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Sanjeev0834
हर कदम पर बस उसका चेहरा ही याद आता है। बिन कुछ कहे 'बिन कुछ सुने 'चल दो ना साथ मेरे ©Sanjeev0834 हर #कदम पर बस उसका #चेहरा ही #याद आता है। बिन कुछ कहे 'बिन कुछ #सुने 'चल दो ना #साथ #मेरे #nojohindi #nawab_saab💗🤞 #sanjeev0834 #Love
Surabhi Jha
धड़कनों कि बेचैनी को कौन सुने उसे बस मैं सुनू या मेरा दिल सुने #धड़कन #शोर #सुने #yqdidi #dairy #lovequotes #hindi
zivaa
**"कितनी #मासूम होती है ये #दिल की #धड़कनें.... ***कोई #सुने या #नसुने ये #ख़ामोश नहीं रहती..!! 💕💓 **#हर #धड़कन में #एक**राज़** #होता है 💗❣️..! ©zivaa #teaLovers
Sarika Kumari (YqSana)
चांद बिना आसमान मै वो तारे सुने लगते है आपके नज़रों के बिना यह नजरें सुने लगते है और किस कदर बताऊं की आप कितने खास हो आपके बिना तो हमे बहरे भी सुने लगते है #अधूरा प्यार सारिका कुमारी #सुने लागत है
V.k.Viraz
'मनु' poetry -ek-khayaal
जवाब सुने न जाएंगे कभी सुने ही नही गए, सवाल इतने महत्वपूर्ण हो गए हैं ..!!! 'मनु' सवाल
Mohit k Saini
कोई नही जग में ऐसा जो आकर मेरी मौन सुने मन की पीड़ा मन ही जाने दिल की बातें कौन सुने
WORDS OF VIVEK KUMAR SHUKLA
चल ना..., चल ना चलते हैं, उन दिनों में, वापस चलते हैं, यादों की उन गलियों में। जहां बिन तुझसे लड़े दिन ना गुजरे, जहां बिन तेरी हँसी देखे शाम ना हो, तेरी थाली से एक टुकड़ा लिए बिन खाना ना हो, बिन तुझे कुछ कहे, बिन तुझसे सुने रात ना हो। चल ना..., चल ना चलते हैं, उन दिनों में, वापस चलते हैं, यादों की उन गलियों में। जरा देर से भी घर आऊँ तो, मेरी फ़िकर मे राह देखते रहना, और ऊपर से मम्मी को मेरे पर भड़काना, ग़र कभी गुस्सा हो पहले से मम्मी- पापा तो, पहले ही मुझे बताना और फिर उनसे बचाना। चल ना..., चल ना चलते हैं, उन दिनों में, वापस चलते हैं, यादों की उन गलियों में। जब भी कुछ छुपाऊँ मैं तुझसे तो, मेरी जासूसी करना, और फिर उसपे चिढ़ाना, ग़र पूछूंगा तेरी कोई बात तो ना बताना फिर, खुद ही आकर पता है कहकर सारे राज बताना। चल ना..., चल ना चलते हैं, उन दिनों में, वापस चलते हैं, यादों की उन गलियों में। मैं तुझसे लड़ूँ बेवजह, बेहिसाब और बेवक्त, तूँ भी मुझसे लड़े बेवजह, बेहिसाब और बेवक्त, पर कोई और कुछ भी कहे दोनों मे किसी को, तो एक साथ लड़ पड़े उससे बेहिसाब बेवक्त। चल ना..., चल ना चलते हैं, उन दिनों में, वापस चलते हैं, यादों की उन गलियों में। बहन रहे चाहें कितनी भी दूर हम, इतना तो वादा कर ले आ दोनों, रहें कहीं भी कभी भी एक बार, राखी को बचपन की तरह मनाएंगे, थोड़ा लड़ेंगे, झगड़ेगे पर हर साल मिलेगे। चल ना..., चल ना चलते हैं, उन दिनों में, वापस चलते हैं, यादों की उन गलियों में। चल ना..., चल ना चलते हैं, उन दिनों में, वापस चलते हैं, यादों की उन गलियों में। जहां बिन तुझसे लड़े दिन ना गुजरे, जहां बिन तेरी हँसी देखे शाम ना हो, तेरी थाली से एक टुकड़ा लिए बिन खाना ना हो, बिन तुझे कुछ कहे, बिन तुझसे सुने रात ना हो। चल ना..., चल ना चलते हैं, उन दिनों में, वापस चलते हैं, यादों की उन गलियों में। ✍️विवेक कुमार शुक्ला ✍️
Thakur Vishal
The memories haunts because, दस्तक का एक दस्तूर है, कोई सुने न सुने ये आवाज़ देती ज़रूर है. Thakur Vishal
Roman Jain
मैं तेरी मोहब्बत में, इक सबाल से मैं रोज़ उलझ जाता हूँ. कि जब वो जबाब नहीं,तो क्यो उस तलक जाता हूँ! पता नहीं उसके करीब जा रहा हूँ या दूर मैं. उसकी जानिब दो कदम चलता हूँ और चार लौट जाता हूँ वो सुने या ना सुने ये मर्जी उसकी मैं उसका नाम लेकर सब कहता जाता हूँ! उस तलक