Find the Best पंख Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutपंखुड़ियां है गुलाब की, पंखी कैसे बनती है, पंखुड़ियां गुलाब कैसी है, पंखुड़ियां है गुलाब, पंखा चलता है,
parul yadav
White " पंख अभी समेटो मत अभी तो उड़ान बाकी है , अभी तो पैर जमीं से उठे है , पूरा का पूरा आसमान बाकी है , अपने हौंसले से छूना है बुलंदियों को , नीचे खिंचने को पूरा जहान बाकी है ....... ©Parul (kiran)Yadav #sad_dp #पंख #उड़ान #हौंसला #नोजोतोहिन्दी अच्छे विचारों आज का विचार सुप्रभात सुविचार इन हिंदी शुभ विचार 'अच्छे विचार' Ashutosh Mishra Ravikant Dushe Gyanendra Kukku Pandey Anshu writer vineetapanchal
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read moreArjun Rawat पार्थ
White पंख अभी समेट मत अभी लम्बी उड़ान बाकी है,, तय किया है अभी जमी का सफ़र,, उड़ने को पूरा आसमान बाकी है, ©Arjun Singh #motivatation #पंख #उड़ान #aasman #जमीन शायरी attitude
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read moreRamji Mishra
Jai shree ram प्रविश नगर कीजिए सब काजा | हृदय राखि कौशलपुर राजा || ©Ramji Mishra #JaiShreeRam #पंख #poem #so #spritual #brahmin #nojeto #Like कवि आलोक मिश्र "दीपक" Santosh Narwar Aligarh Sana naaz. Madhusudan Shrivastava Anshu writer
Rakesh frnds4ever
रात में सोने के समय ख्वाबों, यादों की तितलियां मेरे सिरहाने आ बैठती हैं पंख फड़फड़ाती हैं, उड़ना चाहती हैं गीली ,मुलायम और सुलगते हुए अहसास वाली ये तितलियां जाने क्यों आंखे गीली और मन को भिगो जाती हैं,,, कभी जो छूने की कोशिश करो , तो पंख फड़फड़ा, झटपटाती हुई उड़ जाती हैं, वक्त के मानिंद हाथ नहीं आने वाली ये तितलियां यादें पीछे छोड़ते हुए खुद याद बन जाती हैं,, हर रात नींद की आगोस में, जीवन के टूटते बिखरते सपनों, खब्बों, यादों में विचरने वाली इन मायूस तितलियों को अपने सिरहाने खोजता रहता हूं मैं,,,,.... ©Rakesh frnds4ever #Titliyaan रात में सोने के समय ख्वाबों, #यादों की #तितलियां मेरे सिरहाने आ बैठती हैं #पंख फड़फड़ाती हैं, उड़ना चाहती हैं गीली ,मुलायम और सुलगते हुए अहसास वाली ये तितलियां जाने क्यों आंखे गीली और मन को भिगो जाती हैं,,, कभी जो #छूने की कोशिश करो , तो पंख फड़फड़ा, झटपटाती हुई उड़ जाती हैं, वक्त के मानिंद हाथ नहीं आने वाली ये तितलियां
#Titliyaan रात में सोने के समय ख्वाबों, #यादों की #तितलियां मेरे सिरहाने आ बैठती हैं #पंख फड़फड़ाती हैं, उड़ना चाहती हैं गीली ,मुलायम और सुलगते हुए अहसास वाली ये तितलियां जाने क्यों आंखे गीली और मन को भिगो जाती हैं,,, कभी जो #छूने की कोशिश करो , तो पंख फड़फड़ा, झटपटाती हुई उड़ जाती हैं, वक्त के मानिंद हाथ नहीं आने वाली ये तितलियां
read moreGhumnam Gautam
अपने पंख पसार के, उड़ जा चिड़िया आज उड़ने से ही चील है, उड़ने से ही बाज ©Ghumnam Gautam #उड़ान #पंख #चिड़िया #चील #आज #बाज #ghumnamgautam
कवि मनोज कुमार मंजू
जब खेतों में नंगी काया पल पल तपती रहती है| आँगन में बैठे ख्वाबों के पंख उतिनती रहती है|| बेबस आँखों में बस केवल नीर समाया रहता है| तब कवि हृदय हुकूमत के प्रति आग उगलने लगता है|| ©कवि मनोज कुमार मंजू #काया #पंख #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू #surya
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read moreYasmeen Ali
रात के अंधेरे से बिन भयभीत हुए भोर की किरण बन जाना खुलेंगे द्वार उजालों भरे विराम गति को न देना तुम ©Yasmeen Ali #पंख