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Best नन्हा Shayari, Status, Quotes, Stories

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Dharmendra Verma

#नन्हा किसान #hunarbaaz

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@thewriterVDS

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Shubham Bhardwaj

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gaurav

हम भी जवान‌ थे 😇🤓🤓😁😁🙋‍♂️ #Childhood #Small #Child #yqhindi #बचपनकीयादें #नन्हा

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देखा नन्हे के गालपर वह खुशी...
     बचपन की याद लाए....
      कभी रोया तो कभी हंसे....
         नाना नाकी के कंधे का बोज थे.....
   मां पापा के लाडले दिवाने......
रोये तो समझाने सब भागते
 आसु ना आए जादुगार बनते थे...........
    कर्ज है हम पर अपसोस ना कभी वापस मांगा.....
       पुरानी यादो से मन भरा .....
 यादो के आसु बिखरेंगे.... 
  लेकिन ना भुलना कभी हम नन्हे थे...... हम भी जवान‌ थे 😇🤓🤓😁😁🙋‍♂️

#childhood 
#small 
#child 
#yqhindi 
#बचपनकीयादें 
#नन्हा

Raghav Sinha

*नन्हा परिंदा*

माना कि हूँ मैं इक नन्हा परिंदा
मगर उम्मीदें हूँ पक्का रखता
छोटे है अभी पर मेरे
मगर दम जरूर, हूँ मैं रखता |

यत्नों की तीरें और
प्रयत्नों की कमान जिंदा रखता
घायल तो है हर एक परिंदा
मगर मैं उड़ने का हौसला जिंदा रखता |

अनवरत गति से उड़ता मैं
रब पर यकीन कर चलता मैं
छोड़ दूं हार के डर से मैदान
डरपोक परिंदा नहीं हूँ मैं |

डरपोक नहीं समझना मुझे
बदल दूं मैं जिंदगी की परिभाषा
है मुझे अपने लक्ष्य की अभिलाषा
गर मिले ना मुझे लक्ष्य मेरी
तरीके रफ्तार बदने की आशा... 

🪶✍️(नन्हा परिंदा) 🥰Raghav Sinha♥️💕💕

©Raghav Sinha #नन्हा #पंख #पंछी #परिंदा

Raghav Sinha

*नन्हा परिंदा*

माना कि हूँ मैं इक नन्हा परिंदा
मगर उम्मीदें पक्का रखता हूँ
छोटे है अभी पर मेरे
मगर  दम जरूर रखता हूँ |

अनवरत गति से उड़ता मैं
रब पर यकीन कर चलता मैं 
छोड़ दूं हार के डर से मैदान
डरपोक परिंदा नहीं हूँ मैं |

यत्नों की तीरें और
प्रयत्नों की कमान जिंदा रखता हूँ
घायल तो  हर एक परिंदा है यहां
मगर मैं उड़ने हौसला जिंदा रखता हूँ

 नहीं समझना डरपोक मुझे
बदल दूं मैं जिंदगी की परिभाषा 
है मुझे अपने मंजिल की अभिलाषा
मिले ना मंजिल अगर मुझे
तरीके रफ्तार बदलने की है आशा.... 

🪶✍️(नन्हा परिंदा) ♥️🥰🥀

©Raghvendra Sinha #नन्हा #पंछी #पंख

Mohit Sharma

#नन्हा दिल और उसके ड्रामे ☺️☺️☺️😢 sadiya ryne indira Inner Voice Bhavana Pandey Diwan G

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सोमेश त्रिवेदी

नन्हा बीज/ सोमेश त्रिवेदी बीज नन्हा सा दबा जो उर्वरा धरती के अंदर, पाएगा सर्वस्व इक दिन फूले फलेगा पेड़ बनकर। अभी, जैसे मां के गर्भ में

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बीज नन्हा सा दबा जो
उर्वरा धरती के अंदर,
पाएगा सर्वस्व इक दिन
फूले फलेगा पेड़ बनकर।

अभी, जैसे मां के गर्भ में
मिल रहा पर्याप्त पोषण,
बढ़ रहा हो शिशु कोई
पल रहा हो नया जीवन।

फिर चीरकर उस गर्भ को ही
बाहें समेटे आएगा,
पीड़ा नहीं आनंद कह लो
जो ममता लपेटे आएगा।

अब तक जुड़ा है 
अब तक समाया,
तब तक रहेगी मां की ममता
मां की माया,
जब तक रहेगा मूल भीतर।

जो मिली किरणों की आभा
जागृत हुआ चेतन हुआ,
बाहें फैलाए जा रहा है
वर्धित हुआ जाता निरंतर।

जो बीज नन्हा सा दबा था
उर्वरा धरती के अंदर,
पौध वो अब बन चुका है
फूले फलेगा पेड़ बनकर।
 #NojotoQuote नन्हा बीज/ सोमेश त्रिवेदी

बीज नन्हा सा दबा जो
उर्वरा धरती के अंदर,
पाएगा सर्वस्व इक दिन
फूले फलेगा पेड़ बनकर।

अभी, जैसे मां के गर्भ में

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 11 ।।श्री हरिः।। 12 - स्नेह जलता है 'अच्छा तुम आ गये?' माता के इन शब्दों को आप चाहें तो आशीर्वाद कह सकते हैं; किंतु कोई उत्साह नहीं था इनके उच्चारण में। उसने अपनी पीठ की छोटी गठरी एक ओर रखकर माता के चरण छुये और तब थका हुआ एक ओर भूमि पर ही बैठ गया। 'माँ मुझे देखते ही दौड़ पड़ेगी। दोनों हाथों से पकड़कर हृदय से चिपका लेगी। वह रोयेगी और इतने दिनों तक न आने के लिये उलाहने देगी।' वर्षों से पता नहीं क्या-क्या आशाएँ उमंगें, कल्पनाएँ मन में पाले हुए था वह। 'मैं मा

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 11

।।श्री हरिः।।
12 - स्नेह जलता है

'अच्छा तुम आ गये?' माता के इन शब्दों को आप चाहें तो आशीर्वाद कह सकते हैं; किंतु कोई उत्साह नहीं था इनके उच्चारण में। उसने अपनी पीठ की छोटी गठरी एक ओर रखकर माता के चरण छुये और तब थका हुआ एक ओर भूमि पर ही बैठ गया।

'माँ मुझे देखते ही दौड़ पड़ेगी। दोनों हाथों से पकड़कर हृदय से चिपका लेगी। वह रोयेगी और इतने दिनों तक न आने के लिये उलाहने देगी।' वर्षों से पता नहीं क्या-क्या आशाएँ उमंगें, कल्पनाएँ मन में पाले हुए था वह। 'मैं मा

Vinni Gharami

सारे खिलौने उलट-पुलट कर मैं बाबा से बोली, अब ये सारे खेल हुए पुराने फुटी गुड़िया टूटा बंदुक कैसे.... मारू मैं गोली। अब मुझको भी कोई नया खिलौना ला दो, कुछ ना सही तो एक बोलता हुआ गुड्डा ही दिला दो। मेरी नादानी पर मुस्कुराए वो, मुझे समझाकर गोद में बिठाया कहां सब्र करो। #poem #vinni_gharami

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 सारे खिलौने उलट-पुलट कर मैं बाबा से बोली, 
अब ये सारे खेल हुए पुराने फुटी गुड़िया टूटा बंदुक कैसे.... मारू मैं गोली।

अब मुझको भी कोई नया खिलौना ला दो,
कुछ ना सही तो एक बोलता हुआ गुड्डा ही दिला दो।

मेरी नादानी पर मुस्कुराए वो, 
मुझे समझाकर गोद में बिठाया कहां सब्र करो।
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