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atrisheartfeelings
तो मंजिल से नही भटकोगे... सुप्रभात। कहीं भी रहो मगर अपनी ज़मीन से जुड़ कर रहो। #जड़ #collab #yqdidi #ananttripathi #atrisheartfeelings #love #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
सुप्रभात। कहीं भी रहो मगर अपनी ज़मीन से जुड़ कर रहो। #जड़ #Collab #yqdidi #ananttripathi #atrisheartfeelings love #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read moreDr Jayanti Pandey
शाख से जो टूटोगे तो हवाओं के हवाले होगे, किसी ठौर पहुंचोगे या गर्दिश के निवाले होगे। अपनी बुनियाद को भी शिद्दत से महसूस करो जड़ को पकड़ोगे तभी ऊंचाई के उजाले होंगे। सुप्रभात। कहीं भी रहो मगर अपनी ज़मीन से जुड़ कर रहो। #जड़ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
सुप्रभात। कहीं भी रहो मगर अपनी ज़मीन से जुड़ कर रहो। #जड़ #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read moreRanjit Meena
'Family' in 7 words. पेड़ की जड़े काटने वाला कभी पेड़ का प्यार नही पा सकता। मैं एक पेड़ और मेरे माँ बाप मेरी जड़े है।कोई उन्हें दुख देकर मुझसे प्यार की उम्मीद कैसे कर सकता है! ©R.S. Meena #official #परिवार#प्यार#रिश्ते#पेड़#जड़#परिवार
arrey.oh.chachu
Tumhaari Aukaad Ko Tumhaari Jadh Mat Samajna Koi Tumhaari Aukaad Ya Khudkee Aukaad Dikhaye Toh Ussey Jadh Se Ukaad Fekna #InsaaniyatKeeJadh सुप्रभात। कहीं भी रहो मगर अपनी ज़मीन से जुड़ कर रहो। #जड़ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
सुप्रभात। कहीं भी रहो मगर अपनी ज़मीन से जुड़ कर रहो। #जड़ #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read moreAamir Qais AnZar
ये वक़्त ही तो है, फिर बदल जाएगा। आज बिखरा तो कल संभल जाएगा। ये न तो ठहरा; न रहा तेरा, न रहा मेरा। पल-दो-पल में ये खुद निकल जाएगा। #कोईआतानहीं #InspireWriters #time #iStillHaveTime #वक़्तहीवक़्त #अच्छेनएकाम #जड़ #सहीग़लत
Prashant Gupta
Jarurat nhi tumko hissa, bheed ka banane ki . Dikhawe ki duniya me , dikhawe k liye badalane ki. Sun to jara Tere dil me uthe ,khayal sare achche h . Jad pakad k raho Maa baap k diye , sanskar sare sachche h🍁 सुप्रभात। कहीं भी रहो मगर अपनी ज़मीन से जुड़ कर रहो। #जड़ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
सुप्रभात। कहीं भी रहो मगर अपनी ज़मीन से जुड़ कर रहो। #जड़ #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read moreनिर्भय चौहान
आज फिर वृक्ष की शाखों ने, सभा रखी थी | जमा हुई सारी ही फूल पत्ती थी | सब परेशान हैं, जड़ के मोटापे से | सबने मिलके निकला है, निष्कर्ष | अपने दुबले पतले होने का | के खा जाती है सारा लवण, पी जाती है सारा पोषण , नीचे बैठे बैठे | उम्र हो गई पर, मुई जड़ मरती भी नही | और सब चुपचाप सुनती रही, अपने वृद्ध कांधो पर सबका बोझ लिए | उसे मालूम था उसका क्रोध, सुखा देगी उसकी ही ममता को | और फिर चलता रहा ये सिलसिला , अनवरत| अंनंत काल तक | दोषी ठहरा दिया जड़ को, उसकी शाखाओ ने | और फिर झूमने लगे सब, मस्त हवा के संग | किसी को क्या , जड़ के दिल पे क्या बीती || निर्भय कुमार सिंह #AAWAAZ #कविता #विचार #जड़
कान्हा रे..
लगाने से पहले सोचना था... नीचे पढे.👇👇👇👇 लगाने से पहले सोचना था, की लगाया ही क्यों था.. जब वो पौधा था तो, पेड़ बताया ही क्यों था.. लगाकर उसे ज़मीं में, पानी पिलाया ही क्यों था.. जब काटना ही था उसे, तो बढ़ाया ही क्यों था.. धीरे धीरे जब पौधा, पौधा से पेड़ होने लगा.. तेरा उसकी ठंडी छांव में, बसेरा होने लगा..
लगाने से पहले सोचना था, की लगाया ही क्यों था.. जब वो पौधा था तो, पेड़ बताया ही क्यों था.. लगाकर उसे ज़मीं में, पानी पिलाया ही क्यों था.. जब काटना ही था उसे, तो बढ़ाया ही क्यों था.. धीरे धीरे जब पौधा, पौधा से पेड़ होने लगा.. तेरा उसकी ठंडी छांव में, बसेरा होने लगा..
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