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Gajaनन्द
मेरे सब्र की इंतेहा देखना हो तो जानेमन जिंदगी के कागज़ी पन्नों को पलटकर देखना तुम ©Gajaनन्द सब्र ए इंतेहा #VAIRAL #सब्र #क्रम #सा #work #कागज ए पन्ना
pinky sharma 369
कर्म मैं रोज अपने घर के बाहर रोटी रखती हुं, गली के कुत्तों के लिए, बाकी इधर उधर घुमते रहते हैं पर दो ज्यादा तर गली में ही रहते हैं घर के पास्, उनमें एक भूरे रंग का है । दूसरा काले रंग का, मेने शुभा को रोटी रखी तो वो भूरे रंग वाले कुत्ते ने तेजी से भाग कर उसे रोटी को लपक लिया। और काले कुत्ते ने कुछ नहीं खाया था। तो मुझे उसपे दया आ गई और मेने इस बार दूसरी रोटी लाके काले कुत्ते की और की उसने कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई उसे खाने में लेकिन जैसे ही उस भूरे रंग वाले कुत्ते ने उस रोटी को देखा वो उसे भी खाने के लिए तरहां तरहां की कोशिश करने लगा। मेरे फटकारने के बाद भी वो अपनी कोशिशे छोड़ नहीं रहा था। लेकिन मेरी कोशिश थी की वो काले कुत्ते को खिला दूं क्यूंकि वो भुखा था। मेने वो रोटी उस काले कुत्ते की और की उसने थोड़ा मुंह खोला और कुछ क़दम आगे बढ़ाये लकीन वो दूसरा कुत्ता फिर से आ गया और अपनी कोशिशे और फुर्ती से करने लगा। और ये देखकर उस काल कुत्ते ने कोई विरोध नही किया ना कोई खाने की कोशिश की उस रोटी को, मेने अपनी तरफ से काफी कोशिश कि उस भूरे रंग के कुत्ते को भगाने की, और वो काला कुत्ता उस रोटी को खा ले ये भी। आखिर में मेने तंग आकर उसके मुंह के आगे ही रख दी रोटी, लेकीन उस दूसरे कुत्ते ने उसे तेजी से उसके मुंह के आगे से ही रोटी को उठा कर लें गया मैं देखती रह गयी ! कि इस काले कुत्ते ने कोशिश क्यों नहीं की खाने कि या उससे छिनने की? फिर उसी समय कुछ विचारों ने मेरे मन को घेरा.. यह काला कुत्ता भी क्या हम इंसानों की तरह सोच रहा था! यह की यह दूसरा वाला कुत्ता इतनी कोशिश कर रहा है, तो यह शायद इसके लिए हो। और अगर मेरी किस्मत में होगी तो मुझे तक खुद ही आ जायगी।| फिर मैंने खुद से कहा। पर सच तो यही है कि यह रोटी इसके लिए ही थी। पर इसने खाने की कोशिश तक नहीं की, और दुसरी तरफ जिसके लिए मैं लेके ही नहीं आई थी। और ना ही उसे देना चाहती थी। लेकिन फिर भी उसने अपने लगातार प्रयास से उसे हासिल कर लिया! उसने वो हासिल कर लिया जो उसकी किस्मत में नहीं था || बात छोटी सी थी पर गहरा संदेश दे गयी। " कर्म करने वालो को वो भी मिल जाता है जो तकदीर में ना हो, और जो कर्म करते ही नहीं तकदीर में लिखा भी दुर हो जाता है उनसे" । शायद कृष्ण ने ईसलीए गिता में र्कम पर इतना जोर दिया। ©pinky sharma 💕 #क्रम #nogotohindi #nogoto_shyari #nogotopoetry #poem #poemkiduniya #Poet #poetryhindipoetry #Hindi #Janamashtmi2020
Anil Siwach
Prateek Mishra
आज भगवती मानव कल्याण संगठन द्वारा एक दिन में जितने साधनात्मक क्रम कराए जाते है उतने क्रम किसी संस्था के द्वारा नही कराए जाते .जिसका एक एक कार्यकर्ता नशे मांस से मुक्त चरित्रवान समाज के निर्माण के लिए संकल्पबद्ध है
akshat tripathi
गिर कर उठना उठकर चलना य़ह क्रम है संसार का , कर्मवीर को फ़र्क़ न पड़ता किसी जीत या हार का..! #गिरकर #उठना #उठकर #चलना #क्रम #संसार #कर्मवीर #जीत #हार
Madanmohan Thakur (मैत्रेय)
PawanDubey_a_writer
भारत यह क्रिकेट मैच हार गया। जी हाँ, आपने कुछ नया नही सुना, प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल भी यही ब्रेकिंग न्यूज़ चला रहे है। . दुःख तो तब हुआ, जब देखा कि एक नामी न्यूज़ चैनल भी "विराट-शर्मा-राहुल" की 1 रन वाले फ़ोटो दिखा कर उन्हें हर का विलेन बता रहे थे। . आलोचक यह क्यों नही देख पा रहे कि आधा मैच हो चुका था, बारिश के कारण आज बाकी मैच शुरू हुआ। Batting Conditions में बदलाव आना स्वभाविक है। गेंदबाजी में पिच की नमी का फायदा मिलना लाज़मी है।
चौधरी अभिषेक यादव
ये जो कुछ भी है भ्रम लगता है, आने जाने का क्रम लगता है। बड़े बड़े तूफानों ने समय को शीष झुकाया है, जो झुके नहीं वे बीत गए हर समय ही ये समझाया है। सावन ने सोचा कब होगा ये नवांकुर मुरझाएंग, पतझड़ को क्या अंदाजा होगा फिर नए पुष्प भी आयेंगे। तारीखों का खेल बड़ा पेचीदा है, समय का आना जाना भी संजीदा है। हो नया जा कुछ इसमें तुम मुझको बतलाओ, जो समझ ना पाता हूं तुम मुझको समझाओ। जब सब कुछ वैसा चलता है, नित भोर हुई नित दिन ढलता है। फिर कैसा हर्ष मनाऊ मै , क्यों मंगल गीत सुनाऊं मैं, जो कुछ भी है सब भ्रम लगता है, आने जाने का क्रम लगता है। #अभिषेक यादव जो कुछ भी है भ्रम लगता है।
Anil Siwach
Abhinav Raj
गीत: हम जो ग़ज़ल गीतों की तरफ आये है ये तुम्हारे ही प्रेम का निर्वाह है तुम्हारी यादो का आरोह,अवरोह क्रम कभी घटता है और कभी बढ़ता भी है फिर किसी रूप में तुम्हारा पुनः आगमन उस घडी ये क्रम फिर सिमटता भी है तुमसे उम्मीद कोई किए ही नही हम कहाँ तुम्हारे हमराह है तुम्हारे होने से पहले किसी के न थे तुम्हारे बाद किसी के न हो पाएंगे हम से कोई वचन अब न मांगे कोई हम कोई भी वचन न निभा पाएंगे मुझमे बहती हुई एक नदी सी हो तुम जिनमे यादो की धरा का प्रवाह है nojoto hindi geet