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दूध नाथ वरुण
हम बंदे मजदूर हैं लोगों, हमे मजदूरी में शर्म नही। मजदूरी है काम हमारा, इससे बड़ा कोई कर्म नहीं।। ©दूध नाथ वरुण #मजदूरी
Rajesh vyas kavi
श्रम के पसीने से _ क्या नहीं बनाया मैने। पूछता हूं आप सभी से क्या सही पाया मैने।। कुछ मिला न मिला _ छोड़ा नहीं श्रम कभी_ मैं परिश्रमी परिश्रम ही कमाया मैने।। © Rajesh vyas kavi श्रम दिवस _ #श्रम #परिश्रम #मेहनत #मजदूर #मजदूरी #कर्म
Amit Prem "AkR"
उतना चाहिए मुझको जितना की जरूरी है मोहब्बत का मजदूर हूँ मैं, और मोहब्बत ही मेरी मजदूरी है। ©Amit Prem "AkR" #childlabour #Labourday #मजदूर #मजदूरी #AmitpremAkR #Pcycho_AkR
Mishra Kaushal
बहुत थका-थका सा दिख रहा है...वह ! आज जो बड़ी जल्दी चौक से लौट आया है !! #मजदूर #मजदूरी #misralove #misraword
Raj Shekhar Kumar
उसकी तनख्वाह में आज थोड़ा सा इज़ाफ़ा हुआ कई दिन,रात गवाँ के,उसे बड़ा कम मुनाफ़ा हुआ #yqbaba#yqdidi#majdoor#मजदूरी
शिवानन्द
मजबूरी सियासत की नही...सियासत मजबूरी की है। टूट न जाए विचारो का वर्चस्व....सियासत जमीं के धूरी की है। ~~शिवानन्द #सियासत #मजबूरी #मजदूरी #lockdown #politics #yqbaba #yqdidi #yqquotes
Walden_Raj...
Ankur Singh Advocate
मै एक बालक हूं जनाब तुम क्यों मुझे चालक बनाते हो, खेल कूद की उम्र में तुम क्यों मुझे मजदूर बनाते हो, जिन हाथों में पेंसिल होनी चाहिए तुम क्यों मुझे बर्तन - ईंट पकड़ाते हो, मेरे मोम जैसे दिल को तुम क्यों पत्थर जैसा बनाते हो, मेरे कंधो पर बस्ते की जगह तुम क्यों गेंहू के बोरे उठवाते हो, मेरे जीते जागते ख्वाबों को साहब तुम क्यों मिट्टी में दफनाते हो, मै देश का भविष्य हूं तुम क्यों मुझे भूतकाल बनाते हो, मै एक बालक हूं साहब तुम क्यों मुझे टाइम से पहले बड़ा बनाते हो।। ©अनकहा_एहसास #antichildlabourday #बालक #जुर्म #बाल #मजदूरी #भविष्य #अनकहा #एहसास #सपने
संतोष सिंह
पिता नहीं चाहता बोझ देना.......... मजदूर की मजबूरी है, दो पैसे घर की जरूरी है। पिता नहीं चाहता बोझ देना, इसलिए घर - स्कूल की दूरी है। न कोई दिल की दूरी है, गरीब है, ख्वाहिशें पूरी है। पिता नहीं चाहता बोझ देना, उसकी सफ़र - ए - ज़िन्दगी अधूरी है। जीनत घर में जरूरी है, मानता हूं, तालीम की दूरी है। पिता नहीं चाहता बोझ देना, मजदूरी ही उसके घर धुरी है बेटा, पिता के पायजामा की डोरी है, बेटा, मां के हाथों की चूड़ी है। पिता नहीं चाहता बोझ देना, ये उसके घर की मजबूरी है। बाल मजदूरी भी चोरी है, मगर दुनिया कहां छोड़ी है। पिता नहीं चाहता बोझ देना, सरकार भी इसपर मुंह मोड़ी है। ....... संतोष सिंह #मजदूरी #बाल_मजदूरी