीगी मै उस सँग, बदले मेरे रंग ढंग, ये यादें ही तो देती है मेरी ओठों को मुस्कान. कुछ खिला वो,
कुछ खिला वो,
read moreAjay Amitabh Suman
नमक बेईमानी का अरोड़ा साहब का कपड़ों के इंपोर्ट और एक्सपोर्ट का दिल्ली में बहुत बड़ा कारोबार था। अक्सर वो चीन के व्यापारियों से संपर्क करके उनसे कपड़ों के एक्सपोर्ट का आर्डर लेते, फिर अपनी फैक्ट्री में कपड़ों को बनवा कर चीन भेज देते। इस काम में अरोड़ा साहब को बहुत मुनाफा होता था। उनकी इंपोर्ट और एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट में बहुत बड़ी पहुंच थी। अरोड़ा साहब इस बात का बराबर ख्याल रखते कि दिवाली या नए वर्ष के समय एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट के सरकारी कर्मचारियों के पास बख्शीश समय पर पहुंच जाए। ये अरोड़ा साहब
नमक बेईमानी का अरोड़ा साहब का कपड़ों के इंपोर्ट और एक्सपोर्ट का दिल्ली में बहुत बड़ा कारोबार था। अक्सर वो चीन के व्यापारियों से संपर्क करके उनसे कपड़ों के एक्सपोर्ट का आर्डर लेते, फिर अपनी फैक्ट्री में कपड़ों को बनवा कर चीन भेज देते। इस काम में अरोड़ा साहब को बहुत मुनाफा होता था। उनकी इंपोर्ट और एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट में बहुत बड़ी पहुंच थी। अरोड़ा साहब इस बात का बराबर ख्याल रखते कि दिवाली या नए वर्ष के समय एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट के सरकारी कर्मचारियों के पास बख्शीश समय पर पहुंच जाए। ये अरोड़ा साहब
read moreनिखिल कुमार अंजान
Ram ईश्वर...... ईश्वर..... अंजान की आँखों से लगातार आँसू बहे जा रहे थे....... एक छोटी बच्ची के चेहरे पर मुस्कान थी...... क्योंकि वह ईश्वर और धर्म का अर्थ समझ चुका था....... जबकि वह बच्ची काफी दिनों से उदास थी...... अंजान एक 30 बरस का युवक था उसका धर्म करम मे अत्यंत विश्वास था वह रोज नियम से शहर के एक प्राचीन मंदिर मे दर्शन करने जाता था वँहा लंबी लाइन मे लगकर लगभग 20 से 25 मिनट मे उसको भगवान के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता था लेकिन वँहा चढ़ावा चढ़ाने के बावजूद उसके मन को शांति न मिलती थी वह दर्शन करने के
ईश्वर..... अंजान की आँखों से लगातार आँसू बहे जा रहे थे....... एक छोटी बच्ची के चेहरे पर मुस्कान थी...... क्योंकि वह ईश्वर और धर्म का अर्थ समझ चुका था....... जबकि वह बच्ची काफी दिनों से उदास थी...... अंजान एक 30 बरस का युवक था उसका धर्म करम मे अत्यंत विश्वास था वह रोज नियम से शहर के एक प्राचीन मंदिर मे दर्शन करने जाता था वँहा लंबी लाइन मे लगकर लगभग 20 से 25 मिनट मे उसको भगवान के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता था लेकिन वँहा चढ़ावा चढ़ाने के बावजूद उसके मन को शांति न मिलती थी वह दर्शन करने के
read moreRakesh Kumar Dogra
जब दिल टुटा तो पता चला ईंटो का वज़न कम था, फिर भी न जाने क्यों लोग बीच में दिवार लगा देते हैं। सूरज बिना छुए कितने फूल खिला देता है, चिराग हूं, कोई अन्धेरा ढूंढकर हम भी कोई गुल खिला देते हैं। ताबूत ही तो सुन्दर चाहिए था उसे,पर न मिला, आखिरी इच्छा थी उसमे भी लोग कील गाड़ देते हैं।
Kiran Bala
जैसे नन्हा सा फूल मेरे घर अंगना खिला जैसे शबनम का मोती, नाजुक सा बड़ा जैसे आसमां में हो कोई चाँद खिला जैसे खुशियों का कोई दीप जला सबसे प्यारी, बेटियाँ हमारी #nojoto #nojotohindi #kalakaksh #kavishala #daughters #poetry #love #tst #kiranbala
सबसे प्यारी, बेटियाँ हमारी #Nojoto #nojotohindi #kalakaksh #kavishala #Daughters #Poetry #Love #TST #kiranbala
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