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Mohan Somalkar
पंढरीची वारी॥ वाटे मज करु॥ हाती ध्वज धरु॥ विठ्ठलाचा॥१॥ चंद्रभागे तिरी ॥ स्नान चला करु॥ पहाट पहरु ॥ नाम घेऊ॥२॥ कर कटा वरी॥ पांडुरंग उभा॥ दर्शनाची मुभा ॥ सकलांना॥३॥ किर्ती रुपे ऊरु॥ ऐकुया कीर्तन ॥ आनंदले मन॥ विठुपायी॥४॥ नाम त्याचे स्मरु॥ पाहुनिया स्वरुप ॥ डोळ्यात ते रुप ॥ सदा भरु॥५॥ ●॰जय हरी विठ्ठल ॰● मोहन सोमलकर नागपुर ©Mohan Somalkar #रुप
Saurav Das
खुद को नया रूप देना चाहते हो, तो उजड़ना पड़ेगा! हीरे जैसा चमकना है तुम्हें, कोयले से होकर गुजरना पड़ेगा!! ©Saurav Das #नए #रुप #हीरा #कोयला #Alive
Mr_Aditya Bhardwaj
#Pehlealfaaz ................... #माँ - #बाप #के #रुप #में #धरती #पर #भगवान #को #देखा #हैं आखरी सफर रोहित तिवारी writer Manish Kumar
SujithePoet
माथे की बिंदी आदिशक्ती जैसा तेरा रुप संमदर कि गहराई जैसे गहरी आँखें उन दो आँखों के बीच स्थित माथे की बिंदी शितल,सगुण और आत्मविश्वासी रुप की पहचान जताती है #bindi #nojotohindi
ओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री)
मज़बूर वैसे तो मेरी मजबुरियाँ ,यह करतुत कर देगी!,,,,,,सोचने को तुमको भी "मजबुर "कर देगी,,,,, मजबूरी वह वक्त होता है कि """जब हम समर्थवान होते ,हमारे पास सबकुछ होता है फिर भी हम कुछ नही कर पाते,,,, सबलता की दुर्बलता को मजबूरी कहते है,,, या जब हम समर्थ व शक्ति शाली होते उस वक्त"""मौके नही होते"""
मजबूरी वह वक्त होता है कि """जब हम समर्थवान होते ,हमारे पास सबकुछ होता है फिर भी हम कुछ नही कर पाते,,,, सबलता की दुर्बलता को मजबूरी कहते है,,, या जब हम समर्थ व शक्ति शाली होते उस वक्त"""मौके नही होते"""
read moreओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री)
Happy Janmashtami दोस्ती को---- क्योकि "रिश्ता मुहोब्बत से मिट्ठा ,दोस्त का होता!वो गोविंद राधा को नहीं,"सुदामा"को रोता,,,,, ओम भक्त "मोहन वैसे---श्री कृष्ण के हर गुण अपनाने योग्य है लेकिन हम इंसान है वे सर्वशक्तिमान है-----हमारी भुजाओ मे वो कारक नही की उन्हे पुर्णत आत्मसात कर ले,,,,,,, लेकिन फिर भी """इंसानी औकात व इंसान होने की अहमियत से हम """"उनके दोस्ताना व्यवहार को आत्मसात कर ले जो आज के युग की धुरी है,,,,, मुहोब्बत जरुरी है ------लेकिन इसका मतलब सिर्फ और सिर्फ प्रेमिका से ,नही बल्कि """कुदरत से,हर जिस्म से,हर रंग से,रुप से,,,,,,,,, लेकिन यह सब बाते किताबे बन कर रह गयी,,आज मुहोब्बत का अर्थ "केवल फिगर रुपी सुदंरता का "अंधा
वैसे---श्री कृष्ण के हर गुण अपनाने योग्य है लेकिन हम इंसान है वे सर्वशक्तिमान है-----हमारी भुजाओ मे वो कारक नही की उन्हे पुर्णत आत्मसात कर ले,,,,,,, लेकिन फिर भी """इंसानी औकात व इंसान होने की अहमियत से हम """"उनके दोस्ताना व्यवहार को आत्मसात कर ले जो आज के युग की धुरी है,,,,, मुहोब्बत जरुरी है ------लेकिन इसका मतलब सिर्फ और सिर्फ प्रेमिका से ,नही बल्कि """कुदरत से,हर जिस्म से,हर रंग से,रुप से,,,,,,,,, लेकिन यह सब बाते किताबे बन कर रह गयी,,आज मुहोब्बत का अर्थ "केवल फिगर रुपी सुदंरता का "अंधा
read moreChanchal Chaturvedi
कवी कितना कुछ लिख लेते हैं हम स्त्रियों के बारे में......... कभी चहरे की गोराई,होठों की सुर्खियत,आँखों की गहराई के बारे मे........ क्या बस इतना ही लिखने को है हमारे बारे मे........? एक देह मात्र की खूबसूरती पर लिखा जा सकता है जितना,वो लिख देते उन सब के बारे में......... लोग लिखते,सुनते ,पढते है जो उन्हे पसंद हैं सिर्फ उस बारे में........ मगर इससे भी ज्यादा बहुत कुछ हैं लिखने को हमारे बारे मे........ लिखो ना कभी आँखों के जगमागाते सपने,साँवले रंग वाले आत्मविश्वास से लबरेज मुस्कुराहट,एक दाग वाले चहरे मगर बेदाग,श्वेत,निश्छल मन के बारे मे ....... लिखो ना हमारे कुछ करने की ज़िद,ठोकर खा कर फिर उठने की हिम्मत और विफलताओ की डगर से सफलताओ के सफर की हमारी कहानी के बारे में......... ऐसा कुछ क्यू नहीं लिखा जाता है हमारे बारे मे.......? क्यू नहीं लिखा जाता हमारे कुशलताओ,क्षमताओ,कलाओ के बारे में.........? क्या सचमुछ इन सब से ज़रूरी है हम स्त्रियों के रंग-रुप और सुन्दरता के बारे मे.........? क्यू इंसानों से अलग लिखा जाता है मुझे रुप की देवी की तरह, मुझे लिखा जाये सिर्फ वैसे ही जैसे लिखा जाता है इंसानों के बारे में........... हम स्त्रियां सिर्फ वैसे ही नहीं है जैसा लिखते है कवी हमारे बारे मे............ #hum_striyon_ke_baare_me #Chanchal_mann#hindinojoto#shayari#quote#poetry
प्रा.शिवाजी ना.वाघमारे
You तू मी आणि पाऊस ढगाळलेल्या वातावरणात कोवळ्या उन्हात इशारा होई मनात तुझं भिजलेल तारुण्य रुप खुललय खूप जस चांदनी च रुप.. तू मी आणि पाऊस..
RAAJ
भाग-2 (पिछले भाग से आगे) क्यों क्योंकि मैं भीतर से अशक्त नहीं वस्तुतः क्योंकि मुझमें प्रवाहित प्रेमसागर अथाह क्योंकि प्रेम सदा स्वयं के ही वशीभूत रहा क्योंकि प्रेम सत्य असत्य से विमुक्त ही रहा क्योंकि हो कोई समय काल अथवा दशा प्रेम कदापि किसी पर अवलंबित न रहा क्योंकि मैं मेरा मूलरुप प्रेम स्वरूप आत्मा . और आत्मा अशक्त नहीं परमात्मा की अनंत शक्तियों का भंडार है जिसे किसी काल दशा व्यक्ति परिस्थिति से नहीं तुम्हारे मूल रुप से प्यार है| . मुझे प्रेम ने अनंत गहराइयाँ दी हैं तो भावों की उन्नत ऊँचाइयाँ दी हैं मुझे मात्र व्यक्ति रुप देखोगे तो मैं कमजोर दिखूँगी पर मैं आत्मस्वरुप हूँ मुझे यूँ समझना आसान नहीं विशुद्ध करो मनोभावों को चल अन्तर्मन मार्ग से ही प्राप्त कर पाओगे दिव्य दृष्टि और तब देख पाओगे कि मैं भीतर से अशक्त नहीं वस्तुतः| ✍-राजकुमारी #NojotoQuote क्यों... भाग-2 #nojoto #nojotohindi #nojotokavishala #quotes
क्यों... भाग-2 #Nojoto #nojotohindi #nojotokavishala #Quotes
read moreLove Joshi
Dil quotes in Hindi प्यार की परिभाषा तो अनेक मिलेगी पर मैंने प्यार का अलग रुप देखा है थके हुए काँधों पर पापा ने घुमाया है माँ ने ख़्वाईशें छोड़ मेरे हर ख्वाब को सजाया है नानी-दादी ने घुटनों के दर्द साथ घूम घूमकर खाना खिलाया है माँ-पापा को फैला खिलौने हमने कभी सताया है भाई का रिश्ता नोंक-झोंक संग मनाया है...!! प्यार की परिभाषा को मैंने अलग रुप से सजाया है #NojotoQuote pyar #pyar #pyarkipribhasha #nojotohindi #love #nojoto #hindikalam #kavishala #hindi #lovejoshi
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