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Hum
सोचा भी न था खुद को ऐसे बर्बाद करेंगे, किसी के इश्क़ में खुद तौले जाएंगे, अब तो बस खुद को बुलंद करने की तैयारी, मुबारक हो उनको उनकी होशियारी।।। #धिक्कार
Prince singh Rajawat
अरे सुनो ना #ठकुराइन.... तुम तो चली गई ,,,एकबार भी मुड के नहीं देखा .....,,,लेकिन तुमने जो सिखाया उसके लिए बहुत बहुत #धन्यवाद,,,,,तुम्हारी दी हुई सीख को मै जीवन भर अपने #सीने से लगा के रखूंगा..... #ठकुराइन प्रेम में #धोखा खाए हुए लड़के कभी किसी पर भी #भरोसा नहीं कर पाते,,, क्योंकि उन्होंने खुद को ही खुद से अलग होते देखा है,,,,मै आज भी हंस रहा हूं,,बोल रहा हूं,,जी रहा हूं....लेकिन तुम मुझे छोड़ के भी छोड़ नहीं पाई हो ,,मैंने अपने अकेलेपन के #आसुओं को अपनी शर्ट की बांह में पोछ के दिन गुजार लिए और #तकिए पर नमकीन आसुओं के दाग आज भी नहीं मिटे......तुम्हारे माथे पर लगा हुआ #सिंदूर और तुम्हारे हाथो की खनकती हुई #चूड़ियां मुझे कहीं ना कहीं रोज #धिक्कार के कहती हैं,,,,,देख तू जिंदा है फिर भी #सिंदूर किसी और के नाम का लगाती है वो ,,,,क्या सच में जिंदा है तू ???? देख ना #ठकुराइन तूने कत्ल कर दिया मेरी मोहब्बत का ,,,किसी को कोई फर्क नहीं पड़ा ....कोई नहीं जानता मेरे तेरे बीच हसी #मजाक में ही सही ,,क्या क्या #वादे हुए थे....मैंने तो नहीं कहा था तुम मुझे #सपने दिखाओ....तुमने ही तो 18की उम्र में #शादी की बात रखी थी,,,,देख ना तू झूठी भी निकली 22 में ही निकल गई ..... दाद देनी होगी तेरे बहाने को अरे सुनाने को कई #कहानियां हैं मेरे पास ,,पर क्या ??? किसको सुना के हंसी का पात्र बनू मै अब लोग मुझसे #इश्क का इजहार तक करते हैं तो हाथ जोड के माफी मांग लेता हूं,,,,क्योंकि सारा इश्क तो तुम पर ही #फना कर चुका हूं.....जिंदगी में अब #मोहब्बत करने का मकसद ही नहीं बचा अब केवल मां की खुशी के लिए जिंदा हूं...और हां सुनो ,,,अपने #बेटे को कभी किसी से #इश्क मत करने देना.....क्योंकि वो छोड़ेगी तो मर जाएगा तेरा लाल,,,,सबकी छाती #पत्थर की नहीं होती...... तेरे लिए तो मै वो #मशहूर_नीम का पेड़ हूं ,,,जिसकी दातून और पत्तियां तुमने खूब चबाई ,,,,,लेकिन जैसे ही रोग ठीक हुआ पेड़ ही #कटवा बैठी ......,,,,, ऊपर वाला सब देखता है आज नहीं तो कल देखता है ©Prince singh Rajawat #Goodevening
Sangram Nikhil Singh
धिक्कार है,धिक्कार है, ऐ संसद धिक्कार है। माएं बेबस हो चीख रही, कि बच्चा बीमार है।। कुछ दिवस पूर्व है चुने गए, जिनकी बनी सरकार है। तुझमें बैठ विनोद करे वो, निर्लज्जो की सरकार है।। #NojotoQuote #bihar
राजेश गुप्ता'बादल'
लोभी लंपट लालची,सत्ता के मक्कार। मूर्ख समझें अवाम को,बार बार धिक्कार।। बार बार धिक्कार, इनको लाज ना आती। बांटन को करें प्रचार,ज्यूं ये करण के नाती।। कह बादल कवि राय,वचन ये पत्ता गोभी। जो मानो मेरी राय,ये सभी सत्ता लोभी।। लोभी लंपट लालची,सत्ता के मक्कार। मूर्ख समझें अवाम को,बार बार धिक्कार।। बार बार धिक्कार, इनको लाज ना आती। बांटन को करें प्रचार,ज्यूं ये करण के नाती।। कह बादल कवि राय,वचन ये पत्ता गोभी। जो मानो मेरी राय,ये सभी सत्ता लोभी।।
लोभी लंपट लालची,सत्ता के मक्कार। मूर्ख समझें अवाम को,बार बार धिक्कार।। बार बार धिक्कार, इनको लाज ना आती। बांटन को करें प्रचार,ज्यूं ये करण के नाती।। कह बादल कवि राय,वचन ये पत्ता गोभी। जो मानो मेरी राय,ये सभी सत्ता लोभी।।
read moreYáďuvaňshi Rąž
होली के शुभ अवसर पर भी, तूने ना मुझे याद किया । मेरे किये मैसेज का ना, तूने कोई जवाब दिया । धिक्कार है तेरे ऐसे प्यार पे , जो तूने मेरे साथ किया ।। #NojotoQuote #धिक्कार #है #तेरे #प्यार #पे
सौरभ सिंह गिर्दाब
मै अकेला हूँ और अकेला ही हुंकार भरूंगा, तुम्हारी गलतीयों पर तुम्हे ललकारा कर रहूँगा, लाख मुश्किलों का अंबार लगा दो मेरी राहों में, मै तुम्हे धिक्कार रहा हूँ, धिक्कार कर रहूँगा, #गिर्दाब #NojotoQuote #गिर्दाब
RV Chittrangad Mishra
बुढ़ापे में जो हो जाए उसे हम प्यार कहते हैं, जवानी की मुहब्बत को फकत व्यापार कहते हैं । जो सस्ती है, मिले हर ओर, उसका नाम महंगाई न महँगाई मिटा पाए, उसे सरकार कहते हैं । जो पहुंचे बाद चिट्ठी' के उसे हम तार कहते हैं, जौ मारे डाक्टर को हम उसे बीमार कहते हैं । जो धक्का खाक चलती है उसे हम कार मानेंगे, न धक्के से भी जो चलती उसे सरकार कहते हैं । कमर में जो लटकती है, उसे सलवार कहते हैं, जौ आपस में खटकती है, उसे तलवार कहते हैं । उजाले में मटकती है, उसे हम तारिका कहते, अँधेरे में भटकती है उसे सरकार कहते हैं । मिले जो रोज बीवी से उसे फटकार कहते हैं जिसे जोरू नहीं डांटे उसे धिक्कार कहते हैं । मगर फटकार से धिक्कार से भी जो नहीं समझे उसे मक्कार कहते हैं उसे सरकार कहते हैं । सुबह उठते ही बिस्तर से ' कहाँ अखबार कहते हैं शकल पर तीन बजते 'चाय की दरकार' कहते हैं । वे कहती हैं ' चलो बाजार ' हंसकर शाम के टाइम, तो हम नजरें झुका कर ' मर गए सरकार ' कहते हैं #NojotoQuote sarkar
sarkar
read moreTwinkle Karmakar
जन्मदाता हो तुम बस इसी बात का गुमान हैं, उसके जिस्म पर दिए तुम्हारे अनगिनत घाव हैं, बेटी की इज्ज़त नहीं कर सकते तो सुनो, तुम्हारे पिता होने पर तुम्हें धिक्कार हैं।। बेटे को तुम पैसे कमाने का जरिया मानते हो, लालच में उसपर तुम प्रेम बरसाते हो, वो देगा तुम्हें दो वक़्त की रोटी, इसलिए उसके हर अपराध पर पर्दा डालते हो, तुम्हें बेटों का पिता होने पर अहंकार हैं, तो सुनो, तुम्हारे पिता होने पर तुम्हें धिक्कार हैं।। अपने ही संतान को, दो नज़रों से देखते हो, बेटी के चरित्र पर उंगली उठाते हो, उसके जिस्म और अंतरात्मा को चोट पहुंचाते हो, और खुद को समाज में आदर्श पिता दिखाते हो, तुम नकाब ओढ़ कर चलो, उसी में तुम्हरा उद्धार हैं, लेकिन, तुम्हारे पिता होने पर तुम्हें धिक्कार हैं। कब तक यू असलियत छुपाओगे, एक ना एक दिन सबके सामने आओगे, अपने हर कर्मो का हिसाब चुका कर जाओगे, इंतज़ार रहेगा मुझे, उस दिन का जब तुम अपने किए पर खुद को शर्मिंदा पाओगे, लाख बेटों की चाह रखो तुम, हो सकता हैं, लाखों सुख तुम बेटों से पाओगे, किन्तु एक कटु सत्य हमेशा याद रखना बेटी के हाथों ही मृत्यु उपरांत जल प्रथम पाओगे।।