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Sudheesh Shukla

#Office me

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Rabindra Kumar Ram

" आज फिर से तेरी याद आ रही हैं , क्या लिखूं कि दिल कुछ सम्भल सा जाये , तेरे ख्याल मजबूर कर रहे हैं , ऐसे में तुझे कुछ ज्यादा याद‌ करु , कुछ और थोड़ी भूल जाऊ . " --- रबिन्द्र राम

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" आज फिर से तेरी याद आ रही हैं ,
क्या लिखूं कि दिल कुछ सम्भल सा जाये ,
तेरे ख्याल मजबूर कर रहे हैं ,
ऐसे में तुझे कुछ ज्यादा याद‌ करु ,
कुछ और थोड़ी भूल जाऊ . " 

                    --- रबिन्द्र राम " आज फिर से तेरी याद आ रही हैं ,
क्या लिखूं कि दिल कुछ सम्भल सा जाये ,
तेरे ख्याल मजबूर कर रहे हैं ,
ऐसे में तुझे कुछ ज्यादा याद‌ करु ,
कुछ और थोड़ी भूल जाऊ . " 

                    --- रबिन्द्र राम

Rabindra Kumar Ram

" दे मेरे आवारगी को कोई आवाज , मैं कहीं ठहर के सम्भल जाना चाहता हूं , हसरतें कुछ काफिर से हो चले हैं ऐसे में , कहीं तु मिल की मेरा हाथ थाम लिया कर ." --- रबिन्द्र राम #आवारगी #आवाज #ठहर #सम्भल

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" दे मेरे आवारगी को कोई आवाज ,
मैं कहीं ठहर के सम्भल जाना चाहता हूं ,
हसरतें कुछ काफिर से हो चले हैं ऐसे में ,
कहीं तु मिल की मेरा हाथ थाम लिया कर ."

                               --- रबिन्द्र राम " दे मेरे आवारगी को कोई आवाज ,
मैं कहीं ठहर के सम्भल जाना चाहता हूं ,
हसरतें कुछ काफिर से हो चले हैं ऐसे में ,
कहीं तु मिल की मेरा हाथ थाम लिया कर ."

                               --- रबिन्द्र राम 

#आवारगी #आवाज #ठहर #सम्भल

Rabindra Kumar Ram

" लिखता हूं तुझे शामों शहर क्या अंदाज़ लेकर फिर रहे हैं , कुरवत हो की कही तु दिखे मैं बहकते हुए सम्भल जाऊ . " --- रबिन्द्र राम #लिखता #शामों #शहर #अंदाज़ #कुरवत #बहकते #सम्भल

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" लिखता हूं तुझे शामों शहर क्या अंदाज़ लेकर फिर रहे हैं , 
कुरवत हो की कही तु दिखे मैं बहकते हुए सम्भल जाऊ . "

                                                --- रबिन्द्र राम " लिखता हूं तुझे शामों शहर क्या अंदाज़ लेकर फिर रहे हैं , 
कुरवत हो की कही तु दिखे मैं बहकते हुए सम्भल जाऊ . "

                                                --- रबिन्द्र राम

#लिखता #शामों #शहर #अंदाज़
#कुरवत #बहकते  #सम्भल

Rabindra Kumar Ram

" दे मेरे आवारगी को कोई अल्फ़ाज़ , मै जो बहका सा हु कुछ यू सम्भल जाऊ. " --- रबिन्द्र राम #आवारगी #अल्फ़ाज़ #बहका #सम्भल

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" दे मेरे आवारगी को कोई अल्फ़ाज़ ,
मै जो बहका सा हु कुछ यू सम्भल जाऊ. "

                                 --- रबिन्द्र राम  " दे मेरे आवारगी को कोई अल्फ़ाज़ ,
मै जो बहका सा हु कुछ यू सम्भल जाऊ. "

                                 --- रबिन्द्र राम 

 #आवारगी  #अल्फ़ाज़ #बहका #सम्भल

Rabindra Kumar Ram

" एक एहसास सा बिखर जाना चाहता हूं , तुझे देख यु सम्भल जाना चाहता हूं , ये नज़र अंदाज़ ठहरा कि तेरी आंखें , मुझे किस अंज़ाम देखना पसंद करे . " ‌ ‌--- रबिन्द्र राम #एहसास #सम्भल #नज़र #अंदाज़ #ठहरा #तेरीआंखे #अंज़ाम #पसंद

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" एक एहसास सा बिखर जाना चाहता हूं ,
तुझे देख यु सम्भल जाना चाहता हूं ,
ये नज़र अंदाज़ ठहरा कि तेरी आंखें ,
मुझे किस अंज़ाम में देखना पसंद करे . "

                              ‌ ‌--- रबिन्द्र राम

 " एक एहसास सा बिखर जाना चाहता हूं ,
तुझे देख यु सम्भल जाना चाहता हूं ,
ये नज़र अंदाज़ ठहरा कि तेरी आंखें ,
मुझे किस अंज़ाम देखना पसंद करे . "

                              ‌ ‌--- रबिन्द्र राम

 #एहसास #सम्भल #नज़र #अंदाज़ #ठहरा #तेरीआंखे #अंज़ाम #पसंद

Rabindra Kumar Ram

" क्या सोच के दिल बहलाने निकले थे ,
बिना कुछ सोचे इश्क से मुहब्बत कर बैठे ,
मैं तो आवारगी के राहों में बिगरा सा ,
साथ में हाथ कैसे थामा जो मैं सम्भल गया ." 

                                  --- रबिन्द्र राम  #इश्क #मुहब्बत #आवारगी #राहों #बिगरा
#साथ #थामा #सम्भल

Rabindra Kumar Ram

" दे मेरे आवारगी को कोई अल्फ़ाज़ , मै जो बहका सा हु कुछ यू सम्भल जाऊ. " --- रबिन्द्र राम #आवारगी #अल्फ़ाज़ #बहका #सम्भल

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" दे मेरे आवारगी को कोई अल्फ़ाज़ ,
मै जो बहका सा हु कुछ यू सम्भल जाऊ. "

                                 --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " दे मेरे आवारगी को कोई अल्फ़ाज़ ,
मै जो बहका सा हु कुछ यू सम्भल जाऊ. "

                                 --- रबिन्द्र राम 

#आवारगी #अल्फ़ाज़ #बहका #सम्भल

Saurav Das

ज़रूरी है  आपनो से ज़रा सा खुद को अलग लाओ

कुछ दिनों के लिए आप बदल जाओ!

कहीं ये महामारी आपको अपने चपेट में न ले ले 

अभी भी वक्त है ज़रा सँभल जाओ!!

©Saurav Das #ज़रा 
#सम्भल 
#जाओ 
#PoetInYou

Death_Lover

वो हर बार गिर कर सम्भल जाता है,
वो चलता है थोड़ी-सी राह और फिर,
"हिमांश" वो किरदारों में पिघल जाता है॥

वो हर बार गिर कर सम्भल जाता है... #सम्भल
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