Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best दुष्ट Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best दुष्ट Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about दुष्ट आत्मा अर्थ, दुष्ट भीम, दुष्ट काळाने, दुष्ट बीमा, दुष्ट,

  • 19 Followers
  • 74 Stories
    PopularLatestVideo

Doli Rani

#दुष्ट लोग अगर

read more
mute video

Shruti Rathi

mute video

Shruti Rathi

mute video

Deepa Didi Prajapati

mute video

Balaram RD

न तो हर अमीर आदमी महान होता है और न ही कंजूस।
वैसे ही हर एक गरीब न तो विनम्र होता है और न ही दुष्ट।

©Balaram RD #महान
#कंजूस
#विनम्र
#दुष्ट

वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

अविद्यायामन्तरे वर्तमानाः स्वयं धीराः पण्डितं मन्य७मानाः।
जङ्घन्यमानाः परियन्ति मूढा अन्धेनैव नीयमाना यथान्धाः ॥

'अविद्या' के अन्दर बन्द रहने वाले ये लोग जो स्वयं को विद्वान् मानकर सोचते हैː ''हम भी विद्वान् तथा पण्डित हैं'', वस्तुतः मूढ हैं, तथा वे उसी प्रकार चोटें तथा ठोकरें खाते हुए भटकते हैं जैसे अन्धे के द्वारा ले जाया गया अन्धा।

They who dwell shut within the Ignorance and they hold themselves for learned men thinking “We, even we are the wise and the sages”-fools are they and they wander around beaten and stumbling like blind men led by the blind.

( मुण्डकोपनिषद् १.२.८ ) #मुण्डकोपनिषद् #मूर्ख #पाखंडी #छद्म #पंडित #पंडे #अवैदिक #दुष्ट

Ashok Kumar

#दुर्जनेषु च सर्पेषु वरं सर्पो न दुर्जनः।
                                                                             सर्पो दंशति कालेन दुर्जनस्तु पदे-पदे॥"

दुष्ट और साँप, इन दोनों में साँप अच्छा है, न कि दुष्ट । 
साँप तो एक ही बार डसता है, किन्तु दुष्ट तो पग-पग पर डसता रहता है ।।

PrAtik Kanagi

#story

read more
एखादा दुष्ट मनुष्य शक्तिशाली व 
पौरुषसंपन्न असेल,तर 
त्याच्याविषयीही मला आदर वाटेल.
कारण त्याची शक्ती संपन्ननताच 
त्याला एक दिवस आपली दुष्ट 
वृत्ती सोडायला भाग पाडेल,
एवढेच नव्हे, तर
 स्वार्थाने प्रेरित झालेली सर्व कामेही 
त्याला सोडावयास लावील आणि अश्या प्रकारे ती शक्ती त्याला सत्याप्रतही नेऊन पोहचवील.
                -स्वामी विवेकानंद

Manoj Verma

read more
एक बार एक संत अपने शिष्यों के साथ नदी में स्नान कर रहे थे | तभी एक राहगीर वंहा से गुजरा तो महात्मा को नदी में नहाते देख वो उनसे कुछ पूछने के लिए रुक गया | वो संत से पूछने लगा ” महात्मन एक बात बताईये कि यंहा रहने वाले लोग कैसे है क्योंकि मैं अभी अभी इस जगह पर आया हूँ और नया होने के कारण मुझे इस जगह को कोई विशेष जानकारी नहीं है |”

इस पर महात्मा ने उस व्यक्ति से कहा कि ” भाई में तुम्हारे सवाल का जवाब बाद में दूंगा पहले तुम मुझे ये बताओ कि तुम जिस जगह से आये वो वंहा के लोग कैसे है ?” इस पर उस आदमी ने कहा “उनके बारे में क्या कहूँ महाराज वंहा तो एक से एक कपटी और दुष्ट लोग रहते है इसलिए तो उन्हें छोड़कर यंहा बसेरा करने के लिए आया हूँ |”  महात्मा ने जवाब दिया बंधू ” तुम्हे इस गाँव में भी वेसे ही लोग मिलेंगे कपटी दुष्ट और बुरे |”  वह आदमी आगे बढ़ गया |

थोड़ी देर बाद एक और राहगीर उसी मार्ग से गुजरता है और महात्मा से प्रणाम करने के बाद कहता है ” महात्मा जी मैं इस गाँव में नया हूँ और परदेश से आया हूँ और इस ग्राम में बसने की इच्छा रखता हूँ लेकिन मुझे यंहा की कोई खास जानकारी नहीं है इसलिए आप मुझे बता सकते है ये जगह कैसे है और यंहा रहने वाले लोग कैसे है ?”

महात्मा ने इस पर फिर वही प्रश्न किया और उनसे कहा कि ” मैं तुम्हारे सवाल का जवाब तो दूंगा लेकिन बाद में पहले तुम मुझे ये बताओ कि तुम पीछे से जिस देश से भी आये हो वंहा रहने वाले लोग कैसे है ??”

उस व्यक्ति ने महात्मा से कहा ” गुरूजी जन्हा से मैं आया हूँ वंहा भी सभ्य सुलझे हुए और नेकदिल इन्सान रहते है मेरा वंहा से कंही और जाने का कोई मन नहीं था लेकिन व्यापार के सिलसिले में इस और आया हूँ और यंहा की आबोहवा भी मुझे भा गयी है इसलिए मेने आपसे ये सवाल पूछा था |” इस पर महात्मा ने उसे कहा बंधू ” तुम्हे यंहा भी नेकदिल और भले इन्सान मिलेंगे |”  वह राहगीर भी उन्हें प्रणाम करके आगे बढ़ गया |

शिष्य ये सब देख रहे थे तो उन्होंने ने उस राहगीर के जाते ही पूछा गुरूजी ये क्या अपने दोनों राहगीरों को अलग अलग जवाब दिए हमे कुछ भी समझ नहीं आया | इस पर मुस्कुराकर महात्मा बोले वत्स आमतौर पर हम आपने आस पास की चीजों को जैसे देखते है वैसे वो होती नहीं है इसलिए हम अपने अनुसार अपनी दृष्टि (point of view) से चीजों को देखते है और ठीक उसी तरह जैसे हम है | अगर हम अच्छाई देखना चाहें तो हमे अच्छे लोग मिल जायेंगे और अगर हम बुराई देखना चाहें तो हमे बुरे लोग ही मिलेंगे | सब देखने के नजरिये ( point of view in hindi ) पर निर्भर करता है ।

यही जिन्दगी का सार है |

DASS BITTU KUMAR

"बकरीद मनाना अल्लाह का आदेश नहीं" #stopeatersaresinners जी हां, बकरीद मनाना अल्लाह का आदेश नहीं है। ये वर्तमान के मुल्ला काज़ियों द्वारा अपने जीभ के स्वाद के लिए भोले मुसलमान समाज से किया धोखा है। इसका प्रमाण इस प्रकार है:- हज़रत मुहम्मद जी की जीवनी में प्रमाण है कि उन्होंने तथा उनके एक लाख अस्सी हज़ार सीधे अनुयायियों ने कभी मांस को हाथ तक नहीं लगाया, उन्होंने कभी किसी पशु को हलाल नहीं किया। एक हदीस पुस्तक में हज़रत मुहम्मद जी कहते हैं, #nojotophoto #ਵਿਚਾਰ

read more
 "बकरीद मनाना अल्लाह का आदेश नहीं"
#stopeatersaresinners
जी हां, बकरीद मनाना अल्लाह का आदेश नहीं है। ये वर्तमान के मुल्ला काज़ियों द्वारा अपने जीभ के स्वाद के लिए भोले मुसलमान समाज से किया धोखा है।

इसका प्रमाण इस प्रकार है:-

हज़रत मुहम्मद जी की जीवनी में प्रमाण है कि उन्होंने तथा उनके एक लाख अस्सी हज़ार सीधे अनुयायियों ने कभी मांस को हाथ तक नहीं लगाया, उन्होंने कभी किसी पशु को हलाल नहीं किया। एक हदीस पुस्तक में हज़रत मुहम्मद जी कहते हैं,
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile