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प्रेम त्याग है , बलिदान है , निस्वार्थ सेवा भाव है

प्रेम त्याग है , बलिदान है ,
निस्वार्थ सेवा भाव है
सम्पूर्ण समर्पण है,,,
प्रेम में इच्छा, चाहत, कामना, या कुछ लेना नही होता है
प्रेम संतुष्टि है, सद्कर्म है, परोपकार है
इसमें सदा देने का भाव होता है
प्रेम केवल नर नारी/ पुरुष स्त्री या लड़का लड़की में 
निहित नहीं है
यह वह अनुभूति होती है जिसे आप 
प्रकृति में
पशु पक्षियों जानवरों में
या फिर साथी, सहचर,दोस्तों, सहपाठी 
या किसी भी सजीव वस्तु
में इंसानियत या सहयोग या अपनी प्रसन्नता के रूप में
महसूस कर सकें
आप इसे नैसर्गिक प्रकिया समझ सकते हैं जो कि 
भौतिक सुख सुविधाओं से 
सर्वोपरि होती है
आधुनिक वर्तमान दुनिया इसके अर्थों से अभिन्न, 
इसके रूप स्वरूप से अज्ञात हो 
इसे क्लिष्ट , विकिर्त, नष्ट, ओर इसके 
विनाश में संलिप्त है,,,.....

©Rakesh frnds4ever
  #Love 
#प्रेम  त्याग है , बलिदान है ,
निस्वार्थ सेवा  भाव है
सम्पूर्ण #समर्पण ण है,,,
प्रेम में इच्छा, चाहत, कामना, या कुछ लेना नही होता है
प्रेम #संतुष्टि है, सद्कर्म है, परोपकार है
इसमें सदा देने का भाव होता है
प्रेम केवल नर नारी/ पुरुष स्त्री या लड़का लड़की में निहित नहीं है

Love #प्रेम त्याग है , बलिदान है , निस्वार्थ सेवा भाव है सम्पूर्ण #समर्पण ण है,,, प्रेम में इच्छा, चाहत, कामना, या कुछ लेना नही होता है प्रेम #संतुष्टि है, सद्कर्म है, परोपकार है इसमें सदा देने का भाव होता है प्रेम केवल नर नारी/ पुरुष स्त्री या लड़का लड़की में निहित नहीं है #दुनिया #समाज #इंसानियत #प्रकृति #अनुभूति #भौतिक #rakeshfrnds4ever

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