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Mamta Singh
Bhupendra Kewat
आप सभी को मेरी तरफ से ©Bhupendra Kewat #आप सभी को #चैत्र #नवरात्रि की हार्दिक #शुभकामनाएं #viral_video #navratri #trainding_status #short_Story
पूर्वार्थ
तू ही कर्म कराती मैय्या, तू ही भाग्य बनाती है, सारी दुनिया तेरी महिमा, तू ही खेल रचाती है। ब्रह्मा, विष्णु और सदाशिव, सब में तेरी शक्ति मां, कभी तू गौरी, कभी कालिमा, नित नए रूप बनाती मां। तू ही शक्ति, तू ही भक्ति, विद्या और अविद्या है, राम भी तू, रावण भी तू ही, तू ही युद्ध रचाती है। सूरज-चंदा तेरे सहारे, सप्तऋषि और सारे तारे, सारी सृष्टि उधर घूमती, तू करती जिस ओर इशारे। आग में बाग लगाती मैय्या, सागर पीती बन ज्वाला, पूजा-पाठ की अग्नि तू ही, मधुशाला की तू हाला। तूने जन्मा सारे जग को, तू ही गोद खिलाती है, कालचक्र का घुमा के पहिया, वापस हमें बुलाती है। सारी दुनिया तेरी महिमा, तू ही खेल रचाती है। #चैत्र के नवरात्र और नए वर्ष की सबको हार्दिक बधाई ©पूर्वार्थ #navratri #चैत्र के नवरात्र और नए वर्ष की सबको हार्दिक बधाई
Mamta kumari
देख़ो चैत्र महीना आया संघ अपने कई रंग लाया गेंहू खेत खलिहान में शोभते, सरसों के पीले दाने खेतो में गिरते दलहन खलिहान में खुशबू बिखेरते देखो दादी काकी बुआ आती संघ अपने झोला-झोली बाल्टी लाती और खलिहान में जा तैयारी करती खलिहान के किनारे आम के पेड़ पर कोयल गीत सुनाती कोयल गीत सुना सब के मन को मोहती और आम के मंजर(आम के फूल)खुशबू बिखेरती । देखो चैत्र महीना आया संघ अपने कई रंग लाया । ©Mamta Kumari #चैत्र का आगमन
Maitreya
हिन्दू नववर्ष" चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2078 (तदनुसार 13 अप्रैल 2021) की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ । हिंदू भारतीय इतिहास में इस दिन का बहुत बड़ा ऐतिहासिक महत्व है। आज से 1,96,08,53,122 वर्ष पूर्व इस ब्रह्माण्ड का रचना प्रारंभ हुआ था सूर्य उदय के साथ। सत्ययुग का प्रारंभ भी इसी दिन को हुआ था। सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन अपना साम्राज्य स्थापित किया, उन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का नामकरण हुआ है। शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में शल्य संवत की स्थापना किया। बसंत ऋतु का आरंभ लगभग इसी समय होता है, जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंधि से परिपूर्ण होती है फसल पकने का प्रारंभ यानि किसान की मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है !पुराणों में कुल 60 संवत्सरों का जिक्र है. इसके मुताबिक़ नवसंवत्सर यानी नवसंवत्सर 2078 का नाम आनंद होना चाहिए था. लेकिन ग्रहों के कुछ ऐसे योग बन रहे हैं जिसकी वजह से इस हिन्दू नववर्ष का नाम 'राक्षस' होगा. राक्षस नाम के इस संवत्सर में मंगल के राजा होने से वर्षा में कमी होगी। फसल कम होगी। अनाज, घी और तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल आएगा। मंगल के मंत्री होने से दूध की कमी होगी। नकली दूध का उत्पादन बढ़ेगा। आम जनता में दुख और आक्रोश बढ़ेगा लेकिन मुट्ठी भर लोग सुखी होंगे। आम जनता के कष्ट में वृद्धि के संकेत हैं। शुक्र के धन्याधिपति होने से बड़ों का भय नष्ट होता है। गुरु के धान्येश होने से अन्न की अच्छी उपज होगी। अकाल से अनाज और औषधि नष्ट होने से क़ीमतें बढ़ेंगी। गुरु के द्वारा धन की कमी भी नहीं होने दी जाएगी। कुल मिलाकर पूरी दुनिया की आर्थिक स्थिति में सुधार होने के आसार है। इस साल देश में कई तकरीबन सैंकड़ों की संख्या में आंदोलन होंगे। जो संवत्सर 2078 के अंत तक सिमटते हुए दिखेंगे। वहीं कई लोगों के असली चेहरे भी इस दौरान सामने उजागर हो जाएंगे। दुर्घटना, आतंक, चोरी और दंगे बढ़ेंगे, सीमा क्षेत्रों में युद्ध के लक्षण दिखेंगे, जो अगले वर्ष तक निर्णय होगा। बीमारियों से निजाद नवंबर तक होने की उम्मीद है और शिक्षण संस्थानों को नई प्रारूप भी मिलेगा। नए नेतृत्व का मार्ग भी खुलेगा जो नए प्रारूप में दर्शन मार्ग को खोलेगा। #मैत्रेय #नववर्ष #रुद्रभयानंद #चैत्र #soulsearchers #soulwisdom ©Maitreya हिन्दू नववर्ष" चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2078 (तदनुसार 13 अप्रैल 2021) की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ । हिंदू भारतीय इतिहास में इस दिन का बहुत बड़ा ऐतिहासिक महत्व है। आज से 1,96,08,53,122 वर्ष पूर्व इस ब्रह्माण्ड का रचना प्रारंभ हुआ था सूर्य उदय के साथ। सत्ययुग का प्रारंभ भी इसी दिन को हुआ था। सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन अपना साम्राज्य स्थापित किया, उन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का नामकरण हुआ है। शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में शल्य संवत की स्थापना किया। बसंत ऋतु क
Trilok Yadav Atwei
ये नव वर्ष हमें स्वीकार नहीं है अपना ये त्यौहार नहीं है अपनी ये रीत नहीं है अपना ये व्यवहार नहीं #newyear2021 #चैत्र मास #नवसंबत्सर ©Trilok Yadav ये नव वर्ष हमें स्वीकार नहीं,है अपना ये त्यौहार नहीं #newyear 2021 #चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा #नवसंबत्सर @Trilok yadav #bye2020 roli yadav Ambika Jha Sujata jha Abhinav jain lekhak sandesh
Vivek prajapati
🌹🌹Hello friends 🌹🌹 कैसे हैं, आप सब लोग अच्छे ही होंगे खुशमिजाज जिंदगी जीवन व्यतीत कर रहे होंगे। आप सब लोग अपने घरों में। चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गा मां के कालरात्रि रूप की पूजा की जाती है। मां दुर्गाजी का सप्तम् स्वरूप मां कालरात्रि देवी का है । दुर्गा मां की पूजा का सातवां दिन भी नवरात्रि के दिनों में बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। सदैव शुभ फल देने के कारण इनको शुभंकरी भी कहा जाता है। कहा जाता है कि मां कालरात्रि की पूजा करने से काल का नाश होता है। मां के इस स्वरूप को वीरता और साहस का प्रतीक माना जाता है। ऐसी मान्यता है, कि मां कालरात्रि की कृपा से भक्त हमेशा भयमुक्त रहता है, उसे अग्नि, जल, शत्रु आदि किसी का भी भय नहीं होता। जानिए नवरात्रि के तीसरे दिन की पूजा विधि, व्रत कथा, आरती, मंत्र, मुहूर्त… धन्यवाद आप सभी का। 🌹🌹🌹विवेक🌹🌹🌹 #चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गा मां के कालरात्रि
Bhairav
🌸 जय माता दी 🌸 चैत्र नवरात्र की अनंत शुभकामनाये..🙏🏻 आप घर पर ही रहे..🏠 माता आप के घर आ रही है...🔯 💐🤝🏻💐 राधे-राधे #चैत्र नवरात्र
डॉ जे सी सोनी
🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 🕉🙏💎💎💎💎🙏🕉 *🔱अष्टमी व नवमी तिथि ने बनाया महा संयोग।🔱* *डाॅ.जे.सी.सोनी* *💎एस्ट्रो &पामिसट💎* *9039130324📲paytm*