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paras Dlonelystar
ये तन्हाईयाँ कितनी गहरी हुई है डूबे हम यूँ, नज़र नहीं आते किसी बोझिल सी शाम का ढलना एक उम्र सदियों सा सब्र नहीं पाते की तिनकों तिनकों से बना आशियाना ना घर बने हैं, ना घर बना पाते ©paras Dlonelystar #SunSet #parasd #musingsoflife #आशियाना #घर #बोझिल #शामें
पूर्वार्थ
बोझिल सा मन सोचे पल -पल थक सा गया है मन जिंदगी के बोझ से अब मौत आ जाए तो अच्छा है।। ना दुख है कोई जिंदगी में ना कह सकती हूं सुखी हूं मैं ना कोई असुविधा है मुझे ना कह सकती हूं संपूर्णता में हूं मैं ना दुख है कोई मुझे ना कह सकती हूं खुश हूं मैं ना परवाह है मुझे किसी बात की ना कह सकती हूं बेपरवाह हूं मैं ना संग है कोई मेरे ना कह सकती हूं तन्हा हूं मैं ना बुझे है रंग जिंदगी के ना कह सकती हूं ख्वाहिशों में जिंदा हूं मैं ना भार है कोई मुझ पर फिर भी बोझिल हूं मैं ना रंग है जिंदगी मैं कोई ना कह सकती हूं कि बेरंग हूं मैं ना संग है किसी का ना निसंग हूं मैं ना डोर है कोई मुझसे बंधी ना जाने क्यों कटी पतंग-सी हूं मैं थक सा गया है मन जिंदगी के बोझ से अब मौत आ जाए तो अच्छा है।।🙇🙇 ©पूर्वार्थ #बोझिल #मन_की_बात #नोजोटोहिंदी
paras Dlonelystar
बोझिल सी ये रात मेहरबान यादों का एक सफर,एक कारवां और यह तन्हा सा दिल मेरा बेख़बर हर हालातों से,क्यों भला खोया हुआ है चाँद तारों में नहीं खबर, ज़मीन और आसमान और रूठा हुआ ख़्वाबों में मग्न है सोया हुआ धड़कनों का बागबान बोझिल सी ये....रात मेहरबान ©paras Dlonelystar बोझिल सी ये रात मेहरबान #parasd #PoetryMonth #रात #आसमान #बोझिल
Pk Pankaj
दुनिया के बोझों में से एक है जिम्मेदारियों और किसी के उम्मीदों के बोझों के ले चलना ।। #बोझ #बोझिल_मन_की_दास्तां #बोझिल #बोझल
Ayesha Aarya Singh
shreya upadhayaya
हाले बयां करती जिंदगी का, कभी इन बोझिल आंखो से पूछा तो होता! ©shreya upadhayaya #बोझिल आंखे h.m.a s Rahul Panwar 🇮🇳always_smile11_15 RAVINANDAN Tiwari #HappyBawa
Gunja Agarwal
#FourLinePoetry बोझिल आँखों से, ज़माना-सा लगता है। कुछ कम अब खुशियों का, खज़ाना-सा लगता है। ©Gunja Agarwal #बोझिल #nojohindi #nojoto❤ #nojotoenglish #notojopoetry #nojotooffical #mmmumtaj #jasminesun
Veerpal Singh
कुछ रिश्ते बेकाम होते हैं जी चाहता है भट्ठी में उसे जला दूं और उसकी राख को अपने आकाश में बादल सा उड़ा दूं जो धीरे धीरे उड़कर धूल कणों में मिल जाए बेकाम रिश्ते बोझिल होते हैं बोझिल जिंदगी आखिर कब तक.? "जेन्नी शबनम" कुछ रिश्ते बेकाम होते हैं जी चाहता है भट्ठी में उसे जला दूं और उसकी राख को अपने आकाश में बादल सा उड़ा दूं जो धीरे धीरे उड़ कर धूल कणों में मिल जाए
Varuna Saini
दिल की बात दिल में रखकर, दिल को इतना बोझिल बनाकर, तुम कैसे जी लेते हो? दिक्कत तो तुम्हें भी होती होगी, इस बोझिल दिल के साथ जीने में, फिर क्यों अकेले इतना बोझ सहते हो? अपने जज्बातों को सबसे छुपाकर, दिल में ही इन्हें मारकर, तुम क्यों खुद को कातिल बनाते हो? कोई पूछे जब तुमसे दिल की बात, तो उससे भी किनारा करते हो, तुम क्यों नहीं किसी पर ऐतबार करते हो? किसी शख्स से न कह कर, अपने अल्फाज़ को स्याही से बया करते हो, तुम क्यों कागज़ से बाते करते हो?