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अदनासा-
बेजुबान शायर shivkumar
" प्रेम का भाव तो तुच्छ मन से ही होता हैं, मूर्ख हैं वो लोग जो इसे देह और भौतिक को तुम उन वस्तुओं से क्यो तोलते हैं " ©Shivkumar एक गुमनाम शायर #thought #motivatation #Quotes #Nojoto " #प्रेम का #भाव तो तुच्छ #मन से ही होता हैं, #मूर्ख हैं वो लोग जो इसे देह और #भौतिक को तुम उन #वस्तुओं से क्यो तोलते हैं "
Mukesh Poonia
एक दिन आपको एहसास होगा कि भौतिक चीज़ों का कोई मतलब नहीं है। जो मायने रखता है वह उन लोगों की भलाई है जिनसे आप प्यार करते हैं। रतन टाटा जी . ©Mukesh Poonia एक दिन आपको #एहसास होगा कि #भौतिक #चीज़ों का कोई #मतलब नहीं है। जो मायने रखता है वह उन #लोगों की #भलाई है जिनसे आप #प्यार करते हैं। #रतन #टाटा जी
अदनासा-
😇🙏👂🤫🙂😁 सिरीयस व्यंग्य 😁🙂🤫👂🙏😇 एक कर्मचारी आवाज़ लगाए जा रहा था , " ऐ भगवान... भगवान... ऐ भगवान... " , उस दौरान वहीं पर खड़े एक अन्य कर्मचारी ने उसे टोकते हुए कहा , " अरे भाई साहब ऐ नही , हे भगवान बोला जाता है " , आवाज़ लगा रहे उस कर्मचारी ने उसकी तरफ आश्चर्य से देखा और कहा , " अरे.. भाई मैं अपने मशीन ऑपरेटर दोस्त को ढूंढ रहा हूं , उसी दौरान उसकी नज़र भगवान नाम वाले शख़्स पर पड़ी , उसने कहा, " वो रहे भगवान " पास खड़े अन्य कर्मचारी ने मुस्कुराते हुए कहा , " भाई सच्ची श्रद्धा से भगवान को खोजोगे तो वे अवश्य मिलेंगे " आवाज़ लगा रहा कर्मचारी मुस्कुराते हुए चला गया । 🌌🌏💐🌹🥀🌺🌷🪷🌸💮🏵️🪻🌻🌼🌏🌌 अपितु यह तो भौतिक संसार का एक साधारण सा भाग था, परंतु आध्यात्मिक संसार के असाधारण भाग में अनगिनत भगवान एवं उनकी अनगिनत शक्तियों से सामना होता है परंतु आध्यात्मिक यात्रा का गंतव्य नही है , वे हमे अनंत यात्रा से भी परे ले जाती है । 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ©अदनासा- #हिंदी #गंभीर #व्यंग्य #सिरीयस #आध्यात्मिक #भौतिक #संसार #Instagram #Facebook #अदनासा
अदनासा-
विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार 💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C2REJFxvMva/?igsh=dHE3OWI2ZnBscmtz #हिंदी #मोबाइल #टेक्नोलॉजी #भौतिक #विज्ञान #जिजीविषा #आधुनिक #Instagram #Facebook #अदनासा
read moreRakesh frnds4ever
प्रेम त्याग है , बलिदान है , निस्वार्थ सेवा भाव है सम्पूर्ण समर्पण है,,, प्रेम में इच्छा, चाहत, कामना, या कुछ लेना नही होता है प्रेम संतुष्टि है, सद्कर्म है, परोपकार है इसमें सदा देने का भाव होता है प्रेम केवल नर नारी/ पुरुष स्त्री या लड़का लड़की में निहित नहीं है यह वह अनुभूति होती है जिसे आप प्रकृति में पशु पक्षियों जानवरों में या फिर साथी, सहचर,दोस्तों, सहपाठी या किसी भी सजीव वस्तु में इंसानियत या सहयोग या अपनी प्रसन्नता के रूप में महसूस कर सकें आप इसे नैसर्गिक प्रकिया समझ सकते हैं जो कि भौतिक सुख सुविधाओं से सर्वोपरि होती है आधुनिक वर्तमान दुनिया इसके अर्थों से अभिन्न, इसके रूप स्वरूप से अज्ञात हो इसे क्लिष्ट , विकिर्त, नष्ट, ओर इसके विनाश में संलिप्त है,,,..... ©Rakesh frnds4ever #Love #प्रेम त्याग है , बलिदान है , निस्वार्थ सेवा भाव है सम्पूर्ण #समर्पण ण है,,, प्रेम में इच्छा, चाहत, कामना, या कुछ लेना नही होता है प्रेम #संतुष्टि है, सद्कर्म है, परोपकार है इसमें सदा देने का भाव होता है प्रेम केवल नर नारी/ पुरुष स्त्री या लड़का लड़की में निहित नहीं है
शब्दिता
देखो इन वृक्षों ने दी है, धूप में तप्त मनुष्य को छांव , फल , शुद्ध वायु आदि फिर भी अपने भौतिक सुख हित इन वृक्षों को काट स्वयं के लिए उत्पन्न करता बर्बादी... तो बताओ कहां सम्मान होगा नारी का भी जो देती है ममता की छाया, पुत्र - पुत्री की माया जो घर आंगन की शोभा बढ़ाती है। अज्ञान में रहेगी नारी तो सब कुछ देकर भी वृक्ष सम काटी जाएगी ज्ञान में रहेगी तो आंच स्वयं पर ना आएगी। करेगी हर प्रकार के शोषण का उन्मूलन स्वयं के साथ-साथ नारी जाति के लिए उदाहरण बन जाएगी ©शब्दिता #WinterSunset देखो इन वृक्षों ने दी है, धूप में तप्त मनुष्य को छांव , फल , शुद्ध वायु आदि फिर भी अपने #भौतिक सुख हित इन वृक्षों को काट स्वयं के लिए उत्पन्न करता बर्बादी...
#WinterSunset देखो इन वृक्षों ने दी है, धूप में तप्त मनुष्य को छांव , फल , शुद्ध वायु आदि फिर भी अपने #भौतिक सुख हित इन वृक्षों को काट स्वयं के लिए उत्पन्न करता बर्बादी...
read moreDiwan G
विज्ञान धन तो नहीं है, लेकिन भौतिक दौलत है। जो भी हमें हांसिल है, वो विज्ञान की बदौलत है। ©Diwan G #विज्ञान #भौतिक #दौलत #धन #बदौलत #दिवानजी
Keshav Suryavanshi
#OpenPoetry माझे मत-- माझे विचार मित्रांनो, राजा महालात सुख मानतो तर गरीब झोपडीत! हे गरीबीचे समर्थन नसून,गरीब-श्रीमंतीचे बाह्य भौतिक परिस्थीतीचे मापन होय.ही भौतिक श्रीमंती- गरीबीपेक्षा आंतरीक श्रीमंती- गरीबी अधिक महत्वाची असते.भौतिक श्रीमंतीत जगणारी व्यक्ती अहंकरी तर भौतिक जीवनात गरीबीत जगणारी व्यक्तीत आंतरीक भावश्रीमंती असते.त्या व्यक्तीत आसक्ती नसल्यामुळे ,सुखासाठी ती व्यक्ती कुणावरही अवलंबून नसते. अॅड.के.एम.सूर्यवंशी
Keshav Suryavanshi
माझे मत-- माझे विचार मित्रहो, तन- मन- धन ही मानव निर्मित संकल्पना आहे. खरेतर, तन- मन हे निसर्ग निर्मित मानवी देह- संपत्ती असून, धन ही मानव निर्मित भौतिक धन- संपत्ती आहे. तन व मन याचा धनाशी अणूरेणूचाही संबंध नाही.तन व मन एकवटले तर मानसिक बळ वाढते याउलट धन एकवटले भौतिक बळ वाढून, मानसिक बळ प्रभावहीन होते. अॅड.के.एम.सूर्यवंशी