Find the Best बूढ़ा Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about
Deepak "New Fly of Life"
बूढ़े ही सिखाते हैं हौंसला ए जीना जिंदगी को!! जब हो जाए गुमसुम सी जिंदगी और छा रहा हो हताशा का अंधेरा तब आता है बुजुर्ग ए तजुर्बा ही काम जिंदगी को!! ©Deepak Bisht #बूढ़ा ए सबक़
#बूढ़ा ए सबक़
read moreRavinder Sharma
वो कश्ती और मैं किनारा बन जाता हूँ वो तिनका और मैं डूबते का सहारा बन जाता हूँ उम्र का पड़ाव है आखिर एक पल में अपना और दूसरे पल आवारा बन जाता हूँ वो मेरी लाठी मैं उसका सहारा बन जाता हूँ बूढा हो गया हूँ शायद दो कदम अकेले चलकर बेसहारा बन जाता हूँ वो श्मशान की राख और मैं आसमान का सितारा बन जाता हूँ ।।।। ©Ravinder Sharma #उम्र #बूढ़ा #लाठी #कश्ती #किनारा #सितारा #Vision
नितिन कुमार 'हरित'
वो बूढ़ा पीपल.. वो बड़ा हरा भरा था, जब जवान था। मुझे देखता, तो खिलखिला देता, अपने हरे हरे पत्तों को हिला हिला कर दिन भर इशारे करता। पर अब, वो बूढ़ा हो गया, और उसके अपने ही पत्ते भी उसे छोड़कर चले गए हैं। मैं उसे देखता तो हूँ, पर वो कोई इशारा नही करता। बस लाचार खड़ा रहता है।। वो बूढ़ा पीपल.... मुझे आभास कराता है, मेरे कल की... जब मैं भी बूढ़ा हो जाऊंगा, पड़ा रहूँगा....लाचार सा...बूढ़े पीपल की तरह।। ©Nitin Kr Harit वो बूढ़ा पीपल #Nkharit #Nojoto #NojotoHindi #life #quotes #Poetry #thoughts
Abhishek Rajhans
तारीख बदलती रही दिन बीतते रहे और बीत रहा था ये सूरज और चाँद भी पता ही नहीं चला कभी ये वक़्त कैसे बीत रहा कमजोर होते कंधे और कमजोर होती नजर बूढ़ा बना रही मुझे और बढ़ा रही थी ज़िन्दगी की मुश्किलें. ये वक्त जो बेहिसाब बिताया मैंने अपनो के साथ ये मुझे मेरे अपनो से मेरे हिस्से का वक़्त क्यों नहीं मांगता जो मैंने लुटा दिया था उन पर उनकी जरूरतों के लिए जिनकी नन्ही उँगलियाँ पकड कर स्कूल तक छोड़ा मैंने आज वे क्यों मेरा हाथ थाम कर सड़क भी पार नहीं करवाना चाहते. ये वक़्त उन्हें सबक नहीं सीखा सकता जो ज़िन्दगी का सबक भूल गए जो मुझ बूढ़े से उसकी लाठी छीन गए जो मेरी आँखों के तारे थे वो क्यों मेरी आँखों की रौशनी छीन गए क्या उन्हें पाल कर गुनाह किया था मैंने क्या वो ये गुनाह नहीं करेंगे ये वक़्त उन्हें भी सबक सीखाएगा ये वक़्त उन्हें भी बूढ़ा बनाएगा--अभिषेक राजहंस शीर्षक-ये वक़्त सबक सीखाएगा तारीख बदलती रही दिन बीतते रहे और बीत रहा था ये सूरज और चाँद भी पता ही नहीं चला कभी ये वक़्त कैसे बीत रहा कमजोर होते कंधे
शीर्षक-ये वक़्त सबक सीखाएगा तारीख बदलती रही दिन बीतते रहे और बीत रहा था ये सूरज और चाँद भी पता ही नहीं चला कभी ये वक़्त कैसे बीत रहा कमजोर होते कंधे
read more
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited