Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best दंगा Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best दंगा Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutसांप्रदायिक दंगा क्या है, दंगा meaning in english, नरेंद्र मोदी और गुजरात दंगा, दंगा इन हिंदी, दंगा समानार्थी शब्द मराठी,

  • 36 Followers
  • 106 Stories

अदनासा-

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳 https://www.instagram.com/reel/DDTdz1jy1Hh/?igsh=MWdjZmpkdWRkc2Jidw== #हिंदी #राजनीति #जनता #कर्फ़्यू #संप्रदायिक #दंगा #अस्थिरता #Instagram #Facebook #अदनासा Extraterrestrial life वीडियो डाउनलोड

read more

अदनासा-

अदनासा-

चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏🇮🇳🇮🇳 https://www.abplive.com/web-stories/when-gujarat-riots-happen-gk-2453632 #हिंदी #दंगे #दंगा #मज़हब #धर्म #लोकतंत्र #जनता #Instagram #Facebook #अदनासा

read more

Tarun Vij भारतीय

जल गया शहर सारा बस इसी ऐतबार मे, 
पहले सफे पर आएगी खबर अखबार में।  #caa #riots #दंगा #nrc #caaprotests #fools #religiousintolerance #religiousmorons

Nilam Agarwalla

#दंगा

read more
मजहबी उन्माद लोगों पर चढ़ रहा था।
दंगों की आग में शहर जल रहा था।
हिन्दू मुस्लिम को, मुस्लिम हिंदू को
हर शख्स एक दूजे को कोस रहा था।।

©Nilam Agarwalla #दंगा

Pooja Udeshi

Abundance

read more

सुधा भारद्वाज"निराकृति"

Anand Kumar Ashodhiya

दँगा - भाग 2

अमन-चैन लौट आया, लौट आई और एक जाँच
निश्चिन्त हुआ हर एक, साँच को है अब क्या आँच
पूरसूकून मैं भी लौटा अपने शहर बिलकुल अज़नबी की तरह
माकूल नज़र से तौला हर किसी को सच्चे मज़हबी की तरह

रिक्शा वाले से किराया तय ठहराने को ज्यूं ही आगे बढ़ा
देखता हूँ की वो मेरी ही तरफ़ आ रहा है चढ़ा
मैं घबराया, रिक्शा वाला मुस्कराया, हाथ सलाम में उठाये हुए
मैं तो और भी ठिठक गया अपनी पोटली बगल में दबाये हुए
मेरी आँखों में झांकते अजनबीपन ने रिक्शा चालक की मुस्कान छीन ली
तब जाकर मेरे शक्की मन ने चैन की साँस ली
रास्ते भर मैं उचक उचक कर कूचे गली मोहल्लों के निशान तलाशता रहा
रस्ते में ड्यूटी पर तैनात पुलिसियों से रिक्शा चालक की निशानदेही करवाता रहा
मुकाम आने तक अपने मन को खुद ही ढ़ाणढ़स बँधाता रहा
रियर व्यू मिरर में रिक्शा वाले से खुद ही नज़रें चुराता रहा
ना जाने क्यों मुझे रिक्शे वाले की नीयत पर शक हो रहा था
मुझे देख कर उसकी आँखों में जो उभरी थी चमक, उस पर तो और भी शक हो रहा था
या खुदा, हे भगवन किसी तरह नैय्या पार लगादे
इस काल समान रिक्शा चालाक से निज़ात दिलादे
कि तभी रिक्शा रुकी, मैं सहमा सहमा काँप गया
रिक्शा चालक शायद मेरे मन का डर भांप गया
वह बोला भाई साहब आपने मुझे पहचाना नहीं?
भूल गए? मैं रहमत हूँ, क्या अब भी मुझे जाना नहीं
मैं खिसियानी हँसी हँस कर रह गया
फिर से ज़माने की रौ में बह गया

अब मैं फिर से शेर की तरह दनदनाता फिरता हूँ
दँगा तूफ़ान की क्या मजाल किसी से नहीं डरता हूँ
क्या करूँ इन्सान हूँ, अत: फिर से किसी बलवे की बाट जोह रहा हूँ
अपना तमाम सामान बाँधे, सिरहाने रखकर सो रहा हूँ
रचयिता : आनन्द कवि आनन्द कॉपीराइ

©Anand Kumar Ashodhiya #दंगाभाग2 #दंगा #हिन्दीकविता 

#MereKhayaal

Rummaب نedil

बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था 

हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा

©Ruman Bedil رومان بیدل ☑ #देश #Politics #leader #दंगा  #शौक_बहराइच 

#BengalBurning
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile