कोरा काग़ज़ कवि सम्मेलन 02 में आपका स्वागत है----
मैं भूमिका बनाता हूँ- मेरा साथ दीजिएगा मेरी हिम्मत बनियेगा--
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चित्र बनाता हूँ----
बेहद प्यार करने वाले कुछ परिस्थितियों में बिछड़ गए।प्रेमिका के फ्रेंड्स प्रेमी से हाल पूछते हैं विचलित प्रेमी अपनी प्रेयसी की याद में कुछ पंक्ति लिखता है----
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तेरे गाँव गली का हर इक पत्थर जानता है।
पत्ता पत्ता वहाँ का मेरी रूह पहचानता है। #कोराकाग़ज़#collabwithकोराकाग़ज़#विशेषप्रतियोगिता#KKकविसम्मेलन#KKकविसम्मेलन2#पाठकपुराण#kkपाठक_पुराण