रूठा रूठा सा इश्क़ तेरा मुझे इज़्तिराब कर रहा है तेरा ये मायूस चेहरा दिल को बेताब कर रहा है तेरी लहराती ज़ुल्फ़ों से हवाएँ ख़ुशनुमा होती थीं रुख़्सार पे तेरा ये तिल जैसे कोई फ़रियाद कर रहा है तुझको मनाने के ख़ातिर मैं कुछ भी कर जाऊँगा तेरा गुस्सा लबरेज़ दरिया-ए-दिल को पायाब कर रहा है सरगोशियों की बात है सरगोशियों में होने दो इश्क़-ए-शफ़्फ़ाफ़ मेरा सनम, तुझे याद कर रहा है कभी दिल की बात को दिल से भी समझा कर संगदिल तेरा ये बार बार रूठना 'सफ़र' को बेज़ार कर रहा है 🔹🔹रूठा रूठा सा इश्क़ तेरा 🔹🔹 इज़्तिराब- बेचैन लबरेज़- ऊपर तक भरा हुआ पायाब- जो गहरा न हो सरगोशियों- फुसफुसाहट इश्क़-ए-शफ़्फ़ाफ़- पवित्र प्रेम संगदिल- अत्याचार करने वाला