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Best नदियों Shayari, Status, Quotes, Stories

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vishwadeepak

#Mysteriesriverstory #नदियों का बहता पानी, कलकल है, इसकी वानी, शीतल करता तन और मन को, जीवन में भरता नौजवानी, नदियों का बहता पानी, सदियों से यही कहानी, #Poetry #for

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Anupama Jha

ज़ख़्म सूखा और धरा को हरा होना चाहिए

 पानी आँखों से नहीं, नदियों में बहना चाहिए

 #ज़ख़्म #धरा #हरा #पानी #नदियों #anupamajha #yqdidi

Monika Rathee "Vimal"

❣️ #समुंदर-से #नदियों-सी #Sky #Life

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समुंदर-से शांत और गंभीर हो तुम,
और मुझ में है चंचलता नदियों-सी,
तुम रहना यूं ही चिरस्थाई,
मैं रहूंगी लहर बनके तुझ में,
चिरकाल तक सफर करती।

©Monika Rathee ❣️
#समुंदर-से
#नदियों-सी 

#Sky

Saurav Das

नदियों की लहरों सी बन जाओ!

किनारे रुक गए तो नकारे जाओगे!!

©Saurav Das #नदियों 
#लहरों 
#किनारे 
#रुक 
#नकार 
#seaside

Bhupendra Rawat

#तेरे #इश्क़#की#नदियों में बहता जा रहा हूँ##

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तेरे इश्क़ की नदियों में बहता जा रहा हूँ
हर मोड़ पर राह बदलता जा रहा हूँ
अब मन्ज़िल की तलाश है, बस
मैं खुद से ही दूर होता जा रहा हूँ 

भूपेंद्र रावत
21।04।2020 #तेरे #इश्क़#की#नदियों 
में बहता जा रहा हूँ##

J P Lodhi.

#नदियों की महिमा

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नदियों की महिमा
नदी गौरवशाली संस्कृति का  बड़ा हिस्सा,
वेद ग्रंथों में वर्णित मिलता इनका किस्सा।
सभ्य सभ्यता में नदियों को पूजा जाता है,
मानवता का नदियों से जीवन का नाता है।
भूलें गए हम नदियों की महान संस्कृति को,
प्रदूषण कर  बदला पावन सी प्रकृति को।
मां सी पावन निश्छल ममता मयी नदियां,
जीवों की सेवा करते बीत गई कई सदियां।
अमृत सा पावन जल बहता रहता प्रतिपल,
प्यास बुझाकर के मन को कर देता शीतल।
धारा पे नदियों से फैला सौंदर्य हरियाली है,
नदियों के बिना धरती बंजर  बन जानी है।
भाग्यवान है वे मानव जो बसे नदी किनारे,
बीत जाता जीवन सुखमय इन्हीं के सहारे।
फिरसे नदियों की महिमा का गुणगान करे,
वक्त आ गया अब ना इनका अपमान करे।
हम संकल्प लेकर नदियों का उत्थान करें,
प्रदूषण से मुक्त कर खुद पर उपकार करे। #नदियों की महिमा

$ubha$"शुभ"

एक छोटी सी कोशिश की है अपने आवाज में रिकॉर्ड करने की शायद आप सब को पसन्द आये...थैंक यू। Read here👇👇👇👇... तुम कहो तो, गुजरे #लम्हों की कोई #दास्ताँ सुनाऊं। तुम कहो तो , #खामोशी से कोई राग गुनगुनाऊँ। #जी #चंचल #आज़ाद #महसूस #रूह #इश्क़ #नया #तन्हा #सफर #मिलन #रुलाते #बादल #साथ #अल्फ़ाज़ #गीतों #पंछी #जंगल #गगन #मगन #नदियों #झरनों #बुनियाद #कफ़स #भौरा #Uशुभ #डुबाते

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Mohammad Husain Master

मोहब्बतहैक्याचीज।

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मोहब्बत है क्या चीज़  मोहब्बत है क्या चीज़ कभी चख कर तो देख लो,
मिलना मुश्किल है इसके जैसा लुत्फ़ दुनिया में कहीं।

मेने पर्वतो को नदियों से इश्कबाजी करते देखा है,
सुना है किनारो पर भी नदियों ने अपना निशान छोड़ा है ।

रुकता नही आसमाँ भी बादलो से आंखे मिलाने में,
उसी का असर देखो बादल भी बिजली से इशारे देता है ।

कल एक चींटी न जाने दीवारों से क्या बाते कर रही थी,
मोहब्बत के नाम पर कुदरत भी अजीब खेल खेलता है। #मोहब्बतहैक्याचीज।

Prity singh

खूबसूरती वादियों की

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ये हसीं वादियों तेरा ना कोई जवाब है
ना तेरे जैसा कोई हसीं ख्वाब है
ना इन नदियों जैसा किसी में हलचल है
ना चांद जैसी किसी में शीतलता है
ना सूरज जैसा किसी में तपन है
किसी के पास बारिश जैसी ना रूमानी है 
ना बिजली जैसी चपलता है
ना मिट्टी जैसी सोहना सोहना खुशबू है
ना गुलाब की पंखुड़ी जैसी कोमलता है
सच्ची में प्रकृति कोई भी तेरे से खूबसूरत नहीं है
नाही कोई वृक्ष जैसा दानी है
नाही कोई पर्वत जैसा रक्षक
नाही कोई समन्दर जैसा अनंत है
नाही कोई किनारों जैसा धैर्यवान
हर कोई तेरे अदा का कातिल है
ना कोई भी तेरे काबिल है
तूने हमेशा हमें दिया है 
और हमने तुझसे तेरा सबकुछ ले लिया
नदियों से उनकी पवित्रता छीन ली
पर्वतों के टुकड़े कर दिए
समन्दर से उनकी सीमाएं मांग ली
वृक्षों से उनकीउम्र कम कर दी
बारिश के आने की वक़्त को भुला दिया
सूरज को और तपना सीखा दिया
ये हमने क्या कर दिया
तुझसे तेरी खूबसूरती को नीलाम कर दिया
अपने पल भर की लालच के लिए
पर जो भी हो 
ये हसीं वादियों तेरा ना कोई जवाब है......
- प्रीति सिंह खूबसूरती वादियों की

Bambhu Kumar (बम्भू)

"मैं #चमारों की #गली तक ले #चलूँगा आपको" मैं #निमंत्रण दे रहा हूँ- आएँ #मेरे #गाँव में तट पे #नदियों के घनी #अमराइयों की छाँव में गाँव जिसमें आज #पांचाली #उघाड़ी जा रही या #अहिंसा की जहाँ पर #नथ #उतारी जा रही #रोटी #poem #जिस्म #तरसते #मंगल #लंगोटी #बेचती #कृष्ना

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10.


मैं निमंत्रण दे रहा हूँ- आएँ मेरे गाँव में
तट पे नदियों के घनी अमराइयों की छाँव में

गाँव जिसमें आज पांचाली उघाड़ी जा रही
या अहिंसा की जहाँ पर नथ उतारी जा रही

हैं तरसते कितने ही मंगल लंगोटी के लिए
बेचती है जिस्म कितनी कृष्ना रोटी के लिए


                      -अदम गोंडवी "मैं #चमारों की #गली तक ले #चलूँगा आपको"


मैं #निमंत्रण दे रहा हूँ- आएँ #मेरे #गाँव में
तट पे #नदियों के घनी #अमराइयों की छाँव में

गाँव जिसमें आज #पांचाली #उघाड़ी जा रही
या #अहिंसा की जहाँ पर #नथ #उतारी जा रही
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