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Nature Quotes यूं मिलना हो गया तुमसे जनम फिर से दो

Nature Quotes यूं मिलना हो गया तुमसे जनम फिर से दोबारा हो, 
तो आओ दोस्ती कर ले अगर तुमको गवारा हो।
तेरी धड़कनों में आज भी मौजूद हूं मैं क्या ? 
 हिचकियां रात भर आई तूने जैसे पुकार हो।


१) तुम्हारे जाने से दुनिया ना हमको रास आती है
कभी क्या तुमको भी मेरी बताओ याद आती है।
तो क्या तुम आज भी सिरहाने तकिया भूल जाते हो 
वो क्या मेरी तरह ही तुमको बाहों में सुलाती है।


२)तुम्हारी ख्वाहिशों का इक पिटारा पास रखा है 
नींद बागी बनी बैठी सपन हार त्याग रखा है।
मेरे गीत, गजलें, नज़्म सब तुझको समर्पित हैं 
कि अपने जिस्म को मैंने खूंटी पे टांग रखा है।


३) हृदय तुम ले गए मेरा भाव भी अब तुम्हारे हैं 
आईने रूठ जाते हैं जब हम कहते तुम्हारे हैं
जो तुम पे थी लिखीं गजलें कभी हमने मोहब्बत में
प्रज्ञा' को छोड़िए भंवरे भी अब वो गुनगुना रहे हैं।



४) मोहब्बत सीखना है तो कोई तुमसे आ सीखे
कि मेरी सांस लौट आई तुमसे आज मिलकर के 
इजाजत हो अगर एक बार तुमको बाहों में भर लूं 
मैं पारस बन ही जाऊंगा तुमको आज छू करके । 


कवयित्री:- प्रज्ञा शुक्ला ' सीतापुर

©#काव्यार्पण यूं मिलना हो गया तुमसे
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