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Ramkishor Azad
खुशी तो आपकी मस्त भरी आंखों से झलकती है, होंठों से आपके मानो प्यासी लालिमा ही बरसती है! खुदा ने क्या उनसे मेरी भी नजरों से नजरें मिलाई है, उनकी चाहत और मेरी मोहब्बत तो चांद तारों सी चमकती है!! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad खुशी तो उनके प्यार से मिलती है R #खुशी #लालिमा #नजरें #होंठोंपरमुस्कान #मिलना #चांद #प्यार #शायरी #viral #short Pooja Udeshi pooja mourya Anupriya –Varsha Shukla Ankita Kumari0000
Ramji Pathak
ये जो लालिमा सी बिखरी है आसमान में तेरे गालों सी है, कुछ ही दिन तो हुए न मिले ये बेचैनी वर्षों सी है.. ©Ramji Pathak #प्रेमिका #लालिमा #Sunrise
Aakansha shukla
मेरा शहर: बनारस बनारस है ये, बस्ते है भक्त यहाँ महादेव के, नगरी है ये देवों के देव महादेव की, बसा है ये माँ गंगा के तट पर, इसलिए बनारस है ये । फेमस है बनारस का सबकुछ चाहे हो सुबह की कचौडी या शाम की चाय, चाहे हो वो बनारस की साडी या बनारस का पान, चाहे हो वो मन्दिरों की आरती या घाटो की आरती, चाहे हो वो सूरज की लालिमा या चाँद खी रौशनी, इसलिए तो फेमस है बनारस। पर आज कल सबकुछ बदल रहा है(बनारस भी) है ये अब संसदीय क्षेत्र मोदी जी का, बन रहा है विश्वनाथ कारिडॉर, फेमस तो ये अभी भी है, पर कुछ है जो अब नहीं है, गंगा की वो बहती स्वच्छ धारा, सूरज की वो आकर्षक लालिमा, चिडियो का चहचहाना, और बादलो का गरजना, इसलिए तो बनारस बदल रहा है । मेरा शहर:बनारस
मेरा शहर:बनारस
read moreYogita Harne
श्याम की पुरवाई का आगाज हो तुम किसी भीड़ का हिस्सा नहीं .... मेरे एकांत का साथ हो तुम सूर्य☀ उदय और अस्त के मध्य की लालिमा का मनमोहक आभास हो तुम न भौर का तारा ... न टिमटिमाते आकाश का सितारा हो तुम संध्या की लालिमा ओढनी ओढ़े हुए क्षितिज का सूंदर नजारा हो तुम तुम
तुम
read moreKUNDAN KUNJ
सवेरा ....... *सवेरा *....... नभ में लालिमा छाया फिर से हुआ सवेरा, दूर हुई वो काली रातों की भयावह अंधेरा। उमंग लिए फिर से प्राणी जग गया है सारा, पंछी छोड़ चली है आज अपना ही वसेरा।। नभ में लालिमा छाया फिर से हुआ सवेरा, #सवेरा
"निश्छल किसलय" (KISALAY KRISHNAVANSHI)
लगता है धरा श्रृंगार किये बैठी ओढ़कर कर धानी चुनर दमकती मुख पर लालिमा बिखरी किसलय से बालों को महकाती मस्त हवा बसंती, क्या कंचन काया,और मृगनयनी मूरत "निश्छल" मुस्कान जमी अधरों पर उल्लसित सब नभ,जल ,खग,विहाग किरण बिखरती स्वर्णिंम लहरों पर करने को आतुर स्वागत नव ऋतू का अंचल पर उषा की सुर्ख अरुणिमा , माथे पर ओस की चांदी सा गहना बिखरी नभ में किरणों की लालिमा "किसलय कृष्णवंशी "निश्छल"
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