एक गुज़ारिश वक़्त से एक गुज़ारिश है उस वक़्त से फिर एक दफ़ा अपनी पनाह में मुझे ले ले, गुज़र गया जो वक़्त नादानी भरा फिर दास्तां ए दौर वही पुरानी मिरी दुहरा दे, तज़ुर्बा ए ज़िन्दगी में एक सैलाब सा उठा ऐसा रास-ए-सुकून मिरा हुआ फ़ना, तलाश-ए-दौर जारी है अब भी मिरी ख़ुशियों के आशियाने तक पैग़ाम कोई मिरा पहुँचा दे, रज-रज के करूँ मैं ऐ वक़्त तुझसे दरख़्वास्त फिर वो दौर-ए-किनारा मिरा लौटा दे,ऐ वक़्त तिरी सुईयों को रोक पाना मुनासिब नहीं, हो करम ए वक़्त तिरा मुझ पर इतना एक दफ़ा मिरी सूनी ज़िन्दगी को गुलज़ार बना दे, तीसरा-चरण_गुज़ारिश शीर्षक_ एक गुज़ारिश वक़्त से ******************* #HappyBirthdayYQ #HBDYQ #HBDYQ3 #गुज़ारिश #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #tarunasharma0004