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Best Mridula Shayari, Status, Quotes, Stories

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Divyanshu Pathak

:💕🐒 सत्संग का श्रेष्ठ स्थान परिवार ही होता है। बाहर जाकर किया सत्संग आज तो धन आधारित भी हो गया और शास्त्र आधारित भी रह गया। हम रामायण, महाभारत जैसी कथाएं सुनकर कुछ देर के लिए त्रेता और द्वापर युग में चले जाते हैं। वर्तमान से भटक जाते हैं। घर लौटकर पुन: कलियुग में व्यस्त हो जाते हैं। त्रेता और द्वापर में तो जी नहीं सकते। दर्द निवारक गोली की तरह कुछ देर मुक्ति का एहसास सत्संग नहीं कहला सकता। यह गोली कितनी महंगी होती है, इसको संतों की सम्पत्ति देखकर समझ सकते हैं। हर व्यक्ति अलग स्वभाव का होता है। :

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सुनो....💕🐒
मैं तो बाबरा हूँ जिधर भगा दो 
उधर ही चल निकला हूँ !
कभी प्रकृति ने दौड़ाया
तो कभी जरूरतों ने
भावों में ही बह निकला 
कभी जज्बातों में पिघला हूँ !
व्यवहार में दिखती होगी झलक
तुम्हें कभी सत रज तम की
अच्छा हूँ बहुत अच्छा भी और 
बिल्कुल अच्छा भी नहीं 💕👨
मैं उलझा हुआ झमेला हूँ !
😊💕🐒
 :💕🐒
सत्संग का श्रेष्ठ स्थान परिवार ही होता है। बाहर जाकर किया सत्संग आज तो धन आधारित भी हो गया और शास्त्र आधारित भी रह गया। हम रामायण, महाभारत जैसी कथाएं सुनकर कुछ देर के लिए त्रेता और द्वापर युग में चले जाते हैं। वर्तमान से भटक जाते हैं। घर लौटकर पुन: कलियुग में व्यस्त हो जाते हैं। त्रेता और द्वापर में तो जी नहीं सकते। दर्द निवारक गोली की तरह कुछ देर मुक्ति का एहसास सत्संग नहीं कहला सकता। यह गोली कितनी महंगी होती है, इसको संतों की सम्पत्ति देखकर समझ सकते हैं। हर व्यक्ति अलग स्वभाव का होता है।
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Divyanshu Pathak

:💕🙅 हमारी गिनती औरतों में करें..... देह का व्यापार हो गलियों की मद्धिम बत्ती में हो रही हो खरीद फरोख्त घर का बिस्तर हो रसोई के धुवें में जलाई जा रही हो देह जात और धर्म की बात न करें

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स्त्री की पीड़ा...........
:
#शैलजा पाठक
आपको जब भी पढ़ता हूँ !
स्तब्ध रह जाता हूँ !
संघर्ष कर रही मेरी मातृ शक्ति को प्रणाम !
:
यह पोस्ट डालने का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि ये भी एक चिंतनीय विषय है ।
 :💕🙅
हमारी गिनती औरतों में करें.....

देह का व्यापार हो
गलियों की मद्धिम बत्ती में हो रही हो खरीद फरोख्त
घर का बिस्तर हो 
रसोई के धुवें में जलाई जा रही हो देह 
जात और धर्म की बात न करें

Divyanshu Pathak

Good morning ji 💕👨☕☕☕☕🍨🍨☕☕🍵🍵🍵🍵😊💕💕☕🍫🍫🍸🍹🍹🍓🍓 : मां भी उसी को प्रताडित करती है। बेटा तो मानो विशिष्ट सुविधा प्राप्त जीव होता है। बेटी को दूसरे घर जाकर रहना है। पूरी तरह प्रशिक्षित करके भेजना चाहिए। वरना, उसकी सास पूरी उम्र लड़की की मां को ही कोसती रहती है। नया घर बेटी के लिए नरक बन जाता है। बेटे को तो साथ ही रहना है। : देख लेंगे। हां, कन्या पूजन से लेकर कन्यादान तक की यात्रा शक्ति के विकास की यात्रा कही जा सकती है। स्नेह, ममता, वात्सल्य, धैर्य, सहनशीलता, सेवा आदि गुणों से लेकर मंत्र, अनुष्ठान, पूजा

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अकेले पुरूष के जीवन में
किसी प्रकार की
सांसारिक गतिविघि नहीं होती।
अकेली कन्या की जीवन शैली
कार्यकलापों, परंपराओं, व्रत-तप
अर्चन से लेकर मां का गृहकार्यो में सहयोग
छोटे भाई-बहनों की देखभाल
आदि कार्यो से भरी रहती है। Good morning ji
💕👨☕☕☕☕🍨🍨☕☕🍵🍵🍵🍵😊💕💕☕🍫🍫🍸🍹🍹🍓🍓
:
मां भी उसी को प्रताडित करती है। बेटा तो मानो विशिष्ट सुविधा प्राप्त जीव होता है। बेटी को दूसरे घर जाकर रहना है। पूरी तरह प्रशिक्षित करके भेजना चाहिए। वरना, उसकी सास पूरी उम्र लड़की की मां को ही कोसती रहती है। नया घर बेटी के लिए नरक बन जाता है। बेटे को तो साथ ही रहना है।
:
देख लेंगे। हां, कन्या पूजन से लेकर कन्यादान तक की यात्रा शक्ति के विकास की यात्रा कही जा सकती है। स्नेह, ममता, वात्सल्य, धैर्य, सहनशीलता, सेवा आदि गुणों से लेकर मंत्र, अनुष्ठान, पूजा

Divyanshu Pathak

: तुमको पाकर आज हमको ऐसी ये दुनियां लगी जैसे इसमें हम से पहले जिंदगी कोई न थी ! : आरजू है हो कभी ये प्यार की खुशियां न कम ! मैं रहूँ तूम रहो दूसरा कोई न हो ! : तुमसे अच्छा कोई कुदरत का नज़ारा अब नहीं

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सुनो....💕👨
तेरी सांसो पे मेरा हक आख़री दम तक रहे
तू किसी भी और का है ये न कोई कह सके !
😋
 :
तुमको पाकर आज हमको ऐसी ये दुनियां लगी
जैसे इसमें हम से पहले जिंदगी कोई न थी !
:
आरजू है हो कभी ये प्यार की खुशियां  न कम !
मैं रहूँ तूम रहो दूसरा कोई न हो !
:
तुमसे अच्छा कोई कुदरत का नज़ारा अब नहीं

Divyanshu Pathak

Good evening💕👨 🍨🍧🍫🍉🍉☕☕☕☕☕ : आज की शाम उन तमाम आशिकों के नाम जो अक़्सर गाते है..... हम वफ़ा करके भी तन्हा रह गए ! ख़्वाब जो देखे थे सब वो ढह गए ! वो जालिम सिर्फ़ इंडेने की गैस निकली हम सिलेण्डर से बिचारे रह गए ! अब भला मक्ख़न कहाँ से दें तुम्हें

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तुम शब्द बन कर मुझमें आये दिल में मौन बन कर धर गए !
उमड़ते घुमड़ते ज़ज़्बात तुमने प्यार से समेंटे और तन्हा कर गए !
मैं तो मुख़ातिब हूँ फ़ितरते इश्क़ से दर्द भी मेरे दामन में खुशी भर गए !
हश्र तो उन हबीबों का पूछिए "पाठक" जिनके ख़्वावो को हुश्नेजन झूठा कर गए !
 Good evening💕👨 🍨🍧🍫🍉🍉☕☕☕☕☕
:
आज की शाम उन तमाम आशिकों के नाम जो अक़्सर गाते है.....
हम वफ़ा करके भी तन्हा रह गए !
ख़्वाब जो देखे थे सब वो ढह गए !
वो जालिम सिर्फ़ इंडेने की गैस निकली 
हम सिलेण्डर से बिचारे रह गए !
अब भला मक्ख़न कहाँ से दें तुम्हें

Divyanshu Pathak

Good evning ji 💕🍧🍦🍨☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕💕💕👨 आओ आपको अपनी दादी जी से मिलवाऊं थोडा कड़क मिज़ाज है और हाँ पैर नही छुए तो आप असभ्य और जंगली है उनके लिए ! सावधान युहीं पैरों में भी मत पड़ जाना पहले गेट से बाहर हमारे हैंडपंप पे हाथ मुह पैर ठीक से धो कर आओ तब अंदर घुसो उसके बाद घर में पहुंचते ही सीधे गैलरी में मत घुस जाना ! वहां देवदूत बैठा मिलेगा हाथ मे पानी का लोटा लिए और आपको वह दूर ही रुकने को कहेगा पानी के छींटे दिए जाएंगे अब तुम हो घर में घुसने लायक । 😂😂😂😂 तब तो बड़ा गुस्सा आता था पर आज तरस गए इसके लिए !😢😢😢

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जैसौ ही रंग कसूंम की चादर
वैसौ ही रंग पराई त्रिया कौ !
हाल ही हसि बोल उठे
हालई करदे तू मैं तड़ाकौ !
धोबी की नाद कौ का है भरोसो
जामें मैल कटे सब ही कपड़ा कौ !
और ओस ते प्यास बुझै नहीं "पाठक"
नीर भलो अपने ही घड़ा कौ ! Good evning ji 💕🍧🍦🍨☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕💕💕👨
आओ आपको अपनी दादी जी से मिलवाऊं थोडा कड़क मिज़ाज है और हाँ पैर नही छुए तो आप असभ्य और जंगली है उनके लिए ! सावधान युहीं पैरों में भी मत पड़ जाना पहले गेट से बाहर हमारे हैंडपंप पे हाथ मुह पैर ठीक से धो कर आओ तब अंदर घुसो उसके बाद घर में पहुंचते ही सीधे गैलरी में मत घुस जाना !
वहां देवदूत बैठा मिलेगा हाथ मे पानी का लोटा लिए और आपको वह दूर ही रुकने को कहेगा पानी के छींटे दिए जाएंगे अब तुम हो घर में घुसने लायक ।
😂😂😂😂
तब तो बड़ा गुस्सा आता था पर आज तरस गए इसके लिए !😢😢😢

Divyanshu Pathak

मेरी चमेली....💕👨 : दिल में तेरी याद है मेरे होठों पे फ़रियाद है मुझे थोड़ा थोड़ा याद है :💕👧 हम इक दूजे के होंगे ये कब मेरे सजन होगा ? :💕👨 हम सौ वार मिले बिछडे अबकी वार मिलन होगा

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भूली बिसरी यादों से एक तस्वीर बनाई बनाई है
गुजरा हुआ जमाना है लम्बी बड़ी जुदाई है ! मेरी चमेली....💕👨
:
दिल में तेरी याद है मेरे होठों पे फ़रियाद है
मुझे थोड़ा थोड़ा याद है
:💕👧
हम इक दूजे के होंगे ये कब मेरे सजन होगा ?
:💕👨
हम सौ वार मिले बिछडे अबकी वार मिलन होगा

Divyanshu Pathak

सुनो...💕👨 दिल के गलियारे में जब तक तेरी आहट नहीं आती सच कहता हूं मुझे बिल्कुल भी राहत नहीं आती ! : जब तुम मेरी आँखों से ओझल रहती हो तब तक मुझे नींद नहीं आती देख कर तुझको सुकून आता है मेरे रोम रोम में फुलवारी सी खिल जाती !

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तू बंजारिन सी ! जब भी मुझसे दूर जाती है
मेरे सुरमई से शब्दों को साथ ले जाती है ! सुनो...💕👨
दिल के गलियारे में जब तक तेरी आहट नहीं आती 
सच कहता हूं मुझे बिल्कुल भी राहत नहीं आती !
:
जब तुम मेरी आँखों से ओझल रहती हो 
तब तक मुझे नींद नहीं आती
देख कर तुझको सुकून आता है
मेरे रोम रोम में फुलवारी सी खिल जाती !

Divyanshu Pathak

कुछ कुछ बातें दिल को बहुत भाती है !आओ कॉलेब्रेशन कर उन्हें साझा कर संडे सुबह रंगोली सजाते है ! #komal sharma #shweta mishra #deepali suyal #Mridula arc #priyanka saraswat :

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आपके शब्दों का माधुर्य ही
हृदय सौंदर्य को दर्शाता है ! कुछ कुछ बातें दिल को बहुत भाती है !आओ कॉलेब्रेशन कर उन्हें साझा कर संडे सुबह रंगोली सजाते है !
#komal sharma
#shweta mishra
#deepali suyal
#mridula arc
#priyanka saraswat
:

Divyanshu Pathak

: आधुनिकता के इस जंगल में बचाना चाहता हूँ संस्कारों की किताब ताकि बनी रहे नैतिकता जैसे रखता है बचाकर मनीषी अपने मन में ! : बचाकर रखना चाहता हूँ मैं अपनी बिखरती विरासतें धुंधलाते लोक गीत उगाना चाहता हूँ उम्मीदों के फूल रिश्तों की बंजर जमीन पे! : सुनो....💕👴

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सुनो....💕👴
:
बचाकर रखना चाहता हूँ मैं
तुम्हें उनकी गिद्ध नजरों से
जो ताड़ ते है भूंखे भेड़िये से
जैसे बचाकर रखता है पिता 
दुनियादारी से अपनी संतान को
:
बचाकर रखना चाहता हूँ मैं
तुम्हारा प्रेम तुम्हारा स्नेह
अपनापन उन वहसी चाहतों से
जैसे बचा कर रखती है माँ
बुरे वक्त से अपने बच्चों को !
:सुनो...💕👴 :
आधुनिकता के इस जंगल में बचाना चाहता हूँ संस्कारों की किताब ताकि बनी रहे नैतिकता जैसे रखता है बचाकर मनीषी अपने मन में !
:
बचाकर रखना चाहता हूँ मैं
अपनी बिखरती विरासतें धुंधलाते लोक गीत 
उगाना चाहता हूँ उम्मीदों के फूल
रिश्तों की बंजर जमीन पे!
: सुनो....💕👴
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